'अम्फान' से बचने को खर्च किए 1500 करोड़, फिर भी उजड़े लाखों आशियाने
पश्चिम बंगाल में 8.13 लाख लोगों को बचाया गया था, जबकि ओडिशा में 2.37 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था। 23 मई को केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ फंड से बतौर अग्रिम राशि एक हजार करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल और पांच सौ करोड़ रुपये ओडिशा के लिए जारी किए थे...
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मई महीने में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान अम्फान ने तबाही मचाई थी। सबसे बड़ी बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकारें यह जानती थीं कि यह तूफान आने वाला है। इस तूफान ने भयंकर तबाही मचाई थी। हालांकि इससे बचाव पर 1500 करोड़ रुपये खर्च भी किए गए थे। बावजूद इसके 99 लोगों की मौत इस तूफान की वजह से हुई थी और लगभग 6.01 लाख घरों को भी इसने उजाड़ दिया था। पशुधन को भी काफी नुकसान हुआ था और 23965 मवेशी भी मारे गए थे।
संसद सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में सांसद डॉ. अमोल राम सिंह कोल्हे, डीएनवी सेंथिलकुमार एस, पीसी गद्दीगौदर, सुप्रिया सदानंद सुले, शिशिर कुमार अधिकारी, बी.मणिक्कम टैगोर, कुलदीप राय शर्मा और डॉ. सुभाष रामराव भामरे ने अम्फान से हुए नुकसान के बारे में पूछा था। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 38 और ओडिशा में बीस टीमें तैनात की गई थीं।
उनहेंने बताया कि पश्चिम बंगाल में 8.13 लाख लोगों को बचाया गया था, जबकि ओडिशा में 2.37 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था। 23 मई को केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ फंड से बतौर अग्रिम राशि एक हजार करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल और पांच सौ करोड़ रुपये ओडिशा के लिए जारी किए थे। गृह राज्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम न्यूनीकरण परियोजना एनसीआरएमपी के अंतर्गत आठ तटीय राज्यों में चक्रवात आश्रय और पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित की गई है।
कृषि और मछुआरों को नुकसान
अम्फान ने ओडिशा में 0.11 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया था, जबकि पश्चिम बंगाल में 5.71 लाख हेक्टेयर में भारी तबाही मचाई थी। ओडिशा में 28 नौकाएं और पश्चिम बंगाल में 8007 नौकाएं और 37711 जाल क्षतिग्रस्त हुए हैं।