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Karnataka: धर्मस्थल मामले में चार्जशीट दाखिल करना अब SIT के हाथ में, गृह मंत्री बोले- सरकार का काम पूरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 20 Nov 2025 04:05 PM IST
सार
Karnataka Government on Dharmasthala Case: धर्मस्थल मामले में कर्नाटक सरकार ने एसआईटी को चार्जशीट दाखिल करने की पूरी मंजूरी दे दी है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपना काम पूरा कर लिया है और अब चार्जशीट दाखिल करना या ना करना सब एसआईटी का अधिकार है।
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जी. परमेश्वर, गृह मंत्री, कर्नाटक
- फोटो : ANI
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विस्तार
धर्मस्थल मामले की जांच एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। जहां कई कथित हत्याओं, यौन उत्पीड़न और दफनाए गए शवों के आरोपों ने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी थी, वहीं अब कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चार्जशीट दाखिल करने को लेकर निर्णय पूरी तरह विशेष जांच दल के हाथ में है। गृह मंत्री रमेश परमेश्वर ने कहा कि सरकार अपना काम कर चुकी है और अब सारी जिम्मेदारी एसआईटी की है।
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बंगलूरू में गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री ने बताया कि सरकार ने धर्मस्थल मामले में एसआईटी को चार्जशीट दाखिल करने की औपचारिक अनुमति दे दी है। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी बेल्थंगडी कोर्ट में चार्जशीट बहुत जल्द दाखिल कर सकती है। मंत्री ने कहा कि 90 दिनों की तय सीमा में प्रक्रिया पूरी करना एसआईटी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही सरकार को विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
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चार्जशीट पर सरकार को जानकारी बाद में मिलेगी
जब उनसे पूछा गया कि क्या एसआईटी ने सरकार के साथ कोई जानकारी साझा की है, उन्होंने कहा कि अदालत में चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही एसआईटी सरकार को रिपोर्ट करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि चार्जशीट की सामग्री सार्वजनिक होने के बाद ही सच सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यह एसआईटी सरकार के आदेश पर बनी है, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के बाद सरकार को अपडेट दिया जाएगा।
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विधानसभा सत्र में जानकारी रखने की तैयारी
इस पर सवाल उठाए जाने पर कि क्या आगामी 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में चार्जशीट का मुद्दा उठेगा, मंत्री ने कहा कि जहां-जहां इस मामले पर सदन में चर्चा हुई है, वहां तथ्य अपडेट करना जरूरी होगा। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ जानकारी सदन में रखने की तैयारी में है, बशर्ते चार्जशीट समय पर दाखिल हो जाए।
शिकायतकर्ता की गिरफ्तारी से शुरू हुआ विवाद
धर्मस्थल मामले में विवाद तब गहरा गया जब शिकायतकर्ता सीएन चिन्नैया, जिसने दो दशक में कई शवों को दफनाने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, को बाद में झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। चिन्नैया ने दावा किया था कि उसने कई शव जंगलों में नदी किनारे दबाए थे और आरोपों की दिशा स्थानीय मंदिर प्रशासन की ओर इशारा करती थी। इस बयान ने राज्यभर में हलचल मचा दी थी।
राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने चिन्नैया द्वारा बताए गए कई स्थानों पर खुदाई की। नेट्रवती नदी के आसपास के जंगलों में दो जगहों पर कंकाल बरामद किए गए। हाल में एसआईटी ने बंगलेगुड्डे जंगल क्षेत्र में नहाने के घाट के पास भी कुछ अवशेष फिर से बरामद किए हैं। इससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है और एसआईटी तेजी से अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है।