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Pollution: प्रदूषण से गिरा दिल्ली का 75 प्रतिशत थोक व्यापार, व्यापारी संगठन का दावा, खरीदारी को नहीं आ रहे लोग
डिजिटल ब्यूरो ,अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अस्मिता त्रिपाठी
Updated Wed, 17 Dec 2025 01:01 PM IST
सार
प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो रहा है। सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के पीछे भी प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन इसके कारण दिल्ली में होने वाले व्यापार पर भी जबरदस्त असर पड़ा है।
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दिल्ली-एनसीआर बना गैस चैंबर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो रहा है। सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के पीछे भी प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन इसके कारण दिल्ली में होने वाले व्यापार पर भी जबरदस्त असर पड़ा है। दिल्ली के एक व्यापारी संगठन ने दावा किया है कि दिल्ली में गंभीर प्रदूषण के कारण राजधानी में होने वाले थोक व्यापार में जबरदस्त गिरावट आई है। पहले दिल्ली में प्रतिदिन तीन से चार लाख व्यापारी तक खरीदारी के लिए राजधानी आते थे, लेकिन गंभीर प्रदूषण को देखते हुए व्यापारी दिल्ली आने से बच रहे हैं। इससे व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान हो रहा है।
हर उपाय के बाद भी प्रदूषण गंभीर
सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए अलग-अलग उपाय अपनाकर इस पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव, लगातार चलने वाले जल वाष्प से छिड़काव, निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध और स्कूल-कार्यालयों को ऑनलाइन और वर्क फ्रॉम होम से जोड़कर लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने की कोशिश की जा रही है। बाहर से आने वाले बीएस-6 से अलग प्रकार के वाहनों को रोककर भी प्रदूषण को कम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसके बाद भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। यह अभी भी गंभीर स्तर पर बना हुआ है।
व्यापारियों के संगठन सीटीआई ने दावा किया है कि इस गंभीर प्रदूषण के कारण लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। खुदरा बाजार में भी खरीदारी पर असर पड़ा है क्योंकि लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं। आने वाले सप्ताह-पंद्रह दिनों के अंदर क्रिसमस और नये वर्ष के कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। इसको लेकर पहले ही खरीदारी कर ली जाती है। लेकिन इस समय लोग खरीदारी करने से बच रहे हैं जिससे व्यापार पर असर पड़ रहा है। इससे नए साल के रंग में भंग भी पड़ सकता है।
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से अकेले सरकार नहीं निपट सकती। लेकिन इसके लिए हर संभव उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो बाजारों को खोलने के समय में परिवर्तन कर व्यापारी प्रदूषण को कम करने में अपनी तरफ से योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदूषण को रोकने के विभिन्न उपाय अपनाकर इसमें नागरिकों का भी सहयोग लेना चाहिए जिससे इस पर निर्णायक काम किया जा सके।
नए साल में भी भारी नुकसान का अनुमान
पूरे देश से लाखों लोग नया साल मनाने के लिए दिल्ली पहुंचते हैं। इससे होटल, बार, रेस्टोरेंट व्यापार को मदद मिलती है। आने वाले पर्यटक बाजारों में जाकर अपने लिए यादगार खरीदारी भी करते हैं। लेकिन यदि प्रदूषण की स्थिति इसी तरह गंभीर बनी रही तो इससे लोग दिल्ली आने से बचने की कोशिश कर सकते हैं। इससे भी दिल्ली के व्यापार को गंभीर नुकसान हो सकता है।
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हर उपाय के बाद भी प्रदूषण गंभीर
सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए अलग-अलग उपाय अपनाकर इस पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव, लगातार चलने वाले जल वाष्प से छिड़काव, निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध और स्कूल-कार्यालयों को ऑनलाइन और वर्क फ्रॉम होम से जोड़कर लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने की कोशिश की जा रही है। बाहर से आने वाले बीएस-6 से अलग प्रकार के वाहनों को रोककर भी प्रदूषण को कम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसके बाद भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। यह अभी भी गंभीर स्तर पर बना हुआ है।
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व्यापारियों के संगठन सीटीआई ने दावा किया है कि इस गंभीर प्रदूषण के कारण लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। खुदरा बाजार में भी खरीदारी पर असर पड़ा है क्योंकि लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं। आने वाले सप्ताह-पंद्रह दिनों के अंदर क्रिसमस और नये वर्ष के कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। इसको लेकर पहले ही खरीदारी कर ली जाती है। लेकिन इस समय लोग खरीदारी करने से बच रहे हैं जिससे व्यापार पर असर पड़ रहा है। इससे नए साल के रंग में भंग भी पड़ सकता है।
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से अकेले सरकार नहीं निपट सकती। लेकिन इसके लिए हर संभव उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो बाजारों को खोलने के समय में परिवर्तन कर व्यापारी प्रदूषण को कम करने में अपनी तरफ से योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदूषण को रोकने के विभिन्न उपाय अपनाकर इसमें नागरिकों का भी सहयोग लेना चाहिए जिससे इस पर निर्णायक काम किया जा सके।
नए साल में भी भारी नुकसान का अनुमान
पूरे देश से लाखों लोग नया साल मनाने के लिए दिल्ली पहुंचते हैं। इससे होटल, बार, रेस्टोरेंट व्यापार को मदद मिलती है। आने वाले पर्यटक बाजारों में जाकर अपने लिए यादगार खरीदारी भी करते हैं। लेकिन यदि प्रदूषण की स्थिति इसी तरह गंभीर बनी रही तो इससे लोग दिल्ली आने से बचने की कोशिश कर सकते हैं। इससे भी दिल्ली के व्यापार को गंभीर नुकसान हो सकता है।