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Cyclone: ओडिशा की तरफ बढ़ रहे चक्रवाती तूफान का नाम 'दाना' कैसे पड़ा? जानिए ये कौन और कैसे तय करता है

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Thu, 24 Oct 2024 01:55 PM IST
सार

साल 2020 में आईएमडी के रीजनल सेंटर ने चक्रवाती तूफानों के 169 नामों की सूची जारी की थी, इस समूह में शामिल हर देश ने 13-13 नामों का सुझाव दिया है, जिन्हें बारी-बारी से उस क्षेत्र में आने वाले तूफानों को दिया जाता है।

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cyclone hitting odisha bengal why its called dana who and how decide their name rules
चक्रवाती तूफान दाना - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान दाना तेजी से ओडिशा और बंगाल के तट की तरफ बढ़ रहा है। इस तूफान के आज मध्य रात्रि या कल सुबह तट से टकराने की आशंका है। ये तूफान भारी तबाही मचा सकता है, जिसे लेकर राज्य सरकारें और केंद्र पूरी तरह अलर्ट है और 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। इस पूरे मामले के बीच एक सवाल सभी के मन में उठ रहा होगा कि ओडिशा, बंगाल की तरफ बढ़ रहे इस चक्रवाती तूफान का नाम दाना कैसे पड़ा और ये किसने दिया और क्यों? तो आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब और साथ ही ये भी जानते हैं कि चक्रवाती तूफानों को नाम देने की प्रक्रिया क्या है और इसके क्या नियम हैं।
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कतर ने दिया है 'दाना' नाम
चक्रवाती तूफान दाना बीते दो महीनों में भारतीय तट से टकराने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है। इससे पहले अगस्त के अंत में चक्रवाती तूफान असना भी भारतीय तट से टकराया था। चक्रवाती तूफानों को नाम देने की एक परंपरा है और विश्व मौसम संगठन (WMO) ने चक्रवाती तूफानों को नाम देने की एक पूरी प्रक्रिया निर्धारित की है। इसी प्रक्रिया के तहत ही दाना नाम दिया गया है। बता दें कि इसी प्रक्रिया के तहत कतर ने 'दाना' नाम दिया है, जिसका मतलब होता है उदारता।
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चक्रवाती तूफानों के नाम कैसे तय किए जाते हैं?
दुनियाभर में छह रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स (Regional Specialised Meteorological Centres) हैं। वहीं पांच रीजनल ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निंग सेंटर्स हैं। इन्हीं क्षेत्रीय केंद्रों को तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करने और उनके नाम तय करने का अधिकार होता है। भारतीय मौसम विभाग दुनिया के छह रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स में से एक है, जो 13 देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करता है। इन 13 देशों में भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं। 

क्या हैं तूफान के नाम तय करने के नियम
साल 2020 में आईएमडी के रीजनल सेंटर ने चक्रवाती तूफानों के 169 नामों की सूची जारी की थी, इस समूह में शामिल हर देश ने 13-13 नामों का सुझाव दिया है, जिन्हें बारी-बारी से उस क्षेत्र में आने वाले तूफानों को दिया जाता है। गौरतलब है कि देशों द्वारा नाम सुझाने के बाद ये नाम विश्व मौसम संगठन के पास भेजे जाते हैं, वहां से सूची को अंतिम मंजूरी दी जाती है। चक्रवाती तूफानों का नाम सुझाते हुए कुछ नियमों का ध्यान रखना होता है। जिसके तहत देश राजनीति, राजनीतिक व्यक्ति, धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। तूफान का नाम निष्पक्ष, संस्कृति, लिंग से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। तूफान का नाम ऐसा होना चाहिए, जो किसी समुदाय या आबादी को आहत न करे। तूफान का नाम अपमानजनक भी नहीं होना चाहिए और नाम आसानी से पढ़ा और बोला जा सकने वाला होना चाहिए।



 
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