संसद में गतिरोध कायम : शीत सत्र के महज तीन दिन बाकी, वेंकैया बोले- इस घर के दरवाजे सभी के लिए खुले
सत्र के दौरान सरकार जरूरी विधायी कार्य और महत्वपूर्ण बिलों को पारित कराने में सफल रही है। उधर, दूसरी ओर राज्यसभा से निलंबित 10 सांसद सोमवार शाम सभापति व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आवास पर नजर आए, तो लोगों का चौंकना स्वाभाविक था। दरअसल, ये सभी वेंकैया की पोती के रिसेप्शन में मेहमान थे। ऐसे में सर्द मौसम में व्यक्तिगत रिश्तों की गरमाहट नजर आई। वेंकैया ने कहा भी, इस घर के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं।
विस्तार
संसद का वर्तमान शीतकालीन सत्र भी मानसून सत्र की राह ही बढ़ता दिख रहा है। उस पूरे सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव होता रहा था और इस सत्र में भी अब तक यही स्थिति है। अब तक दोनों ही सदन बिना प्रभावी विपक्ष के चल रहे हैं। सरकार भी जरूरी विधायी कार्य बिना बहस के आनन-फानन निपटा रही है। अंतिम तीन बैठकों में टकराव टालने के लिए बीच का रास्ता निकलने की सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं।
हंगामे और गतिरोध के बीच संसद में तीनों कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक, एनडीपीएस बिल, जजों के वेतन-भत्ते और सेवा शर्तें, सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाने, जननीय प्रजनन उपचार उद्योग विनियमन बिल को संसद की मंजूरी मिल चुकी है।
सत्र की समाप्ति में सिर्फ तीन दिन बचे हैं और लड़कियों की शादी की उम्र को 18 साल से बढ़ा कर 21 साल करने वाला बिल भी इसी तरह पास हो सकता है। बीते सत्र में पेगासस जासूसी कांड सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की मुख्य वजह बनी थी। विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार हंगामा करता रहा और इसी दौरान सरकार ने 20 अहम विधेयकों को पारित करा लिया। इस सत्र में भी सरकार अपनी जरूरतों के अनुरूप विधायी कामकाज निपटाने में जुटी है।
अहम मुद्दों पर फिर चर्चा से चूके
मानसून सत्र की तरह यह सत्र भी अहम मुद्दों पर चर्चा करने में नाकाम रहा। संसद के दोनों सदनों में महज कोरोना पर ही चर्चा हो पाई। राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन, लखीमपुर खीरी कांड पर एसआईटी की रिपोर्ट मामले में बढ़ी तकरार के कारण महंगाई, चीनी घुसपैठ सहित अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की शुरुआत भी नहीं हो पाई।
सदन सरकार का दायित्व हिम्मत है तो चर्चा करो
सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार सदन में चर्चा नहीं होने देना चाहती। हम किसानों, चीनी घुसपैठ, महंगाई पर चर्चा चाहते थे, मगर ये मुद्दे उठाने नहीं दिए गए। हिम्मत है तो चर्चा करो। -राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
रोज चर्चा न करने का बहाना ढूंढता है विपक्ष
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए विपक्ष रोज नए कृत्रिम मुद्दे उठा कर चर्चा से बचने का बहाना ढूंढता है। हमने सत्र के पहले ही दिन कहा था कि सभी विषयों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार हैं। - प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य मंत्री
राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुए
राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को भी नहीं चल पाई। लखीमपुर खीरी मामले और 12 विपक्षी सांसदों की निलंबन वापसी की मांग को लेकर हुए भारी हंगामे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सके। शाम को भी हंगामे की वजह से सदन स्थगित रहा।
विपक्षी सदस्यों ने लखीमपुर खीरी केस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर वेल में जाकर नारेबाजी की। इसके अलावा 12 विपक्षी सदस्यों की निलंबन वापसी को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से सुबह शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। शाम को एनडीपीएस संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान फिर हंगामा बढ़ जाने पर सदन करीब चालीस मिनट स्थगित रहा।
वेंकैया से मिले मंत्री और विपक्षी नेता
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी व सदन के नेता पीयूष गोयल ने अलग से वेंकैया नायडू से मुलाकात की। फिर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश ने भी सभापति से मिलकर केंद्र व विपक्ष के बीच बैठक न होने पर प्रतिक्रिया दी।
विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन आज
गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र के इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्षी सांसद मंगलवार को दोपहर 12:30 बजे संसद में गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक प्रदर्शन करेंगे।
गतिरोध से नायडू निराश
सभापति एम वेंकैया नायडू ने गतिरोध को सुलझाने में प्रगति न होने पर निराशा जाहिर की। शून्यकाल के दौरान सदन में शोर-शराबे से मायूस हुए नायडू ने सांसदों से अनुशासन और शालीनता का आग्रह किया। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन द्वारा गतिरोध हल करने के लिए केंद्र और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच बैठक के बारे में नायडू को जानकारी दिए जाने के बाद से ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। मुरलीधरन ने बताया, विपक्षी नेता बैठक में नहीं आए। इस पर नायडू ने कहा, इस मामले में प्रगति न होने से वह निराश हैं।
जोशी बोले- व्यवधान है विपक्ष का मूल मंत्र
राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन पर सोमवार को भी उच्च सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण नहीं चलने पर सरकार ने विपक्ष पर ‘अशांति और व्यवधान के मंत्र’ के साथ काम करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी की बैठक में बुलाए टीएमसी, शिवसेना, कांग्रेस, भाकपा और माकपा के नेता नहीं पहुंचे। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। बैठक में विपक्ष के शामिल न होने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि उनकी सदन चलाने में दिलचस्पी नहीं है।
विपक्ष में रहते जेटली ने मांगी थी माफी : गोयल
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने 2010 में सात विपक्षी (एनडीए) सांसदों के निलंबन का उल्लेख करते हुए कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार के समय निलंबन को जल्द खत्म कर दिया था। इस पर पीयूष गोयल ने बताया कि उनका निलंबन विपक्ष के तत्कालीन नेता अरुण जेटली की तरफ से माफी मांगे जाने के बाद खत्म किया गया था और सात में से एक सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित रहे थे।
बिना माफी सदन में वापसी की नजीर नहीं
प्रह्लाद जोशी ने कहा, जब भी सांसद निलंबित हुए हैं तो उन्होंने माफी मांगी है, तब वे सदन की कार्यवाही में शामिल हुए हैं। बिना माफी के निलंबन खत्म करने की मांग से सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। जनता विपक्ष को देख रही है और इसी वजह से जनता की तरफ से विपक्ष का बहिष्कार किया जा रहा है।
सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन विपक्ष में दरार पैदा करने के इरादे से सरकार ने पांच दलों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया। शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा कि विपक्षी दलों ने तय किया है कि अजय मिश्रा के इस्तीफे और निलंबित सांसदों की वापसी के बिना सरकार के साथ किसी बैठक में भाग नहीं लिया जाएगा।
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करें : राहुल
लोकसभा में राहुल गांधी ने सोमवार को लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में चरागाहों तक निर्बाध पहुंच को लेकर भी स्थगन प्रस्ताव रखा। लोकसभा महासचिव के माध्यम से भेजे गए अपने नोटिस में उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों पशुपालन के अधिकारों पर चर्चा की जरूरत है, जिसके लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए व संविधान की छठी अनुसूची शामिल किया जाए।
मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने पर लोकसभा की मुहर
भारी हंगामे और विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में सोमवार को मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने वाला निर्वाचन विधि संशोधन बिल पारित हो गया। बिल को प्रश्नकाल के तत्काल बाद पेश किया, फिर भोजनावकाश के बाद आनन फानन पारित कराया गया। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।
विपक्ष के विरोध पर बिल पेश करते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ना स्वैच्छिक होगा। विपक्ष ने पहले से ही इस बिल को पेश करने पर विरोध जताया। कुछ ही देर बाद ही सरकार इसे पारित करने लाई तो विपक्ष की नाराजगी बढ़ गई। आरपीआई के एन के प्रेमचंद्रन सहित कई सदस्यों ने कहा कि विपक्ष को बिल पर संशोधन लाने का समय नहीं दिया गया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिल असांविधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। विपक्षी दलों ने लखीमपुर खीरी मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव भी रखा और कहा कि अजय मिश्र से इस्तीफा लिया जाए। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने एसआईटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव रखा। सांसद मनीष तिवारी ने कानून मंत्रालय की तरफ से मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्तों को तलब करने पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस दिया।
रिजिजू ने चुनाव सुधार के लिए जरूरी बताया
विपक्ष की आपत्तियों पर रिजिजू ने चुनाव सुधार के लिए इसे जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि संसद की स्थाई समिति ने चुनाव सुधार के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की सिफारिश की थी। यह निर्णय लेने से पहले चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय के बीच कई दौर की बैठक हुई है।
ओवैसी बोले, आयोग की आजादी में दखल
एआईएमआईएम प्रमुख असददुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार कानून के जरिये चुनाव आयोग की आजादी में दखल देना चाहती है। यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है। सरकार के पास ऐसा कोई विधायी क्षमता नहीं है। यह निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
आनन फानन में बिल हुआ पारित
बिल को आनन फानन पारित किया गया। प्रश्नकाल के बाद जब इसे पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित की गई। फिर भोजनावकाश के तत्काल बाद अचानक बिल को पारित करने के लिए लाया गया। बिल के पेश करने के बाद जब कार्यवाही स्थगित हुई तब ऐसा लगा कि सरकार संभवत: इसे अब मंगलवार को पारित कराएगी।
ये भी प्रावधान
- फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड से जुड़ेगा
- पूरे देश में एक ही मतदाता सूची तैयार होगी
- जेंडर न्यूट्रल होंगे चुनावी कानून
- युवाओं को एक साल में चार बार मिलेगा नामांकन का मौका
क्रिप्टो करेंसी : मौजूदा सत्र में विधेयक की उम्मीद नहीं
केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक लाने का फैसला टाल सकती है। सरकार क्रिप्टो व डिजिटल करेंसी के मुद्दे पर व्यापक चर्चा करना चाहती है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक मौजूदा सत्र अब खत्म होने वाला है और सरकार अभी तक विधेयक तैयार नहीं कर पाई है। एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने अभी विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। संसद की वेबसाइट पर कार्यक्रम सूची में भी विधेयक का उल्लेख नहीं है। हालांकि, सरकार सत्र के बाद अध्यादेश से कानून लागू कर सकती है। सरकार रिजर्व बैंक को डिजिटल करेंसी पेश करने में मददगार विधिक ढांचा मुहैया कराने के लिए यह विधेयक लाना चाहती है।
संस्थानों में मिलीं रैगिंग की 2,700 शिकायतें
देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2018 से रैगिंग की 2,700 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें करीब 1,300 दोषियों को दंडित किया। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में बताया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के आंकड़ों के हिसाब से 2018 से अब तक रैगिंग की कुल 2,790 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें दोषी पाए गए 620 दोषी छात्रों को संस्थान से निलंबित किया गया तो 43 पर जुर्माना लगाया गया। 616 अपराधियों को चेतावनी जारी की गई और 17 को संस्थानों से निष्कासित कर दिया गया।
आपदाओं में मारे गए दो हजार से ज्यादा लोग
वर्ष 2021-22 के दौरान चक्रवाती तूफान, भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से देश में दो हजार से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। राज्यसभा में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा साझा आंकड़ों के अनुसार, कुदरती आपदाओं से महाराष्ट्र में सबसे अधिक 489 लोग मारे गए, तो गुजरात और उत्तर प्रदेश में 162-162 मौतें हुईं। एक अन्य प्रश्न के जवाब में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत 30,780 करोड़ रुपये की लागत वाली 357 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
