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COAI: डिजिटल विश्वास पर सरकार और उद्योगों को मिलकर करना होगा काम, वाइस एआई की चुनौतियों को भी करना होगा कम
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Fri, 29 Aug 2025 07:13 PM IST
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सार
भारतीय दूरसंचार उद्योग ने वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत के लिए डिजिटल नेटवर्क ढांचा मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराया है।

सीओएआई डायलॉग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा गुरुवार को सीओएआई डायलॉग का आयोजन किया गया। इसमें शामिल हुए भारतीय दूरसंचार उद्योग ने वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत के लिए डिजिटल नेटवर्क ढांचा मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराया। इस आयोजन में ट्राई के सदस्य रितु रंजन मित्तर, जीएसएमए के एशिया प्रशांत प्रमुख जूलियन गोरमैन, केंद्र सरकार के अफसर समेत उद्योगों के कई जाने माने लोगों ने अपनी उपस्थिति दज करवाई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ट्राई सदस्य रितु रंजन मित्तर ने अपने संबोधन में कहा,जब हम डिजिटल समावेश की बात करते हैं तो हमें हासिल की गई उपलब्धियों जैसे 1.2 अरब यूज़र्स, सबसे तेजी से चालू की जा रही 5जी सुविधा आदि से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। बल्कि हमें उस अंतिम ग्राहक तक पहुंचना है जो अभी तक इसमें शामिल नहीं है। यह समय एआई समर्थ फोन के लिए निकट है और वॉयस एआई से आने वाली चुनौतियों को देखते हुए विश्वास के मुद्दे को हल करना आवश्यक है। बैकहॉल स्पेक्ट्रम पर चल रहे काम और अपडेटेड इंटरकनेक्ट नियमनों के साथ दूरसंचार विभाग और ट्राई इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं।
जीएसएमए एशिया प्रशांत प्रमुख जूलियन गोरमैन ने कहा, भारत की डिजिटल प्रगति को कनेक्टिविटी से ताकत मिलती है, लेकिन इसे डिजिटल विश्वास पर निर्भर होना होगा जिसके लिए सरकार और उद्योग के बीच तत्काल गठबंधन जरूरी है। इससे एक सुरक्षित एवं लचीला पारितंत्र का निर्माण हो सकेगा। एक दूरसंचार महाशक्ति के तौर पर उभरता भारत वैश्विक मानकों का चैंपियन बनकर, मुक्त अंतर संचालनीय ढांचे का निर्माण कर और डिजिटल बिखराव के बीच सामंजस्य स्थापित कर अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
सीओएआई के वाइस चेयरमैन और भारती एयरटेल के मुख्य नियामकीय अधिकारी राहुल वत्स ने कहा, दूरसंचार एक बहुत गतिशील क्षेत्र है जो पिछले 30 वर्षों में इस समाज में भारी बदलाव लाया है। यह नियामकों, नीति निर्माताओं, सरकार और निजी क्षेत्र के बीच अनूठे गठबंधन से संभव हुआ है। दुनिया में कहीं भी कोई नेटवर्क प्रति यूजर 25 से 28 जीबी डेटा का आवागमन नहीं करता या मुश्किल से डेढ़ वर्ष में एक व्यापक 5जी नेटवर्क नहीं तैयार करता है। आज एक प्रमुख चिंता डिजिटल विश्वास और सुरक्षा खासकर व्यापक स्तर पर डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर है। सरकार, नियामक के सहयोग से आगे की सोच के साथ नियमनों और अनूठे समाधानों के जरिए इससे निपट रही है, लेकिन इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक डिजिटल पारितंत्र को शामिल करना आवश्यक है।
सीओएआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर एसपी कोचर ने कहा, यह हमारे पूर्व के डिजिकॉम समिट से निकले महत्वपूर्ण अंतर-क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह मंच सामूहिक चर्चा का माहौल तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है जो गंभीर चुनौतियों से निपटेगा और टिकाऊ वृद्धि एवं नवप्रवर्तन के लिए भारत के दूरसंचार उद्योग के भविष्य को आकार देगा।
ये भी पढ़ें: Amit Shah: 'पीएम मोदी और उनकी मां को अपशब्द के लिए माफी मांगें राहुल गांधी', कांग्रेस पर जमकर बरसे अमित शाह
