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High Court: मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद विवाद पर कोर्ट सख्त, कहा- निर्माण में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: हिमांशु चंदेल Updated Fri, 05 Dec 2025 04:46 PM IST
सार

High Court on Babri Style Mosque: मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद-स्टाइल संरचना के शिलान्यास पर विवाद के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने कार्यक्रम रोकने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

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Calcutta High Court Murshidabad Babri style mosque construction issue TMC leader suspended Humayun Kabir
कलकत्ता हाईकोर्ट - फोटो : ANI
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विस्तार
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मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर प्रस्तावित मस्जिद के शिलान्यास को लेकर बढ़ते विवाद के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस प्रक्रिया में दखल नहीं देगा। 6 दिसंबर को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम से पहले दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस चरण पर न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा।

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यह विवादित परियोजना निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा प्रस्तावित है, जिन्होंने बेलडांगा में बाबरी मस्जिद-शैली की संरचना बनाने की घोषणा की थी। गुरुवार को दायर एक जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि 6 दिसंबर को शिलान्यास का आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता है, इसलिए कोर्ट कार्यक्रम पर रोक लगाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई तो की, लेकिन किसी भी प्रकार के रोक आदेश से इनकार कर दिया।
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याचिकाकर्ता का दावा
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कबीर के कथित भड़काऊ बयान सोशल मीडिया और यू-ट्यूब पर फैल रहे हैं, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने का खतरा है। याचिका में कहा गया कि विधायक रहते हुए इस तरह की टिप्पणी करना न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि क्षेत्र में साम्प्रदायिक तनाव भी बढ़ा सकता है। याचिका में अदालत से तत्काल हस्तक्षेप कर कार्यक्रम रोकने की मांग की गई थी।

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अदालत ने क्या कहा?
डिवीजन बेंच ने साफ कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई करना न्यायालय का काम नहीं है। अदालत ने निर्देश दिया कि 6 दिसंबर के कार्यक्रम से जुड़ी सुरक्षा, शांति और कानून-व्यवस्था का पूरा दायित्व बंगाल सरकार का होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्थितियों में किसी तरह के प्रतिबंध लगाने का आधार नहीं मिला है।

हुमायूं कबीर के विवादित बयान
हुमायूं कबीर इससे पहले भी विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। इसी कारण गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें सांप्रदायिक राजनीति करने के आरोप में निलंबित कर दिया। निलंबन के तुरंत बाद कबीर ने विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी और कहा कि वह इस महीने अपनी नई पार्टी भी लॉन्च करेंगे। मस्जिद प्रोजेक्ट और उनके राजनीतिक फैसलों ने इलाके की राजनीति को अचानक गरमा दिया है।

शिलान्यास का दिन छह दिसंबर होने के कारण प्रशासन पहले से सतर्क है, क्योंकि इसी तारीख को अतीत में विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ था। अदालत के फैसले के बाद अब कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तैयारी में हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन भी भीड़ नियंत्रण, संवेदनशील इलाकों में तैनाती और संभावित तनाव को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रहा है।


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