सरकारी बैंकों ने सात वर्षों में 5.49 लाख करोड़ वसूले
सरकार ने बैंकों के डूबे हुए कर्ज को कम करने और वसूली के लिए कई कदम उठाए हैं। बीते सात वर्षो में बैंकों ने 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बताया कि एनपीए वसूली के संबंध में भारतीय रिजर्ब बैंक ने वसूली दर को परिभाषित नहीं किया है। सार्वजनिक बैंकों का सकल एनपीए 31 मार्च, 2015 के 2.79 लाख करोड़ रुपये से बढ़़कर 31 मार्च, 2018 को 8.95 लाख करोड़ रुपये हो गया।
माल्या, मोदी और चोकसी से वसूले 13,109 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंकों ने विजय माल्या, नीरव मोदी व मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े लोगों की संपत्तियों को बेचकर 13,109 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। उन्होंने बताया, कर्ज वसूली का ताजा मामला 16 जुलाई को माल्या की संपत्ति बेचकर 792 करोड़ रुपये का है।
एमसीए-21 पोर्टल का तीसरा वर्जन बना रही सरकार, डाटा विश्लेषण होगा आसान
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि कॉरपोरेट मंत्रालय के पोर्टल एमसीए 21 के के तीसरे वर्जन को शुरू करने के लिए विभिन्न मॉड्यूल का विकास व परीक्षण चल रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, एनालिटिक्स आदि तकनीक शामिल रहेंगी।
कंपनियों के लिए एमसीए 21 महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जहां कंपनी अधिनियम व सीमित भागीदारी दायित्व अधिनियम के तहत दस्तावेज जमा किए जाते हैं। यह लोगों को भी कॉरपोरेट जगत की जानकारियां देता है। राव ने बताया कि पोर्टल में एमसीए लैब बनाई जा रही है, जिससे डाटा विश्लेषण में मदद मिलेगी।
वहीं ई-न्यायादेश, ई-परामर्श, ई-बुक्स आदि मुहैया करवाए जा रहे हैं। पोर्टल का तीसरा वर्जन एलएंडटी विकसित कर रही है। इसके 78 महीने के रखरखाव, संचालन व अनुपालन के लिए 693.36 करोड़ रुपए सेवा प्रदाता को दिए जाएंगे।
वेब आधारित फॉर्म
पोर्टल पर फॉर्म अपलोड करने के झंझट को कम करने के लिए वेब आधारित फॉर्म मुहैया करवाए जा रहे हैं। इससे पहले से भरे हुए फॉर्म यूजर को दिए जाएंगे। इससे गलतियां कम होंगी। वहीं, चीन द्वारा भारतीय टेक कंपनियों में निवेश की जानकारी नहीं एक अन्य सवाल के जवाब में राव ने कहा कि सरकार को चीन द्वारा भारत की टेक कंपनियों में निवेश की कोई जानकारी नहीं है। वहीं 9,781 एकल व्यक्ति कंपनियां 1 जनवरी से 10 दिसंबर तक रजिस्टर होने की जानकारी उन्होंने एक सवाल के जवाब में दी।
लोकसभा : सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 3.73 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च कर पाएगी
लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच चालू वित्त वर्ष दौरान 3.73 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों को मंजूरी दे दी। अतिरिक्त अनुदान में से एयर इंडिया की अवशिष्ट संपत्ति और देनदारियों वाली कंपनी को 62,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 58,430 करोड़ रुपये उर्वरक सब्सिडी पर खर्च होंगे। 53,123 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लंबित निर्यात प्रोत्साहनों के भुगतान में किया जाएगा।
22,039 करोड़ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कोष में डालने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिए जाएंगे। अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार खाद्य तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि 2,400 करोड़ वाणिज्य विभाग को ‘ब्याज समानीकरण योजना’ के तहत सब्सिडी का खर्च वहन करने और निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) योजना के तहत निवेश के लिए दिए जाएंगे।
रक्षा और गृह मंत्रालयों द्वारा क्रमशः 5,000 करोड़ और 4,000 करोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त खर्च किया जाएगा। 2021-22 के बजट में सरकार ने मौजुदा वित्त वर्ष में कुल 34.83 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया था, लेकिन सरकार की तरफ से दो बार रखी गई अनुपूरक अनुदान मांगों ये यह काफी अधिक बढ़ जाएगा।
इससे पहले सरकार ने अगस्त में अनुपूरक अनुदान मांगों के पहले बैच में 23,675 करोड़ रुपये के लिए संसद की मंजूरी ली थी, जिसमें से 14,000 करोड़ रुपये आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मानिभर निधि (पीएम स्वानिधि) के तहत हुए एनपीए और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि अनुपूरक अनुदान मांग में से वास्तविक नकद खर्च 2.99 लाख करोड़ का होगा, जबकि 74,517 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की भरपाई विभिन्न मंत्रालयों की बचत से की जाएगी।
एक लाख करोड़ से ज्यादा खाद सब्सिडी व भंडारण पर होगा खर्च
सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर उर्वरकों की कीमत में भारी उछाल आया है। इससे देश के किसानों को किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इस वजह से सरकार ने 58,431 करोड़ रुपये उर्वरकों पर सब्सिडी के तौर पर खर्च करने का फैसला किया है। इसके अलावा विभिन्न खाद्य भंडारण योजनाओं के लिए सरकार 49,805 करोड़ खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग को देगी।
एयर इंडिया का बोझ पड़ रहा भारी
सरकार ने एयर इंडिया को टाटा को बेच दिया था। सौदे के दौरान एयर इंडिया पर 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। सरकार ने एयर इंडिया को टाटा सन्स की सहायक कंपनी टैलेस को 2,700 करोड़ नकद और 15,300 करोड़ के कर्ज के भार के साथ 18,000 करोड़ में बेचा था। एयर इंडिया के शेष 46,262 करोड़ के कर्ज को एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी को स्थानांतरित किया जाएगा। इस बोझ को उतारने के लिए सरकार 62,057 करोड़ नागरिक उड्डयन मंत्रालय को देगी।
एनडीपीएस संशोधन विधेयक पारित, दो अन्य विधेयक संसदीय समितियों के हवाले
विपक्ष के कानून बनाने की प्रक्रिया में नाकाफी परामर्श के आरोपों के बाद सरकार ने दो विधेयकों को समीक्षा के लिए संसदीय समितियों के हवाले कर दिया है। वहीं, राज्यसभा में एनडीपीएस संशोधन विधेयक चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया। इनमें जैव विविधता विधेयक को संसद की संयुक्त समिति तो मध्यस्थता विधेयक को कानून-न्याय पर स्थायी समिति को सौंपा गया है।
सोमवार को पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक को लोकसभा के 21और राज्यसभा के 10 सदस्यों वाली संयुक्त समिति के हवाले करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। समिति द्वारा अगले संसद सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन इस विधेयक पर रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। इस विधेयक में जैव विविधता अधिनियम2002 के कुछ नियमों में ढील देने के प्रावधान हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति के हवाले करने की मांग की थी।
वहीं राज्यसभा में सोमवार को सरकार ने एनडीपीएस संशोधन विधेयक पारित हो गया। लोकसभा से यह पहले ही 13 दिसंबर को पारित हो चुका है। विधेयक पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि त्रिपुरा हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना के लिए सरकार को सितंबर में अध्यादेश लाना पड़ा था।
इसी दौरान पता चला कि 2014 में पारित किए गए एनडीपीएस संशोधन अधिनियम में कुछ लिपिकीय त्रुटियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए यह विधेयक पेश किया गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने कहा था कि सरकार लिपिकीय गलतियों को ठीक करने में सदन के तीन-चार घंटे बर्बाद कर रही है, जबकि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा ही नहीं हो रही।
ओबीसी आरक्षण पर केंद्र ने कही ये बात
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए किए गए 27 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को रद्द कर दिया था, केंद्र सरकार इस मामले में सभी हितधारकों की राय को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को जांच कर रही है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि वह स्थानीय निकायों/नगर निगमों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर करने पर विचार कर रही है, जब तक कि राज्य उसके द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट मानदंडों का पालन नहीं करते हैं।