दरअसल,सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) भारत में अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और दूरसंचार उपकरण वेंडरों का प्रतिनिधित्व करता है। सीओएआई विश्व स्तरीय ढांचा, उत्पाद और सेवाओं के विकास एवं प्रावधान के जरिए इस देश में मोबाइल टेलीफोनी एवं ब्रॉडबैंड की प्रगति के लिए समर्पित है जिससे भारत के लोगों को अनूठे एवं किफायती मोबाइल संचार सेवाओं का लाभ मिल सके। यह एसोसिएशन मंत्रालयों, नीति निर्माताओं, नियामकों, वित्तीय संस्थानों और तकनीकी निकायों के साथ मिलकर इन उद्देश्यों की दिशा में काम करता है।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ट्राई सदस्य रितु रंजन मित्तर ने अपने संबोधन में कहा,जब हम डिजिटल समावेश की बात करते हैं तो हमें हासिल की गई उपलब्धियों जैसे 1.2 अरब यूज़र्स, सबसे तेजी से चालू की जा रही 5जी सुविधा आदि से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। बल्कि हमें उस अंतिम ग्राहक तक पहुंचना है जो अभी तक इसमें शामिल नहीं है। यह समय एआई समर्थ फोन के लिए निकट है और वॉयस एआई से आने वाली चुनौतियों को देखते हुए विश्वास के मुद्दे को हल करना आवश्यक है। बैकहॉल स्पेक्ट्रम पर चल रहे काम और अपडेटेड इंटरकनेक्ट नियमनों के साथ दूरसंचार विभाग और ट्राई इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं।
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जीएसएमए एशिया प्रशांत प्रमुख जूलियन गोरमैन ने कहा, भारत की डिजिटल प्रगति को कनेक्टिविटी से ताकत मिलती है, लेकिन इसे डिजिटल विश्वास पर निर्भर होना होगा जिसके लिए सरकार और उद्योग के बीच तत्काल गठबंधन जरूरी है। इससे एक सुरक्षित एवं लचीला पारितंत्र का निर्माण हो सकेगा। एक दूरसंचार महाशक्ति के तौर पर उभरता भारत वैश्विक मानकों का चैंपियन बनकर, मुक्त अंतर संचालनीय ढांचे का निर्माण कर और डिजिटल बिखराव के बीच सामंजस्य स्थापित कर अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
सीओएआई के वाइस चेयरमैन और भारती एयरटेल के मुख्य नियामकीय अधिकारी राहुल वत्स ने कहा, दूरसंचार एक बहुत गतिशील क्षेत्र है जो पिछले 30 वर्षों में इस समाज में भारी बदलाव लाया है। यह नियामकों, नीति निर्माताओं, सरकार और निजी क्षेत्र के बीच अनूठे गठबंधन से संभव हुआ है। दुनिया में कहीं भी कोई नेटवर्क प्रति यूजर 25 से 28 जीबी डेटा का आवागमन नहीं करता या मुश्किल से डेढ़ वर्ष में एक व्यापक 5जी नेटवर्क नहीं तैयार करता है। आज एक प्रमुख चिंता डिजिटल विश्वास और सुरक्षा खासकर व्यापक स्तर पर डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर है। सरकार, नियामक के सहयोग से आगे की सोच के साथ नियमनों और अनूठे समाधानों के जरिए इससे निपट रही है, लेकिन इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक डिजिटल पारितंत्र को शामिल करना आवश्यक है।
सीओएआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर एसपी कोचर ने कहा, यह हमारे पूर्व के डिजिकॉम समिट से निकले महत्वपूर्ण अंतर-क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह मंच सामूहिक चर्चा का माहौल तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है जो गंभीर चुनौतियों से निपटेगा और टिकाऊ वृद्धि एवं नवप्रवर्तन के लिए भारत के दूरसंचार उद्योग के भविष्य को आकार देगा।
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दरअसल,सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) भारत में अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और दूरसंचार उपकरण वेंडरों का प्रतिनिधित्व करता है। सीओएआई विश्व स्तरीय ढांचा, उत्पाद और सेवाओं के विकास एवं प्रावधान के जरिए इस देश में मोबाइल टेलीफोनी एवं ब्रॉडबैंड की प्रगति के लिए समर्पित है जिससे भारत के लोगों को अनूठे एवं किफायती मोबाइल संचार सेवाओं का लाभ मिल सके। यह एसोसिएशन मंत्रालयों, नीति निर्माताओं, नियामकों, वित्तीय संस्थानों और तकनीकी निकायों के साथ मिलकर इन उद्देश्यों की दिशा में काम करता है।