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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव दिसंबर में एक साथ करा सकते हैं
भाषा, नई दिल्ली
Updated Wed, 15 Aug 2018 09:44 PM IST
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CEC O P Rawat
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भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यदि लोकसभा चुनाव समय से पहले कराए जाते हैं तो वह चार राज्य विधानसभाओं के साथ ही लोकसभा का चुनाव एक साथ दिसंबर में कराने में सक्षम है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा कि इसके लिए जरूरी 17.5 लाख में से 1.5 लाख वीवीपैट मशीनें आयोग को नवंबर के आखिर में मिलेंगी। उनकी पहले स्तर की जांच मुश्किल होगी और कुछ छोटी-मोटी दिक्कतें रह जा सकती हैं।
रावत की यह टिप्पणी इस सवाल पर आयी कि यदि लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ दिसंबर में हो तो क्या चुनाव आयोग उसके लिए तैयार है।
उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘क्यों नहीं। कोई समस्या नहीं होगी।’’
कुछ हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि अप्रैल या मई 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को खिसकाकर नवंबर या दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है।
गौरतलब है कि मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर को खत्म हो रहा है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमश: पांच जनवरी 2019, सात जनवरी और 20 जनवरी 2019 को खत्म हो रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या जरूरी ईवीएम और मतदान की पर्ची देने वाली मशीनें (वीवीपैट) तैयार रहेंगी, यदि लोकसभा चुनाव इन चार विधानसभा चुनाव के साथ दिसंबर में कराये जाएं, सीईसी ने कहा कि सभी जरूरी ईवीएम सितंबर के आखिर तक तैयार हो जाएंगी जबकि वीवीपैट मशीन नवंबर के अंत तक आ जाएंगी।
उन्होंने कहा कि 17.5 लाख वीवीपैट मशीनों में से 16 लाख नवंबर से पहले तैयार हो जाएंगी। बाकी 1.5 लाख वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति नवंबर के अंत तक होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपने जानना चाहा था कि यदि लोकसभा चुनाव दिसंबर में होते हैं तब 1.5 लाख वीवीपैट मशीनों (जो कि आयोग को नवंबर के अंत में मिलेंगी) की पहले स्तर की जांच मुश्किल होगी...तब कुछ छोटी दिक्कतें रह जा सकती हैं।’’
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मुख्य चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा कि इसके लिए जरूरी 17.5 लाख में से 1.5 लाख वीवीपैट मशीनें आयोग को नवंबर के आखिर में मिलेंगी। उनकी पहले स्तर की जांच मुश्किल होगी और कुछ छोटी-मोटी दिक्कतें रह जा सकती हैं।
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रावत की यह टिप्पणी इस सवाल पर आयी कि यदि लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ दिसंबर में हो तो क्या चुनाव आयोग उसके लिए तैयार है।
उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘क्यों नहीं। कोई समस्या नहीं होगी।’’
कुछ हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि अप्रैल या मई 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को खिसकाकर नवंबर या दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है।
गौरतलब है कि मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर को खत्म हो रहा है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमश: पांच जनवरी 2019, सात जनवरी और 20 जनवरी 2019 को खत्म हो रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या जरूरी ईवीएम और मतदान की पर्ची देने वाली मशीनें (वीवीपैट) तैयार रहेंगी, यदि लोकसभा चुनाव इन चार विधानसभा चुनाव के साथ दिसंबर में कराये जाएं, सीईसी ने कहा कि सभी जरूरी ईवीएम सितंबर के आखिर तक तैयार हो जाएंगी जबकि वीवीपैट मशीन नवंबर के अंत तक आ जाएंगी।
उन्होंने कहा कि 17.5 लाख वीवीपैट मशीनों में से 16 लाख नवंबर से पहले तैयार हो जाएंगी। बाकी 1.5 लाख वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति नवंबर के अंत तक होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपने जानना चाहा था कि यदि लोकसभा चुनाव दिसंबर में होते हैं तब 1.5 लाख वीवीपैट मशीनों (जो कि आयोग को नवंबर के अंत में मिलेंगी) की पहले स्तर की जांच मुश्किल होगी...तब कुछ छोटी दिक्कतें रह जा सकती हैं।’’