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कोरोना: दूसरी लहर में लोगों ने एक ओर नकदी निकासी तो की, लेकिन डिजिटल लेनदेन को ही दिया बढ़ावा

एजेंसी, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Mon, 17 May 2021 03:49 AM IST
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सार

  • लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को देखते हुए लोग बैंक जाने से बच रहे हैं और पैसे निकालने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं

Corona: people encouraged digital transactions by ATM In the second wave
एटीएम - फोटो : pixabay
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कोरोना की दूसरी लहर में लोग एटीएम से अधिक पैसा निकाल रहे हैं, वहीं भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम को ही तरजीह दे रहे हैं। साथ ही छोटे से छोटा भुगतान भी डिजिटल तरीके से करना पसंद कर रहे हैं। महामारी का दौर नकदी के उपयोग को लेकर भी लोगों के व्यवहार में बदलाव लाया है। अब लोग बार-बार बैंक जाने से बचने के लिए एटीएम से ही बड़ी राशि निकालने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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महामारी के दौर में अधिक सतर्क हुए लोग, बैंक न जाकर एटीएम से ही निकाल रहे बड़ी राशि
महामारी की दूसरी लहर से लोग सतर्क हुए हैं। वे आपात उपयोग के लिए बार-बार बैंक जाने के बजाय एटीएम से एक ही बार  में ज्यादा पैसा निकाल रहे हैं। साथ ही भुगतान के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और अन्य डिजिटल तरीकों का उपयोग कर रहे हैं।
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इस बारे में सर्वत्र टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और प्रबंध निदेशक मंदार अगाशे ने कहा कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को देखते हुए लोग बैंक जाने से बच रहे हैं और पैसे निकालने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एटीएम के जरिए धन निकासी में करीब 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

लोग एटीएम से अधिक निकासी कर रहे हैं और दवा व अन्य आपात स्थिति के नकद रख रहे हैं। पहले लोग औसतन एक बार में 2 हजार से 3 हजार रुपये निकालते थे। अब यह करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 3-4 हजार रुपये हो गया है। यह चल शहर और गांव दोनों जगह देखने को मिल रहा है।

छोटे लेनदेन में यूपीआई बना पसंदीदा माध्यम
लोगों में छोटे लेनदेन के लिए यूपीआई पसंदीदा माध्यम बना हुआ है। इसके जरिये लेनदेन औसतन 1 हजार के स्तर पर बरकरार है। इस बदलाव से आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) के जरिये भुगतान 9 हजार रुपये तक चला गया है जो पहले 6-7 हजार रुपये था। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े के अनुसार सात मई को चलन में मुद्रा की मात्रा 2,939,997 करोड़ रुपये हो गई जबकि 26 मार्च 2,858,640 करोड़ रुपये थी।

इस अनिश्चित घड़ी में लोग नकद रखने को तरजीह दे रहे हैं। यह एहतियाती उपायों के लिए है। क्योंकि  किसी को भी चिकित्सा कारणों से अचानक से खर्च की जरूरत पड़ सकती है। - मदन सबनवीस, मुख्य अर्थशास्त्री, केयर रेटिंग

लोग अपने पास नकद राशि रख रहे हैं क्योंकि उन्हें और कड़े ‘लॉकडाउन’ की आशंका है। क्योंकि महामारी को काबू में करने के लिए इसकी आवश्यकता पड़ सकती है। इस कारण मुश्किल घड़ी में आपात और बुनियादी जरूरतों के लिए लोगों को नकदी अपने पास रखनी पड़ रही है।    - आनंद कुमार बजाज, संस्थापक, पे नियरबाई

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