सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Chidambaram says Removing Gandhi name from MNREGA his second assassination criticize government on VB-G RAM G

Chidambaram: 'मनरेगा से गांधी का नाम हटाना उनकी दूसरी हत्या', जी राम जी बिल पर चिदंबरम ने केंद्र सरकार को घेरा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sun, 21 Dec 2025 07:29 PM IST
सार

P Chidambaram Statement: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मनरेगा से गांधी का नाम हटाने को महात्मा गांधी की दूसरी हत्या बताया। उन्होंने कहा कि नए कानून से ग्रामीण रोजगार की कानूनी गारंटी कमजोर हुई है और गरीबों के अधिकार छीने गए हैं। बता दें, रविवार को ही राष्ट्रपति ने जी राम जी बिल को मंजूरी भी दे दी है।

विज्ञापन
Chidambaram says Removing Gandhi name from MNREGA his second assassination criticize government on VB-G RAM G
पी चिदंबरम - फोटो : पीटीआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम से गांधी का नाम हटाने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने इसे महात्मा गांधी की दूसरी हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि संसद से पारित नए कानून के जरिए न सिर्फ गांधी की स्मृति को मिटाने की कोशिश की गई है, बल्कि ग्रामीण गरीबों के अधिकारों पर भी सीधा प्रहार हुआ है।
Trending Videos


चिदंबरम ने कहा कि 18 दिसंबर को संसद ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी विधेयक पारित किया, जो 20 साल पुराने मनरेगा कानून की जगह लेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बदलाव बिना पर्याप्त चर्चा के किया गया और इससे ग्रामीण रोजगार की कानूनी गारंटी कमजोर हो गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी इस कानून का लगातार विरोध करेगी। हालांकि आज ही यानी रविवार को राष्ट्रपति ने इस बिल को मंजूर भी कर दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन


गांधी और नेहरू को मिटाया नहीं जा सकता
चिदंबरम ने कहा कि महात्मा गांधी की पहली हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी और अब उनकी स्मृति को फिर से खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि गांधी और नेहरू को सरकारी आदेशों से नहीं मिटाया जा सकता, वे देश की चेतना में बुद्ध और यीशु की तरह जीवित हैं।

ये भी पढ़ें- VB-G RAM G Act: विकसित भारत-जी राम जी विधेयक बना कानून, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी; अब 125 दिन के काम की गारंटी

अधिकार से योजना बना दिया गया
कांग्रेस नेता ने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित अधिकार था। अगर कोई काम मांगता था तो सरकार कानूनी रूप से उसे काम देने के लिए बाध्य थी। नए कानून में यह अधिकार खत्म हो गया है और अब सरकार की मर्जी से काम दिया जाएगा। इससे ग्रामीण गरीब, दिहाड़ी मजदूर और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।

दक्षिण भारत के लिए नाम भी उलझाऊ
चिदंबरम ने नए कार्यक्रम के नाम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी अक्षरों में लिखे गए हिंदी नाम दक्षिण भारत के ग्रामीणों के लिए समझना मुश्किल है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब यह योजना पूरे देश में लागू नहीं होगी, बल्कि केवल केंद्र द्वारा तय किए गए जिलों तक सीमित रह जाएगी।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पहले केंद्र सरकार मजदूरी का पूरा खर्च उठाती थी और सामग्री लागत का 75 प्रतिशत देती थी। नए कानून में राज्यों पर ज्यादा बोझ डाला जा रहा है। बजट आवंटन लगातार घट रहा है। चार साल पहले जहां 1.11 लाख करोड़ रुपये थे, अब यह 65 हजार करोड़ तक आ गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्यों के पास पैसा नहीं हुआ तो योजना जमीन पर लागू ही नहीं हो पाएगी।

अन्य वीडियो-

 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article