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Gujarat: राज्यपाल ने गुजरात सार्वजनिक परीक्षा विधेयक को दी मंजूरी, एग्जाम पेपर लीक करने वालों की अब खैर नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद Published by: गुलाम अहमद Updated Mon, 06 Mar 2023 10:55 PM IST
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सार

गुजरात सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2023 को 24 फरवरी को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इस कानून के लागू होने से परीक्षा पेपर लीक में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

Gujarat Governor Acharya Devvrat gives assent to stringent bill to tackle exam paper leaks
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राज्य सरकार द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में भर्ती परीक्षा पेपर लीक को रोकने के लिए पारित किए गए विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसी के साथ यह कानून बन गया। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार को कहा कि गुजरात सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2023 को सदन में 24 फरवरी को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। जिसे राज्यपाल देवव्रत ने मंजूरी दे दी है।

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इस कानून के लागू होने से परीक्षा पेपर लीक में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल हो सकती है और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कानून उन लोगों को दंडित करने के लिए बनाया गया है जो भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करते हैं या अनधिकृत तरीके से प्रश्न पत्र खरीदते हैं और पेपर को अवैध रूप से हल करते हैं। कानून में प्रावधान है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने वाले उम्मीदवार को तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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साथ ही निरीक्षण दल के किसी सदस्य या परीक्षा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त व्यक्ति के कार्य में बाधा डालने या धमकाने वालों को तीन साल तक की कैद और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोई परीक्षार्थी या व्यक्ति अनुचित कार्य में लिप्त पाया जाता है या कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो उसे पांच साल की जेल हो सकती है, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, ऐसा आरोपियों पर कम से कम 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

संगठित अपराध में शामिल दोषी व्यक्तियों की संपत्ति होगी कुर्क
कानून के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ साजिश रचकर अनुचित साधनों का इस्तेमाल करता है, तो उसे सात साल की कैद की सजा हो सकती है जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही संगठित अपराध में शामिल दोषी व्यक्तियों की संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है।

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