सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Cyclon Amphan: Tigers took away their men, Amphan their livelihood: Sunderban 'tiger widows' struggle to survive

पति को बाघ ने खाया तो तूफान ने छीना रोजगार, यही है सुंदरबन की 'बाघ विधवाओं' की दास्तां

कोलकाता, पीटीआई  Published by: अमित कुमार Updated Wed, 27 May 2020 05:18 PM IST
विज्ञापन
Cyclon Amphan: Tigers took away their men, Amphan their livelihood: Sunderban 'tiger widows' struggle to survive
अम्फान चक्रवात ने सुंदरबन में मचाई तबाही - फोटो : PTI
विज्ञापन

पहले बाघ, फिर तूफान। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में जीवन पहले ही आसान नहीं था। आधारभूत सुविधाओं को अभाव। कदम कदम पर बाघ के हमले का खतरा। और अब उस पर अम्फान तूफान ने यहां जीवन और मुश्किल कर दिया। ऐसे ही माहौल में संघर्षभरा जीवन बिताने को मजबूर हैं सुंदरबन की 'बाघ विधवाएं'। वो महिलाएं जिनके पति को बाघ ने मार डाला।

Trending Videos


ऐसी ही एक महिला हैं मंजुला सरदार। 45 साल की मंजुला को दो दिन के बाद पहली बार कुछ खाने को नसीब हुआ था। वो भी मुट्ठीभर मुरमुरे और गुड़। अपना सबकुछ गंवा देने की हताशा साफ चेहरे पर दिख रही है।  बस अपने तालाब को वह एकटक देखे जा रही है, जो अब तूफान के बाद नमकीन पानी से भर चुका है। पश्चिम बंगाल में एक हफ्ते पहले आए अम्फान तूफान ने न सिर्फ मंजुला के तालाब की सारी मछलियों को मार डाला बल्कि उससे आजीविका का एक मात्र सहारा भी छीन लिया।
विज्ञापन
विज्ञापन


मंजुला पर कोई पहली बार मुसीबतों का पहाड़ नहीं टूटा है। सात साल पहले 2013 में यहीं के गोसाबा इलाके में बाघ ने पति को मार डाला। इसके बाद से तालाब की मछलियां ही कमाई का एकमात्र साधन था। आसपास के खेत भी तूफान की वजह से बर्बाद हो चुके हैं। मंजुला और उस जैसे महिलाओं को आमतौर पर ‘बाघ विधवा’ कहा जाता है।

पहले भी तूफान ने ही बदली जिंदगी 

Cyclon Amphan: Tigers took away their men, Amphan their livelihood: Sunderban 'tiger widows' struggle to survive
सुंदरबन - फोटो : PTI

मंजुला ने बताया कि पहले भी तूफान ने ही उनकी जिंदगी को बदल दिया था। चक्रवात आइला की वजह से खेत बर्बाद हो गए तो मजबूरन पति को मछली पकड़ने का काम शुरू करना पड़ा। इसी दौरान बाघ ने हमला कर उनकी जान ले ली। काफी संघर्ष के बाद एक एनजीओ की मदद से मछली पालन के लिए एक तालाब के इस्तेमाल की अनुमति मिली थी। अब अम्फान तूफान को भी ले गया। 


मंजुला जैसी कई कहानी 

गोसाबा इलाके के सतजेलिया प्रखंड की 100 से ज्यादा ‘बाघ विधवाओं’ ने बीते 15 वर्षों में अपने पतियों को बाघ की वजह से खो दिया और इन सबकी कहानी कमोबेश एक जैसी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सुंदरबन इलाके में 2010 से 2017 के बीच बाघ के हमलों में कम से कम 52 लोगों की जान गई है। शीबा सरदार (40) सतजेलिया की रहने वाली एक अन्य बाघ विधवा हैं। उसे चक्रवात या इंसान-बाघ के संघर्ष से ज्यादा भूख का डर है। वह मुर्गी पालन का काम करती थी। तूफान में 100 मुर्गियां और 80 चूजे बह गए। वह बताती है कि सुंदरबन में जब भी कोई आपदा आती है तो हमें फिर से नई शुरुआत करनी पड़ती है।  

सुलाता के पति को आंखों के सामने बाघ ने मारा  

Cyclon Amphan: Tigers took away their men, Amphan their livelihood: Sunderban 'tiger widows' struggle to survive
सुंदरबन - फोटो : PTI

खेतिहर मजदूर सुलाता का कहना है कि आइला चक्रवात के बाद चीजे पटरी पर लौटना शुरू हुई ही थीं कि अम्फान तूफान ने सब कुछ खत्म कर दिया। उसने कहा, 'अब हमें सब कुछ नए सिरे से शुरू करना होगा। कोई खेती योग्य जमीन नहीं बची और मेरे पास परिवार को पालने के लिये कोई जरिया नहीं है।' सुलाता के पति को 2011 में उसकी आंखों के सामने ही बाघ ने मार दिया था। वह बताती हैं कि बाघ, घड़ियाल और सांप के हमले में अपने पति को खोने वाली बहुत सी महिलाओं ने शहर का रुख कर लिया और वहां काम तलाश लिया। संपर्क किए जाने पर पश्चिम बंगाल सुंदरबन मामलों के मंत्री मंटुराम पखीरा ने कहा कि सरकार सुंदरबन की विधवाओं के मामले को देखेगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed