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India-China Tension: 'क्या वाकई भारत-चीन सीमा विवाद सुलझ गया?', कांग्रेस ने जयशंकर पर दागे सवाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: काव्या मिश्रा Updated Fri, 28 Jul 2023 01:20 PM IST
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सार

पिछले साल बाली में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात हुई थी। इसी बयान पर अब विपक्ष हमलावर हो रहा है।

'Has India-China border dispute been resolved?' Congress on EAM's claim
जयराम रमेश - फोटो : Social Media
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विस्तार
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विदेश मंत्रालय के एक बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को सवाल किया क्या भारत-चीन सीमा विवाद सुलझने वाला है। दरअसल, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान रात्रिभोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि इस मौके पर दोनों नेता ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बात की थी। अब इसी बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है।

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कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि क्या चीन लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना को वापस बुला लेगा।

एलएसी पर हो रहे हमला
रमेश ने कहा कि 19 जून 2020 में प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दी थी, उसके बाद से उनकी सरकार लगातार ऐसे दिखावा कर रही है जैसे वह चीन पर सख्ती कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब चीन द्वारा लगातार एलएसी पर हमले किए जा रहे हो तो साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई सार्थक बातचीत नहीं हुई है। 
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यह भी पढ़ें- Bali G20 Meet: 'PM मोदी-शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर हुई थी बातचीत', MEA का खुलासा

पिछले साल की मुलाकात पर वार
बता दें, पिछले साल 16 नवंबर में बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। इस साल 25 जुलाई को चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि बाली में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात हुई थी। वहीं, गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस बयान की पुष्टि की थी।

कांग्रेस ने पूछे यह सवाल
इस बयान पर जयराम रमेश ने पूछा कि क्या वाकई दोनों नेताओं के बीच कोई बात बनी है? क्या चीन ने लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना को वापस बुला लेने का फैसला ले लिया है? जहां वह तीन साल से ज्यादा समय से घुसपैठ बनाए हुए। उन्होंने कहा कि वह दावा कर रहे है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में सुधार हो रहा है, लेकिन जब लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी कब्जा करे हुए हो तो यह कैसे संभव हो सकता है।  

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