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Op Sindoor: राजनाथ सिंह ने नौसेना की शक्ति और तैयारी को सराहा, कहा- आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 23 Oct 2025 09:51 PM IST
सार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना की कुशल तैनाती ने पाकिस्तान को अपने तट पर सीमित रहने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान दुनिया ने नौसेना की सैन्य तत्परता व पेशेवर क्षमता देखी। ऑपरेशन सिंदूर दुनिया को एक संदेश था कि हम हर चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
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राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारतीय नौसेना की दृढ़ और प्रभावशाली तैनाती ने पूरी दुनिया को भारत की समुद्री ताकत का एहसास कराया। उन्होंने कहा कि नौसेना की रोकथाम क्षमता ने पाकिस्तान को अपने बंदरगाहों में ही सीमित रहने पर मजबूर कर दिया। रक्षा मंत्री गुरुवार को नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर भारत की क्षमता का प्रतीक था और यह संदेश था कि भारत हर चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है।'
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ऑपरेशन सिंदूर- जवाबी तैयारियों की तैयारी
पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में अपने विमानवाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियों और नौसैनिक विमानों को पूरी तरह तैनात किया था। नौसेना पूरी तैयारी में थी कि जरूरत पड़ने पर समुद्र या जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों, यहां तक कि कराची तक, पर सटीक वार किया जा सके।
क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भूमिका
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) अब वैश्विक राजनीति का केंद्र बन चुका है। यह क्षेत्र अब निष्क्रिय नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा, 'भारतीय नौसेना की मौजूदगी हमारे मित्र देशों के लिए भरोसे का प्रतीक है और उन लोगों के लिए असुविधा का कारण है जो इस क्षेत्र को अस्थिर करना चाहते हैं।'
नौसेना की उपलब्धियां
पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना ने अभूतपूर्व पैमाने पर जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों की तैनाती की है। इस दौरान नौसेना ने लगभग 335 व्यापारी जहाजों को सुरक्षित मार्ग प्रदान किया, जिनमें करीब 1.2 मिलियन मीट्रिक टन माल था, जिसकी कुल व्यापारिक कीमत करीब 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई। रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में एक भरोसेमंद और सक्षम साझेदार बन गया है।'
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर नौसेना
राजनाथ सिंह ने नौसेना को आत्मनिर्भर भारत का ध्वजवाहक बताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में नौसेना के करीब 67 प्रतिशत पूंजीगत खरीद अनुबंध भारतीय उद्योगों के साथ हुए हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना 194 नवाचार और स्वदेशीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'आज हमारी नौसेना आत्मनिर्भरता, नवाचार और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में देश की अग्रणी शक्ति बन गई है।'
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तीन स्तंभ- क्षमता, जनशक्ति और साझेदारी
रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना की भविष्य की सफलता इन तीन स्तंभों पर निर्भर है- क्षमता (तकनीक और ताकत), जनशक्ति (नाविक और उनके परिवार), और साझेदारी (उद्योग, शिक्षा जगत व अंतरराष्ट्रीय सहयोग)। उन्होंने कहा, 'जब ये तीनों एक साथ चलते हैं, तब हमारी नौसेना और भी भरोसेमंद और शक्तिशाली बनती है।'
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ऑपरेशन सिंदूर- जवाबी तैयारियों की तैयारी
पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में अपने विमानवाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियों और नौसैनिक विमानों को पूरी तरह तैनात किया था। नौसेना पूरी तैयारी में थी कि जरूरत पड़ने पर समुद्र या जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों, यहां तक कि कराची तक, पर सटीक वार किया जा सके।
क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भूमिका
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) अब वैश्विक राजनीति का केंद्र बन चुका है। यह क्षेत्र अब निष्क्रिय नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा, 'भारतीय नौसेना की मौजूदगी हमारे मित्र देशों के लिए भरोसे का प्रतीक है और उन लोगों के लिए असुविधा का कारण है जो इस क्षेत्र को अस्थिर करना चाहते हैं।'
नौसेना की उपलब्धियां
पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना ने अभूतपूर्व पैमाने पर जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों की तैनाती की है। इस दौरान नौसेना ने लगभग 335 व्यापारी जहाजों को सुरक्षित मार्ग प्रदान किया, जिनमें करीब 1.2 मिलियन मीट्रिक टन माल था, जिसकी कुल व्यापारिक कीमत करीब 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई। रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में एक भरोसेमंद और सक्षम साझेदार बन गया है।'
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर नौसेना
राजनाथ सिंह ने नौसेना को आत्मनिर्भर भारत का ध्वजवाहक बताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में नौसेना के करीब 67 प्रतिशत पूंजीगत खरीद अनुबंध भारतीय उद्योगों के साथ हुए हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना 194 नवाचार और स्वदेशीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'आज हमारी नौसेना आत्मनिर्भरता, नवाचार और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में देश की अग्रणी शक्ति बन गई है।'
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तीन स्तंभ- क्षमता, जनशक्ति और साझेदारी
रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना की भविष्य की सफलता इन तीन स्तंभों पर निर्भर है- क्षमता (तकनीक और ताकत), जनशक्ति (नाविक और उनके परिवार), और साझेदारी (उद्योग, शिक्षा जगत व अंतरराष्ट्रीय सहयोग)। उन्होंने कहा, 'जब ये तीनों एक साथ चलते हैं, तब हमारी नौसेना और भी भरोसेमंद और शक्तिशाली बनती है।'
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