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संसद में SIR पर चर्चा की मांग: विपक्ष के विरोध-हंगामे से गतिरोध, अब विधायी एजेंडा आगे बढ़ाने की ताक में सरकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 03 Aug 2025 06:33 PM IST
सार

Parliamentary Deadlock Over SIR: संसद का मानसून सत्र राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया है। जहां सरकार अपने विधायी कार्यों को आगे बढ़ाना चाहती है, वहीं विपक्ष एसआईआर पर बहस को लेकर अड़ा हुआ है। अब देखना होगा कि सोमवार को संसद में क्या होता है - गतिरोध खत्म होता है या टकराव और गहराता है।

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Govt looks to push legislative agenda amid parliamentary deadlock over SIR discussion demand
संसद भवन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मानसून सत्र के दौरान संसद में लगातार गतिरोध के बीच केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में दो अहम विधेयकों- राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक - को पारित कराने की कोशिश कर सकती है। विपक्ष की तरफ से बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा की मांग को सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिलने के कारण संसद में हंगामा जारी है। इस मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है।
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एसआईआर पर क्यों हो रहा है विवाद?
विपक्षी दलों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग (ईसी) की यह प्रक्रिया विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम सूची से हटाने और एनडीए (भाजपा गठबंधन) के पक्ष में चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है। वहीं, निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया देशभर में लागू की जाएगी ताकि केवल योग्य मतदाता ही वोट डाल सकें और मतदाता सूची की विश्वसनीयता बनी रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे 'वोट चोरी' करार दिया है। ईसी ने शनिवार को उनके आरोपों को बेबुनियाद, बिना सबूत और भ्रामक बताया।

एसआईआर चुनाव आयोग का प्रशासनिक कार्य- सरकार
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि एसआईआर चुनाव आयोग का प्रशासनिक कार्य है और संविधान के मुताबिक, संसद को ईसी की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का हवाला देते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर संसद में बहस नहीं हो सकती। रिजिजू ने कहा, 'अगर संसद में चर्चा होती है तो आमतौर पर संबंधित मंत्री जवाब देते हैं। लेकिन ईसी एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है, उसका कोई मंत्री नहीं होता।'

विधायी एजेंडा पर सरकार का फोकस
इस बीच, लोकसभा में 'राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक' लाया गया है, जिसका उद्देश्य देश में खेल संगठनों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इसके अलावा राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक भी सूचीबद्ध है, जो खेलों में डोपिंग रोकने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। राज्यसभा में भी सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से अगले 6 महीनों तक बढ़ाने का प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा गया है।

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संसद का अब तक का हाल
21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अब तक संसद की कार्यवाही लगभग ठप रही है। केवल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर ही दोनों सदनों में दो दिन तक चर्चा हो सकी। सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, अगर विपक्ष का विरोध जारी रहता है तो सरकार हंगामे के बीच ही विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

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