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Pahalgam Attack: पीओके में पहलगाम हमले के दहशतगर्द के जनाजे पर बवाल, स्थानीय लोगों ने लश्कर आतंकियों को खदेड़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 04 Aug 2025 09:01 AM IST
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सार
हबीब ताहिर, पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से भर्ती और प्रशिक्षित किया गया था। उसके संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। अमेरिका ने हाल ही में टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद की तस्वीर (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI
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विस्तार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकी हबीब ताहिर के जनाजे ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुइयां गांव में अप्रत्याशित मोड़ ले लिया। बता दें कि ताहिर को 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवन इलाके में भारतीय सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद 30 जुलाई को उसके गांव में उसका जनाजा निकाला गया। वहीं सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उनमें कुइयां गांव के लोग ताहिर के जनाजे में शामिल होते दिख रहे हैं। लेकिन जब लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का स्थानीय कमांडर रिजवान हनीफ अपने हथियारबंद साथियों के साथ जनाजे में पहुंचा, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया।
यह भी पढ़ें -Op Mahadev: 'तीनों आतंकियों के सिर में गोली मारी, पीड़ित जैसा चाहते थे वैसा...'; संसद में बोले अमित शाह
लश्कर आतंकियों से दूरी चाहते थे ताहिर के परिजन
सूत्रों के मुताबिक, ताहिर के परिवार ने साफ तौर पर कहा था कि वे लश्कर या किसी भी आतंकी संगठन को जनाजे से दूर रखना चाहते हैं। इसके बावजूद जब हनीफ वहां पहुंचा तो उसके भतीजे ने भीड़ को बंदूक दिखाकर डराने की कोशिश की। इससे स्थानीय लोग भड़क गए और भारी नाराजगी के बाद हनीफ और उसके लोगों को वहां से भागना पड़ा।
पाकिस्तान में बदल रही है स्थिति?
इस घटना को कुछ लोग इस रूप में देख रहे हैं कि अब पीओके में भी आम जनता और प्रशासन आतंकियों की गतिविधियों के खिलाफ खड़ा होने लगा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी पुलिस अब ऐसे कार्यक्रमों पर कार्रवाई कर रही है, जहां आतंकियों की सार्वजनिक मौजूदगी होती है।
भारत का ऑपरेशन 'महादेव' और 'सिंदूर'
बता दें कि ताहिर समेत तीन आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत श्रीनगर में ढेर किया था। इससे पहले अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जिसमें कई आतंकियों को मार गिराया गया था। भारत ने मई में उन पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम भी उजागर किए थे जो ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए थे। इनमें लश्कर कमांडर अब्दुल रऊफ भी शामिल था, जिसे अमेरिका ने 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित कर रखा है।
यह भी पढ़ें - Rajya Sabha: 'पहलगाम हमला देश का साझा दुख, सुरक्षा सिर्फ नारा नहीं, जिम्मेदारी', केंद्र सरकार पर बरसे मनोज झा
लश्कर को लेकर पाकिस्तान की सफाई
हाल ही में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की है और अब वह संगठन निष्क्रिय है। पाकिस्तान का कहना है कि पहलगाम हमले में लश्कर का कोई हाथ नहीं है और जांच अभी पूरी नहीं हुई है। लेकिन मुरिदके में स्थित लश्कर का मुख्यालय, जहां इन आतंकियों को प्रशिक्षण मिला, इस दावे को कमजोर करता है।

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लश्कर आतंकियों से दूरी चाहते थे ताहिर के परिजन
सूत्रों के मुताबिक, ताहिर के परिवार ने साफ तौर पर कहा था कि वे लश्कर या किसी भी आतंकी संगठन को जनाजे से दूर रखना चाहते हैं। इसके बावजूद जब हनीफ वहां पहुंचा तो उसके भतीजे ने भीड़ को बंदूक दिखाकर डराने की कोशिश की। इससे स्थानीय लोग भड़क गए और भारी नाराजगी के बाद हनीफ और उसके लोगों को वहां से भागना पड़ा।
पाकिस्तान में बदल रही है स्थिति?
इस घटना को कुछ लोग इस रूप में देख रहे हैं कि अब पीओके में भी आम जनता और प्रशासन आतंकियों की गतिविधियों के खिलाफ खड़ा होने लगा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी पुलिस अब ऐसे कार्यक्रमों पर कार्रवाई कर रही है, जहां आतंकियों की सार्वजनिक मौजूदगी होती है।
भारत का ऑपरेशन 'महादेव' और 'सिंदूर'
बता दें कि ताहिर समेत तीन आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत श्रीनगर में ढेर किया था। इससे पहले अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जिसमें कई आतंकियों को मार गिराया गया था। भारत ने मई में उन पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम भी उजागर किए थे जो ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए थे। इनमें लश्कर कमांडर अब्दुल रऊफ भी शामिल था, जिसे अमेरिका ने 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित कर रखा है।
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लश्कर को लेकर पाकिस्तान की सफाई
हाल ही में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की है और अब वह संगठन निष्क्रिय है। पाकिस्तान का कहना है कि पहलगाम हमले में लश्कर का कोई हाथ नहीं है और जांच अभी पूरी नहीं हुई है। लेकिन मुरिदके में स्थित लश्कर का मुख्यालय, जहां इन आतंकियों को प्रशिक्षण मिला, इस दावे को कमजोर करता है।