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Cyclone: चक्रवात सेंयार की आहट! तमिलनाडु-केरल में भारी बारिश की चेतावनी; जलडमरूमध्य का गहरा दबाव बना खतरा
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली।
Published by: शिवम गर्ग
Updated Thu, 27 Nov 2025 05:06 AM IST
सार
Cyclone Senyar Alert: सामान्य तौर पर नवंबर का महीना बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की गतिविधियों के लिए जाना जाता है और इस साल भी वही परिस्थितियां बनती दिख रही हैं। इस समय दो मुख्य मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं।
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चक्रवाती तूफान (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : ANI
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विस्तार
सामुद्रिक इलाकों में सक्रिय दो अलग-अलग मौसमी गतिविधियां आने वाले दिनों में देश के दक्षिणी हिस्सों के मौसम को काफी प्रभावित कर सकते हैं। मलक्का जलडमरूमध्य और इसके आसपास बने एक गहरे दबाव (डीप डिप्रेशन) के चक्रवात में बदलने की आशंका है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि यदि यह चक्रवात बनता है, तो इसका नाम सेंयार रखा जाएगा, जिसका अर्थ है ‘शेर’। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की ओर से सुझाया गया है, जो उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामों में भाग लेने वाले 13 देशों में से एक है।
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सामान्य तौर पर नवंबर का महीना बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की गतिविधियों के लिए जाना जाता है और इस साल भी वही परिस्थितियां बनती दिख रही हैं। इस समय दो मुख्य मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। पहली, मलक्का जलडमरूमध्य में बना गहरा दबाव और दूसरी, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी एवं दक्षिण श्रीलंका के पास बना कम दबाव का क्षेत्र। इनमें से मलक्का क्षेत्र वाला तंत्र तेजी से मजबूत हो रहा है और चक्रवात सेंयार का रूप ले सकता है। विभाग ने अनुमान लगाया गया है कि यह धीरे-धीरे तीव्र होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इस दौरान 60 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल सकती हैं, जो समुद्री गतिविधियों को प्रभावित करेंगी और तटीय इलाकों में चेतावनी की स्थिति पैदा कर सकती हैं। मलक्का जलडमरूमध्य भौगोलिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है, क्योंकि यह अंडमान सागर और दक्षिण चीन सागर को जोड़ता है।
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अंडमान-निकोबार में भारी बारिश की चेतावनी...
मौसम विभाग ने 26 और 27 नवंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहां तेज हवाओं के साथ गरज-चमक और समुद्र में उथल-पुथल की स्थिति बन सकती है। स्थानीय प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और लोगों को सतर्क रहने का अनुरोध किया है। 28 नवंबर से बारिश में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना जताई गई है, लेकिन तब तक मौसम काफी अस्थिर रहेगा।
तमिलनाडु और दक्षिण भारत में भी पड़ेगा असर
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में और दक्षिण श्रीलंका के पास एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र भी सक्रिय है। मौसम विभाग का कहना है कि यह प्रणाली भी आगे चलकर डिप्रेशन में तब्दील हो सकती है और इससे दक्षिण भारत के मौसम पर सीधा असर पड़ेगा। इस कारण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है और आने वाले दिनों में इसकी तीव्रता बढ़ सकती है।तमिलनाडु के कई जिलों, खासकर तटीय इलाकों जैसे तूतीकोरिन में भारी बारिश हुई, जिसके कारण कई जगहों पर जलभराव हो गया। सड़कें डूब गई और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। इसी को देखते हुए कई जिलों में मंगलवार को स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए।