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Maharashtra: 'कौन क्या खाए, सरकार तय नहीं कर सकती...', मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने किया मीट बैन का विरोध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई।
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 14 Aug 2025 08:28 PM IST
सार
Maharashtra: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को लोगों के खाने के तरीके नहीं तय करने चाहिए। कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को मांस की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है, जिस पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है। इस मुद्दे पर भाजपा और एनसीपी में भी मतभेद देखने को मिले हैं।
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मनसे प्रमुख राज ठाकरे।
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को राज्य के कुछ नगर निगमों की ओर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों के खाने-पीने का तरीका तय नहीं करना चाहिए। राज ठाकरे ने कहा कि नगर निगमों को ऐसा प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है।
पत्रकारों से बातचीत में राज ठाकरे ने कहा, सरकार और नगर निगम यह तय नहीं कर सकते कि कौन क्या खाए और क्या न खाए। हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, लेकिन खाने की आजादी नहीं है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर (मांस पर) प्रतिबंध लगाना एक विरोधाभास है।
ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल द्वारा आयोजित चाय पार्टी में नहीं जाएंगे सीएम, तमिलनाडु सरकार ने की घोषणा
कई नगर निगमों ने दिए मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश
राज ठाकरे अब उन विपक्षी नेताओं में शामिल हो गए हैं, जो राज्य के कुछ नगर निगमों की ओर से मांस पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। नागपुर, नासिक, मालेगांव, छत्रपति संभाजीनगर और कल्याण-डोंबिवली के नगर निगमों ने 15 अगस्त को अपने क्षेत्रों में सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। इनमें से कुछ नगर निगमों ने यह भी कहा है कि हिंदू व जैन त्योहारों के दौरान भी ये दुकानें बंद रहेंगी।
मांस पर प्रतिबंध को लेकर भाजपा और राकांपा की अलग-अलग राय
इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की भी अलग-अलग राय देखने को मिली है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि सरकार लोगों की खाने की पसंद पर निगरानी रखने में रुचि नहीं रखती।
ये भी पढ़ें: 'कागज मिटाओ-अधिकार चुराओ', राहुल ने भाजपा पर आदिवासियों के वन अधिकार पट्टे गायब करने का लगाया आरोप
भाजपा का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति सबसे पहले 1988 में लागू की गई थी, जब शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। भाजपा ने यह भी पूछा कि क्या विपक्ष अब इस फैसले को लेकर शरद पवार से सवाल करेगा।
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पत्रकारों से बातचीत में राज ठाकरे ने कहा, सरकार और नगर निगम यह तय नहीं कर सकते कि कौन क्या खाए और क्या न खाए। हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, लेकिन खाने की आजादी नहीं है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर (मांस पर) प्रतिबंध लगाना एक विरोधाभास है।
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कई नगर निगमों ने दिए मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश
राज ठाकरे अब उन विपक्षी नेताओं में शामिल हो गए हैं, जो राज्य के कुछ नगर निगमों की ओर से मांस पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। नागपुर, नासिक, मालेगांव, छत्रपति संभाजीनगर और कल्याण-डोंबिवली के नगर निगमों ने 15 अगस्त को अपने क्षेत्रों में सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। इनमें से कुछ नगर निगमों ने यह भी कहा है कि हिंदू व जैन त्योहारों के दौरान भी ये दुकानें बंद रहेंगी।
मांस पर प्रतिबंध को लेकर भाजपा और राकांपा की अलग-अलग राय
इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की भी अलग-अलग राय देखने को मिली है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि सरकार लोगों की खाने की पसंद पर निगरानी रखने में रुचि नहीं रखती।
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भाजपा का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति सबसे पहले 1988 में लागू की गई थी, जब शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। भाजपा ने यह भी पूछा कि क्या विपक्ष अब इस फैसले को लेकर शरद पवार से सवाल करेगा।
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