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EC: पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की चेतावनी का असर, ड्यूटी पर वापस लौटे सभी 143 बीएलओ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: लव गौर Updated Thu, 30 Oct 2025 11:10 PM IST
सार

Election Commission: भारत निर्वाचन आयोग की कड़ी चेतावनी के 24 घंटे से भी कम समय में पश्चिम बंगाल में सभी 143 बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) गुरुवार को ड्यूटी पर लौट आए हैं। बुधवार को चुनाव आयोग ने 143 बीएलओ को एक सख्त निर्देश जारी किया था, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई थी कि जो लोग गुरुवार तक ड्यूटी पर नहीं आएंगे, उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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Election Commission's warning in West Bengal has impact all 143 BLOs returning to duty
चुनाव आयोग - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की चेतावनी के बाद सभी 143 बीएलओ ने ड्यूटी पर वापसी कर ली है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की कड़ी चेतावनी के 24 घंटे से भी कम समय में पश्चिम बंगाल में सभी 143 बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) गुरुवार को ड्यूटी पर लौट आए।
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सभी 143 बीएलओ ड्यूटी पर लौटे
जिला प्रशासन ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय को सूचित किया कि कूचबिहार, मुर्शिदाबाद और कोलकाता उत्तर जैसे निर्वाचन क्षेत्रों के सभी संबंधित अधिकारी निर्धारित समय के भीतर ड्यूटी पर लौट आए। उन्होंने कहा, "सभी 143 बीएलओ आज ड्यूटी पर लौट आए हैं। हमें संबंधित जिलों के अधिकारियों से पुष्टि मिल गई है। किसी भी जिला मजिस्ट्रेट से अनुपालन ना करने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।"
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पश्चिम बंगाल में कुल 80,681 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से प्रत्येक को मतदाता सूची प्रबंधन और सत्यापन के लिए एक बीएलओ नियुक्त किया गया है। चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है, जो अगले साल की शुरुआत तक जारी रहेगा।

चुनाव आयोग ने जारी की थी चेतावनी
बुधवार को चुनाव आयोग ने 143 बीएलओ को एक सख्त निर्देश जारी किया, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई कि जो लोग गुरुवार तक ड्यूटी पर नहीं आएंगे, उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और विभागीय कार्यवाही भी शामिल है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अधिकारियों के अनुसार बीएलओ की भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया लगभग सात महीने से चल रही थी। हालांकि कई नियुक्त बीएलओ कार्यभार संभालने में अनिच्छुक थे, जिससे आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण से संबंधित तैयारी कार्य बाधित हो रहा था। बार-बार निर्देशों के बावजूद अधिकारियों का एक वर्ग ना तो अपने निर्धारित पदों पर आया और ना ही प्रशिक्षण सत्रों में शामिल हुआ। 

राज्य शिक्षा विभाग को लिखा था पत्र
इसके बाद आयोग ने संकेत दिया कि अनुपालन ना करने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने राज्य शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि बीएलओ के रूप में नियुक्त सभी स्कूल शिक्षकों को तुरंत अपनी जिम्मेदारियां संभालनी चाहिए। उन्होंने कहा, "निर्देश के बाद गुरुवार सुबह से स्थिति में काफी बदलाव आया और ज्यादातर लंबित अधिकारी ड्यूटी पर लौट आए।"
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