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Defence: भारत 156 मेड इन इंडिया LCH प्रचंड चॉपर खरीदेगा; CCS की बैठक में अब तक का सबसे बड़े रक्षा सौदा मंजूर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 28 Mar 2025 06:09 PM IST
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सार
रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीसीएस) की बैठक में आज ऐतिहासिक डिफेंस डील को मंजूरी दी गई। सीसीएस की बैठक में 156 स्वदेशी हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी गई है। रक्षा अधिकारी ने बताया है कि यह अब तक का सबसे बड़ा रक्षा समझौता है।

भारत ने 156 LCH हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए सबसे बड़े सौदे को मंजूरी दी
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत ने 156 मेड इन इंडिया प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला लिया है। ये लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) हैं। रक्षा अधिकारी के हवाले से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आज हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। रक्षा अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह भी पढ़ें - Shashi Tharoor: 'हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंतित', विदेश मंत्री के बयान पर थरूर का समर्थन
थलसेना के लिए 90, 66 वायुसेना के लिए हेलिकॉप्टर
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हेलिकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बंगलूरू और तुमकुर स्थित संयंत्रों में किया जाएगा। 156 हेलिकॉप्टर में से 90 थलसेना के लिए होंगे, जबकि 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे। इन हेलिकॉप्टरों को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा।
LCH प्रचंड की खूबियां
एलसीएच प्रचंड में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। पूरे सैन्य साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किग्रा है। इसपर 700 किग्रा के हथियार लगाए जा सकते हैं। वहीं अधिकतम रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा है। प्रचंड की रेंज 550 किमी है। यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट तक उड़ान भर सकता है। यह वजन के साथ 16,400 फीट की ऊंचाई पर भी टेकऑफ कर सकता है। इसके अलावा प्रचंड में 20 मिमी की एक तोप भी लगी है।
हथियारों के स्वदेशीकरण को मिलेगा बढ़ा
इस खरीद से रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की बढ़ेगी, बल्कि हथियारों के स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि, अभी तक एचएएल ने 15 प्रचंड हेलीकॉप्टर बनाए हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना के लिए दस और सेना के लिए पांच एलसीएच प्रचंड शामिल हैं।
यह भी पढ़ें - Small Savings: डीए के बाद लघु बचत योजनाओं पर सरकार का बड़ा एलान, अप्रैल से शुरू हो रही तिमाही के लिए आया फैसला
5000 मीटर की ऊंचाई पर भी आसानी से उतर सकता है प्रचंड
हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर (एलसीएच) को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलिकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर सकता है और उड़ान भर सकता है। इसकी यही खासियत इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श बनाता है। प्रचंड हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के जरिये रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है।
हैवी रिकवरी वाहनों के लिए सेना का अशोक लीलैंड से समझौता
सेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 54 भारी रिकवरी वाहनों (एचआरवी) के लिए मेसर्स अशोक लीलैंड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड के साथ 168.09 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार नए खरीदे जाने वाले एचआरवी अधिक ऊंचाई और रेगिस्तानी वातावरण में खराब, फंसे और क्षतिग्रस्त सैन्य वाहनों की रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन टोइंग वाहनों को सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नत लिफ्टिंग तंत्र और उच्च सहनशक्ति के साथ डिजान किया गया है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित यह विशेष वाहन भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का हिस्सा है।

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थलसेना के लिए 90, 66 वायुसेना के लिए हेलिकॉप्टर
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हेलिकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बंगलूरू और तुमकुर स्थित संयंत्रों में किया जाएगा। 156 हेलिकॉप्टर में से 90 थलसेना के लिए होंगे, जबकि 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे। इन हेलिकॉप्टरों को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा।
LCH प्रचंड की खूबियां
एलसीएच प्रचंड में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। पूरे सैन्य साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किग्रा है। इसपर 700 किग्रा के हथियार लगाए जा सकते हैं। वहीं अधिकतम रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा है। प्रचंड की रेंज 550 किमी है। यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट तक उड़ान भर सकता है। यह वजन के साथ 16,400 फीट की ऊंचाई पर भी टेकऑफ कर सकता है। इसके अलावा प्रचंड में 20 मिमी की एक तोप भी लगी है।
हथियारों के स्वदेशीकरण को मिलेगा बढ़ा
इस खरीद से रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की बढ़ेगी, बल्कि हथियारों के स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि, अभी तक एचएएल ने 15 प्रचंड हेलीकॉप्टर बनाए हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना के लिए दस और सेना के लिए पांच एलसीएच प्रचंड शामिल हैं।
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5000 मीटर की ऊंचाई पर भी आसानी से उतर सकता है प्रचंड
हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर (एलसीएच) को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलिकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर सकता है और उड़ान भर सकता है। इसकी यही खासियत इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श बनाता है। प्रचंड हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के जरिये रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है।
हैवी रिकवरी वाहनों के लिए सेना का अशोक लीलैंड से समझौता
सेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 54 भारी रिकवरी वाहनों (एचआरवी) के लिए मेसर्स अशोक लीलैंड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड के साथ 168.09 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार नए खरीदे जाने वाले एचआरवी अधिक ऊंचाई और रेगिस्तानी वातावरण में खराब, फंसे और क्षतिग्रस्त सैन्य वाहनों की रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन टोइंग वाहनों को सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नत लिफ्टिंग तंत्र और उच्च सहनशक्ति के साथ डिजान किया गया है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित यह विशेष वाहन भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का हिस्सा है।
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