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EC: बिहार के बाद पूरे देश में होगा SIR, तैयारियों पर चर्चा लिए चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बुलाई अहम बैठक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sat, 06 Sep 2025 05:51 PM IST
सार

चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में मतदाता सूची संशोधन, आचार संहिता और चुनावी पारदर्शिता पर चर्चा होगी। बिहार के बाद अब देशभर में एक जनवरी 2026 को पात्रता तिथि मानकर विशेष मतदाता सूची संशोधन की योजना है।

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चुनाव आयोग - फोटो : अमर उजाला
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चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की नियमित बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में चुनाव से जुड़े सभी अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। मतदाता सूची की समीक्षा, आचार संहिता का पालन, तकनीकी सुधार और पारदर्शिता जैसे विषय एजेंडे में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि बैठक का मकसद आगामी चुनावों को सुचारू और विश्वसनीय ढंग से आयोजित करना है।
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सूत्रों ने बताया कि बिहार के बाद अब देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) लागू करने की तैयारी है। इस प्रक्रिया की पात्रता तिथि एक जनवरी 2026 रखी गई है। चुनाव आयोग ने 24 जून को आदेश जारी कर एसआईआर की घोषणा की थी। हालांकि, इसे पहले सिर्फ बिहार में लागू किया गया था। अब आयोग ने तय किया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस पर काम आगे बढ़ेगा।
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सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी करेंगे प्रस्तुति
बैठक में सभी सीईओ को अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति पर प्रस्तुति देनी होगी। इसमें मतदाताओं की संख्या, पिछली गहन समीक्षा की जानकारी और संशोधन की मौजूदा स्थिति शामिल होगी। चुनाव आयोग के आदेश के बाद ही अंतिम समयसीमा तय होगी। बैठक दिल्ली के द्वारका स्थित चुनाव आयोग के इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट  में आयोजित होगी।

दो दशक बाद गहन संशोधन
चुनाव आयोग ने कहा था कि 2003 के बाद से गहन संशोधन (इंटेंसिव रिवीजन) नहीं हुआ है। शहरीकरण और पलायन की वजह से मतदाता सूची में डुप्लीकेट नामों की आशंका बढ़ गई है। इसलिए हर व्यक्ति के नामांकन से पहले गहन सत्यापन जरूरी है। सामान्यत: हर साल मतदाता सूची में संशोधन होता है, लेकिन इस बार पूरी सूची नए सिरे से तैयार की जा रही है।

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बिहार मॉडल बनेगा आधार
बिहार में इस प्रक्रिया को पहले ही लागू किया गया था। वहां नए एन्यूमरेशन फॉर्म और 11 दस्तावेजों की सूची जारी की गई थी। सभी मौजूदा मतदाताओं को फॉर्म भरना पड़ा और 2003 के बाद जुड़े नामों के लिए पात्रता दस्तावेज देना अनिवार्य था। अब यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए आधार बनेगा। बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।

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