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EC: आधार कार्ड पर दोहरा रवैया क्यों अपना रहा विपक्ष, आयोग बोला- पहले वोटर कार्ड से जोड़ने के खिलाफ रही TMC
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sat, 05 Jul 2025 07:10 AM IST
सार
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के साथ विभिन्न बैठकों के दौरान आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने का विरोध किया था। लेकिन अब इसे सत्यापन दस्तावेजों में न रखे जाने पर आपत्तियां जताई जा रही हैं।
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चुनाव आयोग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को लेकर विपक्ष के दोहरे रवैये पर सवाल उठाया है। आयोग ने शुक्रवार को कहा कि चूंकि आधार न तो नागरिकता का प्रमाणपत्र है और न ही जन्मतिथि का प्रमाण है, इसलिए बिहार में मतदाता सूची समीक्षा प्रक्रिया में इसे 11 सत्यापन दस्तावेजों में शामिल नहीं किया गया। लेकिन अब विपक्ष इसे लेकर नाराजगी जता रहा है, जबकि वह इसे मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के खिलाफ रहा है।
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चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के साथ विभिन्न बैठकों के दौरान आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने का विरोध किया था। लेकिन अब इसे सत्यापन दस्तावेजों में न रखे जाने पर आपत्तियां जताई जा रही हैं। आधार को सत्यापन दस्तावेजों में शामिल न करने के कारण गिनाते हुए आयोग के सूत्रों ने कहा कि यह जन्म स्थान का प्रमाण नहीं है। यह सिर्फ ये परिभाषित करता है कि 10 उंगलियों के निशान, फोटो और आईरिस संबंधित व्यक्ति के हैं। आयोग ने कहा कि हर आधार कार्ड पर बोल्ड में लिखा भी होता है कि आधार पहचान का प्रमाण है, नागरिकता या जन्मतिथि का नहीं। आधार कभी मतदाता पहचानपत्र का पुख्ता आधार नहीं हो सकता।
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जन्म प्रमाणपत्र से लेकर शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्र तक मान्य
- आयोग ने सत्यापन के लिए जिन 11 दस्तावेजों को मान्य बताया है, उनमें केंद्र, राज्य सरकार व सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मियों के पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश शामिल हैं।
- एक जुलाई 1987 के पूर्व सरकारी, स्थानीय प्राधिकार बैंक, पोस्टऑफिस, एलआईसी एवं पब्लिक सेक्टर उपक्रमों से जारी आईकार्ड, दस्तावेज भी मान्य होंगे।
- सक्षम प्राधिकार से जारी जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड, विश्वविद्यालय से निर्गत मैट्रिक व अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्र, स्थायी आवासीय प्रमाणपत्र, वन अधिकार प्रमाणपत्र भी मान्य है।
- ओबीसी/एससी/एसटी जाति प्रमाणपत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां उपलब्ध हो), राज्य/स्थानीय प्राधिकार द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर और सरकार की कोई भूमि/मकान आवंटन प्रमाणपत्र को भी स्वीकारा जाएगा।