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TMC Vs BJP: 'सरकार ने संसद में सबसे ज्यादा शोर किया', केंद्र पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने साधा निशाना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 26 Aug 2025 06:37 PM IST
सार

Derek O'Brien On Centre Govt: टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने संसद में सबसे ज्यादा शोर किया और अहम मुद्दों के साथ-साथ सांसदों के सवालों को टाल गई। करीब एक महीने तक चले संसद के मानसून के ज्यादातर दिन हंगामों की भेंट चढ़ा।

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Govt made 'most sound', 'lacked substance' in Parliament: TMC's Derek O'Brien
डेरेक ओ'ब्रायन, सांसद, तृणमूल कांग्रेस - फोटो : ANI
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संसद के हाल ही में खत्म मानसून सत्र को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सत्र के दौरान हर तरीके से 'सबसे ज्यादा शोर' तो मचाया, लेकिन उसके पास ठोस जवाब और सार नहीं था। डेरेक ओ'ब्रायन ने अपने ब्लॉग में ग्रीक के महान दार्शनिक प्लेटो का जिक्र किया। उन्होंने याद दिलाया कि प्लेटो ने कई विचार दिए थे, जिनमें से एक कहावत बनी- 'खाली बर्तन ज्यादा आवाज करता है।' टीएमसी नेता ने आगे लिखा, 'सदियों बाद, ग्रीस से दूर भारत में, संसद के भीतर इस पुरानी कहावत का जीता-जागता प्रदर्शन हुआ। यह प्लेटो इन पार्लियामेंट था।'
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विपक्ष के सवाल और सरकार के जवाब
टीएमसी सांसद ने विपक्षी नेताओं की तरफ से पूछे गए कुछ अहम सवालों और सरकार की ओर से मिले अधूरे जवाबों का उदाहरण भी दिया, जिसमें बच्चों से मजदूरी पर सवाल, दरअसल टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने देश में बाल मजदूरों की संख्या पूछी। सरकार ने बताया कि 2018 से 2022 के बीच 3000 से अधिक मामले दर्ज हुए। लेकिन मौजूदा संख्या बताने से बच गई।

नागरिकता साबित करने के दस्तावेज पर सवाल
सीपीआई(एमएल) लिबरेशन के विधायक सुदामा प्रसाद ने पूछा कि नागरिकता साबित करने के लिए कौन-से दस्तावेज मान्य होंगे। इसके जवाब में सरकार ने केवल 1955 के नागरिकता कानून के प्रावधान गिना दिए, लेकिन किसी एक भी दस्तावेज का नाम नहीं बताया।

रोजगार पर रोबोट का असर
डेरेक ओ'ब्रायन ने खुद सवाल किया कि भारत में रोबोट की घनत्व (डेंसिटी) वैश्विक औसत की तुलना में कितना है? क्या इससे मजदूरों की नौकरियां जा रही हैं? और क्या इसके लिए कोई 'रोबोट टैक्स' लगाने का विचार है, ताकि मजदूरों को राहत मिल सके? लेकिन सरकार ने इसके जवाब में केवल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की बात की, नौकरी छिनने के असर पर एक शब्द नहीं कहा।

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संसद में हंगामा और विपक्ष का हमला
बता दें कि संसद का मानसून सत्र 21 अगस्त को खत्म हुआ। पूरा सत्र लगभग रोजाना हंगामों और विपक्षी विरोध-प्रदर्शनों से भरा रहा। विपक्ष खास तौर पर बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) को लेकर सरकार पर हमलावर रहा।
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