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Kerala: केरल में व्यायाम कार्यक्रम को लेकर विवाद, एकजुट हुए BJP-CPM; लगाया PFI से जुड़े होने का आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोझिकोड
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 14 Dec 2024 09:57 PM IST
सार
पिछले महीने सीपीआई(एम) ने आरोप लगाया था कि प्रतिबंधित पीएफआई के कार्यकर्ताओं के समर्थन से जमात-ए-इस्लामी कई इलाकों में शारीरिक व्यायाम सत्र आयोजित कर रहा है। इसके विरोध में भाजपा भी आ गई। जबकि व्यायाम कार्यक्रम के आयोजकों ने आरोपों को खारिज किया है।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन और केरल के सीएम पिनाराई विजयन।
- फोटो : ANI
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विस्तार
केरल में एमईसी 7 नामक व्यायाम कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और जमात-ए-इस्लामी पर इस योजना को बढ़ावा देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इस कार्यक्रम के विरोध में सीपीआई (एम) और भाजपा एकजुट हो गए हैं। साथ ही इस्लामी सुन्नी गुटों के कुछ मुस्लिम संगठन भी विरोध में उतर आए हैं। भाजपा का आरोप है कि करसत कार्यक्रम मल्टी-एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन 7 (एमईसी 7) रहस्यमयी है। हालांकि एमईसी 7 के आयोजकों ने आरोपों को खारिज किया है।
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भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि पीएफआई, जमात-ए-इस्लामी और नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) इस कार्यक्रम के पीछे हैं। लोगों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है। मामले को लेकर सीपीआई(एम) के रुख पर मुरलीधरन ने कहा कि यह अच्छा है कि सीपीआई(एम) ने वास्तविकता को पहचान ली है। हम हर मुद्दे पर उनका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें कुछ तथ्यों का अहसास काफी देरी से होता है। इसी देरी के चलते वामपंथी पार्टी के कई लोग अच्छी चीजों को पहचानते हुए भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
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कैसे शुरू हुआ विवाद
पिछले महीने कन्नूर के तालीपरम्बा में सीपीआई(एम) के एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कोझिकोड के जिला सचिव पी मोहनन ने आरोप लगाया था कि प्रतिबंधित पीएफआई के कार्यकर्ताओं के समर्थन से जमात-ए-इस्लामी कई इलाकों में शारीरिक व्यायाम सत्र आयोजित कर रहा है। उन्होंने दावा किया था कि यह समूह व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से काम करता है। इसके एडमिन पीएफआई नेता हैं और उन्होंने मामले की विस्तृत जांच की मांग की। इसके बाद इस मुद्दे को कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के नेतृत्व वाले सुन्नी समूह ने उठाया। सुन्नी युवजन संघम (एसवाईएस) के कोझिकोड जिला सचिव मुहम्मदली किनालूर ने कहा था कि इस शारीरिक अभ्यास के पीछे के इरादे संदिग्ध प्रतीत होते हैं। जबकि सुन्नी नेता पेरोड अब्दुर्रहमान सकाफी ने दावा किया कि जमात-ए-इस्लामी ने सुन्नियों को कमजोर करने के लिए अभ्यास के नाम पर एक योजना शुरू की है।
एमईसी के आयोजकों ने क्या कहा
वहीं एमईसी 7 के आयोजकों ने आरोपों को खारिज किया। एमईसी 7 के राजदूत बावा अरक्कल ने कहा कि इसके सदस्य सभी धर्मों और वर्गों से आते हैं। यह जाति, धर्म या राजनीतिक मान्यताओं से परे सभी के लिए एक मंच प्रदान करता है। कार्यक्रम में योग, एरोबिक्स, फिजियोथेरेपी, डीप ब्रीदिंग, एक्यूपंक्चर, ध्यान और मालिश जैसे सात विषयों से चुने गए 21 वर्कआउट कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई शारीरिक व्यायाम के महत्व को पहचानता है। इसलिए लोग इससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने विरोधियों से आधा घंटे के व्यायाम सत्र में शामिल होने के लिए कहा। सभी धर्मों और राजनीतिक पृष्ठभूमि की महिलाओं सहित लोग केवल अपने स्वास्थ्य के लाभ के लिए कार्यक्रम में शामिल हुए हैं।