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Lalmonirhat Airbase: भारतीय सीमा के पास मौजूद एयरबेस चीन को सौंपने जा रहा बांग्लादेश? सरकार ने बताई सच्चाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 08 Aug 2025 06:21 PM IST
सार

बांग्लादेश के लालमोनिरहाट एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की अटकलों पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश की प्रेस ब्रीफिंग का संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि फिलहाल एयरबेस के सैन्य उपयोग की कोई योजना नहीं है। यह एयरबेस भारत के संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास स्थित है।

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Govt tells Parliament Have noted reports related to Lalmonirhat airbase in Bangladesh News In Hindi
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह - फोटो : एएनआई/संसद टीवी (फाइल)
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विस्तार
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बांग्लादेश के लालमोनिरहाट के एक एयरबेस को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा तेज है कि बांग्लादेश इसे फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रहा है। ऐसे में जब लोकसभा में इससे संबंधित सवाल किया गया तो केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी है। संसद में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि भारत ने इस विषय पर बांग्लादेश की हालिया प्रेस ब्रीफिंग का संज्ञान लिया है। हालांकि 26 मई को बांग्लादेश सेना के सैन्य संचालन निदेशक ने कहा था कि लालमोनिरहाट एयरबेस को सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाने की कोई योजना नहीं है।

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बता दें कि ये पूरा मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब पिछले कुछ समय से बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में स्थित पुराने एयरबेस को लेकर चर्चा तेज है। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश इसे फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रहा है और इसमें चीन की संभावित भागीदारी को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। यह एयरबेस भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) के पास स्थित है, जो देश को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाला एकमात्र संकरा रास्ता है।
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लोकसभा में कोशलेंद्र कुमार ने पूछा था सवाल
बीते दिनों लोकसभा में सांसद कौशलेंद्र कुमार ने सरकार से पूछा था कि क्या बांग्लादेश ने चीन को इस एयरबेस पर संचालन की अनुमति दी है, और क्या भारत सरकार ने इस पर आपत्ति जताई है। इस पर मंत्री ने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हर घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रही है और जरूरत के अनुसार सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि भारत ने बांग्लादेश के साथ इस मुद्दे पर कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज की है या नहीं।

अब समझिए क्यों खास है लालमोनिरहाट एयरबेस?
गौरतलब है कि लालमोनिरहाट एयरबेस भारत-बांग्लादेश सीमा से केवल 12-20 किलोमीटर और सिलीगुड़ी कॉरिडोर से करीब 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरबेस ब्रिटिश काल में 1931 में बना था और द्वितीय विश्व युद्ध के समय काफी अहम भूमिका निभा चुका है। फिलहाल यह बांग्लादेश वायुसेना के अधीन है लेकिन कई दशकों से निष्क्रिय पड़ा है।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इसे फिर से शुरू करने के लिए चीन की मदद मांगी है। हालांकि, बांग्लादेश सरकार की तरफ से सार्वजनिक रूप से यह कहा गया है कि वर्तमान में इसका कोई सैन्य उपयोग नहीं होगा।

भारत की सुरक्षा के लिए क्या है चिंता?
लालमोनिरहाट का यह एयरबेस भारत के लिए इसलिए संवेदनशील है क्योंकि यह 'चिकन नेक' कॉरिडोर के बेहद करीब है। अगर इस जगह पर किसी तीसरे देश, विशेषकर चीन की मौजूदगी होती है, तो इससे भारत की सुरक्षा और रणनीतिक स्थिति पर सीधा असर पड़ सकता है।

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