सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Great Nicobar mega project gets environmental nod 8.5 lakh trees will be cut for the development

Great Nicobar: ग्रेट निकोबार द्वीप के विकास के लिए कटेंगे 8.5 लाख पेड़, केंद्रीय वन मंत्रालय ने दी सहमति

एजेंसी, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Thu, 22 Sep 2022 06:21 AM IST
सार

प्रोजेक्ट को रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोगी बताया गया है। इसके तहत सैन्य-नागरिक उपयोग के लिए हवाई अड्डे, अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, गैस-डीजल व सौर आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र और टाउनशिप का निर्माण होगा।

विज्ञापन
Great Nicobar mega project gets environmental nod 8.5 lakh trees will be cut for the development
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

ग्रेट निकोबार द्वीप (जीएनआई) के हरे-भरे और प्राचीन वर्षा वन का एक हिस्सा विकास कार्यों के लिए देने पर केंद्रीय वन मंत्रालय ने सहमति दे दी है। इसके लिए क्षेत्र में करीब 8.5 लाख पेड़ काटे जाएंगे। 12 से 20 हेक्टेयर में फैले मैंग्रोव कवर और बहुमूल्य मूंगा चट्टानें भी प्रभावित होंगी, इन्हें ट्रांसलोकेट करने की बात कही गई है।

Trending Videos


प्रोजेक्ट को रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोगी बताया गया है। इसके तहत सैन्य-नागरिक उपयोग के लिए हवाई अड्डे, अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, गैस-डीजल व सौर आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र और टाउनशिप का निर्माण होगा। गृह मंत्रालय ने 30 मार्च को पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा था। इस में ग्रेट निकोबार द्वीप के गांधीनगर व शास्त्री नगर क्षेत्र में विकास कार्यों और इसे भारतीय नौसेना के नियंत्रण में रखने का प्रस्ताव था। जीएनआई देश का सुदूर दक्षिणी हिस्सा है, यहां से बंगाल की खाड़ी, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशियाई सागर क्षेत्र में भारत को महत्वपूर्ण रणनीतिक नियंत्रण हासिल होता है।
विज्ञापन
विज्ञापन


प्रोजेक्ट का असर

  • 1,761 स्थानीय आबादी पर इसका असर होगा, जिनमें स्थानीय शोम्पेन व निकोबारी समुदाय शामिल हैं।
  • यहां जैव विविधता, कई दुर्लभ जीव व वनस्पति मौजूद हैं, इन्हें नुकसान पहुंचने की आशंका है।
  • लेदरबैक समुद्री कछुए, निकोबार मेगापॉड (न उड़ सकने वाला एक पक्षी), निकोबार मकैक और खारे पानी के मगरमच्छ जैसे दुर्लभ जीव यहां हैं।
  • मेगापॉड के 51 सक्रिय घोंसले वाले स्थानों में से 30 स्थायी रूप से नष्ट कर दिए जाएंगे।
  • प्रोजेक्ट गलाथिया खाड़ी राष्ट्रीय उद्यान और कैम्पबेल खाड़ी राष्ट्रीय उद्यान की 10 किमी परिधि में बनेगा, हालांकि यह क्षेत्र उद्यान के पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील नहीं हैं।


तीन संस्थानों के सुझाव
तीन प्रमुख संस्थानों और एजेंसियों को प्रोजेक्ट के नुकसान का आकलन किया और इन्हें कम करने के लिए अपनी रिपोर्ट पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ अप्रेजल समिति के पास देने को दी।

  • जूलॉजिकल सर्व ऑफ इंडिया ने बताया कि प्रोजेक्ट से ग्रेट निकोबार द्वीप में वन और जीवों को नुकसान नहीं होगा अगर इन्हें रोकने पर सख्ती से ध्यान दें।
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान का कहना है कि लेदरबैक कछुओं को बचाने पर ज्यादा ध्यान देना होगा। चूंकि ये एक ही जगह नहीं रुकते इसलिए इन्हें जीएनआई पर दूसरी उचित जगह भेज सकते हैं, जहां वे घोंसले बना सकें। इन कछुओं पर गहन अध्ययन और स्थान विशेष के अनुसार बचाव के उपाय करने होंगे।
  • सलीम अली सेंटर फॉर आर्निथोलॉजी (पक्षी-विज्ञान) एंड नेचुरल हिस्ट्री (सेकॉन) ने नुकसान कम के सभी उपाय 10 साल में लागू करने को कहा है।
  • अंडमान-निकोबार प्रशासन के वन एवं पर्यावरण विभाग ने भी मैंग्रोव संरक्षण व प्रबंधन योजना दी है। 10 हेक्टेयर में फैली मूंगा चट्टानों की 20,668 कॉलोनियों में से 16,150 को भी ट्रांसलोकेट किया जाएगा।


पर्यावरण मंत्रालय की समिति बोली, एक साथ न काटे जाएं सारे पेड़

  • सभी पेड़ एक बार में न काट कर चरणबद्ध तरीके से काटे जाएं, सालाना प्रगति रिपोर्ट भी दें।
  • प्रोजेक्ट से प्रदूषण, जैव विविधता व स्थानीय जनजातियों के कल्याण व विवादों के लिए तीन स्वतंत्र समितियां बनाई जाएं।
  • उन पेड़ों की जियो-टैगिंग करें जहां दुर्लभ श्रेणी के उल्लू के घोंसले हैं, इसमें सेकॉन की मदद लें और इन पेड़ों को सुरक्षित रखें।
  • 8 लोकेशनों पर वन्यजीव गलियारे बनाएं जो पूर्वी हिस्से में मौजूद जंगल और समुद्री तट को जोड़ेंगे। वन्य जीवों के मूवमेंट के लिए भूमिगत गलियारे व कैनोपी-क्रॉसिंग भी बनाएं।
  • जीएनआई में देश-विदेश से आए लोगों से स्थानीय जनजातियों में रोग फैलने से रोकने के लिए 6 महीने की निगरानी के लिए द्वीप प्रशासन विशेष चिकित्सा यूनिट बनाए, यहां दवाएं और योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ तैनात करें।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed