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Bombay HC: कोल्हापुर में CJI गवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट की चौथी बेंच का किया उद्घाटन, अब 380KM नहीं करना होगा सफर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 17 Aug 2025 04:52 PM IST
सार
Bombay High Court: सीजेआई बीआर गवई में आज कोल्हापुर में बॉम्बे हाईकोर्ट के कोल्हापुर बेंच का उद्घाटन किया। इस बेंच की शुरुआत से न सिर्फ वकीलों और आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि न्याय तक पहुंच भी आसान और तेज होगी।
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बॉम्बे हाईकोर्ट का कोल्हापुर बेंच
- फोटो : X @InfoDivKolhapur
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विस्तार
देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने रविवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नई सर्किट बेंच (अस्थायी खंडपीठ) का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहे।
क्यों जरूरी थी कोल्हापुर बेंच?
कई वर्षों से वकीलों और आम नागरिकों की यह मांग रही है कि कोल्हापुर में हाईकोर्ट की बेंच खोली जाए। वजह यह है कि पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र के लोगों को अपने मामलों की सुनवाई के लिए 380 किलोमीटर दूर मुंबई तक जाना पड़ता था। इससे समय और खर्च दोनों की परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब कोल्हापुर बेंच खुलने से छह जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें - Maharashtra: 'शिवसेना UBT और मनसे निश्चित तौर पर गठबंधन करेंगे', महाराष्ट्र की सियासत में बड़े गठजोड़ की आहट
किन जिलों पर अधिकार रहेगा?
कोल्हापुर हाईकोर्ट बेंच कुल छह जिलों के मामलों की सुनवाई करेगी। इसमें शामिल हैं-
कब से शुरू होगी सुनवाई?
18 अगस्त (सोमवार) से कोल्हापुर बेंच में औपचारिक रूप से कामकाज शुरू होगा। यहां एक डिवीजन बेंच (दो जजों वाली बेंच) और दो सिंगल बेंच (एक जज की बेंच) बैठेंगी।
कोल्हापुर बेंच में कौन-कौन से जज रहेंगे?
डिवीजन बेंच में न्यायमूर्ति एम. एस. कर्णिक और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख रहेंगे। वहीं सिंगल बेंच (आपराधिक मामले में)- न्यायमूर्ति एस. जी. डिगे और सिंगल बेंच (सिविल मामले में)- न्यायमूर्ति एस. जी. चापलगांवकर रहेंगे।
यह भी पढ़ें - Maharashtra: तहसीलदार को सरकारी कुर्सी पर बैठकर गाना पड़ा भारी, सोशल मीडिया पर वायरल; कलेक्टर ने किया निलंबित
कौन-कौन से मामले सुने जाएंगे?
डिवीजन बेंच की तरफ से जनहित याचिकाएं (पीआईएल), सिविल रिट पिटीशन, फैमिली कोर्ट अपील, अवमानना अपील, अन्य सभी सिविल और आपराधिक मामले। जबकि सिंगल बेंच (न्यायमूर्ति एस. डिगे)- आपराधिक अपीलें, जमानत अर्जियां. क्रिमिनल रिवीजन और सिंगल बेंच (न्यायमूर्ति एस जी चापलगांवकर)- सिविल रिट पिटीशन, सिविल अपीलें और अन्य सिविल मामले की सुनवाई की जाएगी।
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क्यों जरूरी थी कोल्हापुर बेंच?
कई वर्षों से वकीलों और आम नागरिकों की यह मांग रही है कि कोल्हापुर में हाईकोर्ट की बेंच खोली जाए। वजह यह है कि पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र के लोगों को अपने मामलों की सुनवाई के लिए 380 किलोमीटर दूर मुंबई तक जाना पड़ता था। इससे समय और खर्च दोनों की परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब कोल्हापुर बेंच खुलने से छह जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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यह भी पढ़ें - Maharashtra: 'शिवसेना UBT और मनसे निश्चित तौर पर गठबंधन करेंगे', महाराष्ट्र की सियासत में बड़े गठजोड़ की आहट
किन जिलों पर अधिकार रहेगा?
कोल्हापुर हाईकोर्ट बेंच कुल छह जिलों के मामलों की सुनवाई करेगी। इसमें शामिल हैं-
- कोल्हापुर
- सतारा
- सांगली
- सोलापुर
- रत्नागिरी
- सिंधुदुर्ग
कब से शुरू होगी सुनवाई?
18 अगस्त (सोमवार) से कोल्हापुर बेंच में औपचारिक रूप से कामकाज शुरू होगा। यहां एक डिवीजन बेंच (दो जजों वाली बेंच) और दो सिंगल बेंच (एक जज की बेंच) बैठेंगी।
कोल्हापुर बेंच में कौन-कौन से जज रहेंगे?
डिवीजन बेंच में न्यायमूर्ति एम. एस. कर्णिक और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख रहेंगे। वहीं सिंगल बेंच (आपराधिक मामले में)- न्यायमूर्ति एस. जी. डिगे और सिंगल बेंच (सिविल मामले में)- न्यायमूर्ति एस. जी. चापलगांवकर रहेंगे।
यह भी पढ़ें - Maharashtra: तहसीलदार को सरकारी कुर्सी पर बैठकर गाना पड़ा भारी, सोशल मीडिया पर वायरल; कलेक्टर ने किया निलंबित
कौन-कौन से मामले सुने जाएंगे?
डिवीजन बेंच की तरफ से जनहित याचिकाएं (पीआईएल), सिविल रिट पिटीशन, फैमिली कोर्ट अपील, अवमानना अपील, अन्य सभी सिविल और आपराधिक मामले। जबकि सिंगल बेंच (न्यायमूर्ति एस. डिगे)- आपराधिक अपीलें, जमानत अर्जियां. क्रिमिनल रिवीजन और सिंगल बेंच (न्यायमूर्ति एस जी चापलगांवकर)- सिविल रिट पिटीशन, सिविल अपीलें और अन्य सिविल मामले की सुनवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र में अब कुल कितनी बेंच?
- मुख्य बेंच- मुंबई
- नागपुर बेंच- विदर्भ क्षेत्र
- औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) बेंच- मराठवाड़ा क्षेत्र
- नई कोल्हापुर बेंच- पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण क्षेत्र के लिए
गोवा बेंच- पणजी (गोवा राज्य के लिए) उच्च न्यायालय की तीसरी पीठ निकटवर्ती राज्य गोवा में मौजूद है।