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Covid Drugs Case: गौतम गंभीर को राहत नहीं, ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Mon, 25 Aug 2025 04:53 PM IST
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सार

Covid drugs case:  इस मामले में हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि बिना अभियोजन पक्ष को सुने रोक वापस नहीं लगाई जा सकती। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख तय कर दी है। वहीं, ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होनी है।

Covid drugs case: Delhi HC refuses to stay trial court proceedings against Gautam Gambhir
गौतम गंभीर को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं - फोटो : ANI
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विस्तार
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर और टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर, उनकी संस्था (गंभीर फाउंडेशन) और परिवारजनों के खिलाफ चल रही ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रोकने से इनकार कर दिया।
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29 अगस्त को फिर होगी सुनवाई
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने गौतम गंभीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत 29 अगस्त को इस मामले को विस्तार से सुनेगी। बता दें कि गौतम गंभीर ने एफआईआर को रद्द करने और 9 अप्रैल को दिए गए उस आदेश को वापस लेने की अपील की थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक को हटा दिया गया था।
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अदालत की सख्त टिप्पणी
इस मामले की सुनवाई के दौरान जब गौतम गंभीर के वकील ने उनके राजनीतिक और क्रिकेट करियर का जिक्र किया, तो अदालत ने सख्त लहजे में कहा, 'आप बार-बार नाम और पहचान गिनवा रहे हैं, जैसे यह अदालत में कोई असर करेगा। अदालत में नाम नहीं, सिर्फ तथ्य और कानून चलते हैं।'

गंभीर के वकील ने क्या दी दलील?
वहीं गौतम गंभीर की तरफ से वकील जय अनंत देहदरई ने कहा कि उनके मुवक्किल पूर्व सांसद, पूर्व क्रिकेट कप्तान और मौजूदा कोच हैं। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने लोगों की मदद के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां मुफ्त बांटीं। लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह बातें इस मामले में प्रासंगिक नहीं हैं।

क्या है पूरा मामला?
2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने गंभीर और उनकी संस्था के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। आरोप है कि गंभीर फाउंडेशन और उनके परिवार ने बिना लाइसेंस कोविड दवाइयों का भंडारण और वितरण किया। मामले में ट्रायल कोर्ट ने गौतम गंभीर, उनकी पत्नी नताशा गंभीर, मां सीमा गंभीर और फाउंडेशन की सीईओ अपराजिता सिंह को समन जारी किया था। सभी पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धाराओं के तहत आरोप लगे हैं।

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बता दें कि धारा 18(सी) के अनुसार, लाइसेंस के बिना दवाइयों का निर्माण, बिक्री या वितरण प्रतिबंधित है। वहीं धारा 27(बी)(ii)के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर कम से कम तीन साल और अधिकतम पांच साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

पहले मिला था स्टे ऑर्डर
सितंबर 2021 में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई थी और ड्रग कंट्रोल विभाग से जवाब मांगा था। लेकिन इस साल 9 अप्रैल को अदालत ने यह स्टे हटा दिया। गंभीर पक्ष का कहना है कि उस दिन उनके वकील अदालत में मौजूद नहीं थे और बिना उनकी बात सुने ही स्टे हटा दिया गया। 
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