{"_id":"620437abad27d6387f312826","slug":"ed-seizes-rs-288-crores-funds-of-chinese-controlled-nbfc-used-to-give-instant-loans-through-the-app","type":"story","status":"publish","title_hn":"ईडी की कार्रवाई: चीनी नागरिक के स्वामित्व वाली कंपनी के 288 करोड़ रुपये जब्त, एप के जरिए देती थी तत्काल कर्ज","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
ईडी की कार्रवाई: चीनी नागरिक के स्वामित्व वाली कंपनी के 288 करोड़ रुपये जब्त, एप के जरिए देती थी तत्काल कर्ज
एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 10 Feb 2022 03:22 AM IST
विज्ञापन
सार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चेन्नई स्थित कस्टम कमिश्नर ने चार फरवरी को आदेश जारी कर चीनी नागरिक के स्वामित्व वाली पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (पीसीएफएस) एनबीएफसी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।

ईडी की कार्रवाई
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
फेमा के एक सक्षम प्राधिकरण ने चीनी नागरिक के स्वामित्व वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के 288 करोड़ रुपये के फंड को जब्त करने का आदेश दिया। यह कंपनी लोगों को मोबाइल एप के जरिए तत्काल कर्ज देती थी और बाद में कर्ज लेने वाले लोगों के निजी डाटा को दुरुपयोग कर उन्हें परेशान करती थी।

Trending Videos
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चेन्नई स्थित कस्टम कमिश्नर ने चार फरवरी को आदेश जारी कर चीनी नागरिक के स्वामित्व वाली पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (पीसीएफएस) एनबीएफसी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। पीसीएफएस का मालिकाना हक चीनी नागरिक झाऊ याहुई का है। ईडी ने एनबीएफसी के बैंक खातों और पेमेंट गेटवेज में रखे 288 करोड़ रुपये के फंड को जब्त कर लिया है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की विभिन्न धाराओं के तहत पिछले साल फंड जब्त करने के लिए तीन अलग-अलग आदेश जारी हुए थे।
विज्ञापन
विज्ञापन
ईडी ने एंट्री मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कंपनी के खिलाफ फेमा की जांच शुरू की थी। एजेंसी कई एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों के खिलाफ पहले से जांच कर रही थी। यह कंपनी लोगों को मोबाइल फोन के जरिए तत्काल कर्ज देती थी और इसके बाद लोगों के निजी डाटा का दुरुपयोग कर उच्च ब्याज दर पर पैसा वसूलती थी। साथ ही अपने कॉल सेंटरों के जरिए धमकाती भी थी। कोरोना काल में आर्थिक संकट के चलते कई लोगों ने ऐसी कंपनियों से कर्ज लिया था और इन कंपनियों के रिकवरी एजेंटों के उत्पीड़न के चलते कई लोगों ने अपनी जिंदगी भी खत्म कर ली थी।