CBDT: मानक कटौती सुविधा का मिलेगा लाभ, नई व्यवस्था से नहीं होगा आयकरदाताओं को नुकसान
सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने बताया कि रिटर्न भरते समय करदाताओं को किसी एक को चुनने की पूरी आजादी होगी। अगर वे फिर से पुरानी व्यवस्था में लौटना चाहते हैं, तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने दावा किया है कि आम बजट में नई आयकर व्यवस्था को और आकर्षक बनाया गया है। कर दरों में की गई कटौती का लाभ ज्यादातर करदाताओं को मिलेगा। गुप्ता ने कहा, देश में करीब 3.5 करोड़ वेतनभोगी करदाता हैं। हर वेतनभोगी करदाता अगर पुरानी कर व्यवस्था को छोड़ नई व्यवस्था चुनता है, तो उसे नुकसान नहीं होगा क्योंकि नई व्यवस्था में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) का लाभ मिलेगा।
गुप्ता ने बताया कि रिटर्न भरते समय करदाताओं को किसी एक को चुनने की पूरी आजादी होगी। अगर वे फिर से पुरानी व्यवस्था में लौटना चाहते हैं, तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, करदाता और संस्थान लंबे समय से कटौती एवं रियायतों को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग कर रहे थे। इसे पूरा करने के लिए बजट में नई कर व्यवस्था में नए स्लैब और दरों की घोषणा की गई है।
दोनों व्यवस्था में अब समानता
गुप्ता ने बताया, नई व्यवस्था 2020-21 के बजट में शुरू की गई थी। लेकिन, इसका लाभ शायद लोगों तक नहीं पहुंच रहा था। इसलिए सरकार ने नई व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर गौर कर इसे बेहतर बनाया। स्लैब की संख्या और दरों में संशोधन किया। ताजा बजट में दोनों कर व्यवस्था के बीच एक तरह की समानता हासिल की है। इससे हर करदाता के लिए इसका लाभ स्पष्ट दिखाई दे रहा है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने करदाताओं ने दो साल में नई कर व्यवस्था को अपनाया है।
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा, किसी एक व्यवस्था को चुनने की आजादी
सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा कि नई व्यवस्था में ऐसा वर्ग बहुत छोटा होगा, जिसे इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। इन्हें छोड़कर यह हर किसी के लिए फायदेमंद है।
- करदाता और संस्थान लंबे समय से कर रहे थे कटौती व रियायतों को खत्म करने की मांग
ऑनलाइन कैलकुलेटर की सुविधा मिलेगी
गुप्ता ने बताया कि दोनों व्यवस्था में कर देनदारी की तुलना करने के लिए करदाताओं को पहले की तरह ही ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर की सुविधा दी जाएगी।
रियायत-मुक्त सरल आयकर व्यवस्था लाना लक्ष्य : मल्होत्रा
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि करदाताओं के लिए नई व्यवस्था को अनिवार्य बनाने की कोई समय-सीमा नहीं रखी है। लेकिन, सरकार का लक्ष्य कम दर वाला रियायत-मुक्त सरल आयकर ढांचा लाना है। हम कर की कम दर वाली व्यवस्था अपनाना चाहेंगे, जो सरल व बिना छूट वाली हो। नई व्यवस्था उनके लिए बेहतर है, जो पर्याप्त निवेश नहीं करते।