Central Govt: हजारों करोड़ में तैयार हुए 'पूल रेजिडेंशियल आवासों' की खुली पोल, बरसात में हुआ ये हाल
केंद्र द्वारा संचालित एक आवास योजना का हैरान कर देने वाला सच सामने आया है। इस योजना के तहत बने आवासों की बरसात में पोल खुल गई। पढ़ें पूरी खबर.....
विस्तार
जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन (जीपीआरए), केंद्र द्वारा संचालित एक आवास योजना है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को दिल्ली और देश के अन्य 39 प्रमुख शहरों में किफायती आवास आवंटित किए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य, योग्य सरकारी कर्मचारियों को रहने की बेहतर सुविधा प्रदान करना है। इस कड़ी में नई दिल्ली स्थित 'सरोजिनी नगर पुनर्विकास प्रोजेक्ट' अब शर्मिंदगी का कारण बन गया है।
पिछले दो दिन की बरसात में 24,682 करोड़ रुपये से तैयार 'जनरल पूल रेजिडेंशियल आवास' की ऐसी पोल खुली कि लोग देखते रह गए। कई फ्लैट तो ऐसे थे, जो कई जगह से टपक रहे थे। विभिन्न उपकरण, जंग खा रहे हैं।
दीवारों में रिसाव और फफूंदी देखने को मिलती है। सीवरेज ओवरफ्लो हो गए। पाइपों की फिटिंग ऐसी है कि उसके चारों तरफ इतना स्पेस छोड़ा गया है कि उसमें कोई भी रेंगने वाला जीव छिपकर बैठ जाए।
बता दें कि जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन का आवंटन ई-संपदा पोर्टल के माध्यम से एकीकृत प्रतीक्षा सूची और स्वचालित आवंटन प्रणाली के आधार पर किया जाता है। सरोजिनी नगर पुनर्विकास प्रोजेक्ट, भी उक्त योजना का हिस्सा है।
सरकारी कर्मियों के अनुसार, ये फ्लैट अब शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं। नए बने सरकारी फ्लैटों में पानी भराव, रिसाव और फफूंदी जैसी गंभीर खामियां सामने आई हैं। एनबीसीसी द्वारा किए गए निर्माण में निगरानी और गुणवत्ता की भारी कमी उजागर हुई है। आधुनिकता का प्रतीक बनने वाला यह प्रोजेक्ट अब सरकारी लापरवाही और असफलता का उदाहरण बन गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जुलाई 2016 में दिल्ली स्थित सात 'जनरल पूल रिहायशी आवास' कालोनियों के पुनर्विकास को मंजूरी दी थी। इस परियोजना के तहत एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड को सरोजिनी नगर, नौरोजी नगर और नेताजी नगर कालोनियों के पुनर्विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई।
सीपीडब्ल्यूडी को शेष चार कॉलोनियों, कस्तूरबा नगर, त्यागराज नगर, श्रीनिवासपुरी और मोहम्मदपुर का कार्य सौंपा गया। परियोजना का उद्देश्य मौजूदा आवासीय इकाइयों के स्थान पर अधिक संख्या में आधुनिक आवास और सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना था।
यह परियोजना स्व-वित्तपोषण मॉडल पर आधारित थी। इसके तहत वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्रों की बिक्री से धनराशि जुटाई जानी थी। एनबीसीसी को सौंपी गई कार्यों की कुल लागत 24,682 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी।
कर्मियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जनवरी 2025 को दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी थी। इनमें सरोजिनी नगर के जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर भी शामिल हैं। सरोजिनी नगर के टाइप 2 क्वार्टर वाले 28 टॉवर हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं।
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