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Education: बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए देश के 800 जिलों में बनेंगे हॉस्टल, आगामी बजट में एलान की उम्मीद
अमर उजाला ब्यूरो
Published by: लव गौर
Updated Wed, 24 Dec 2025 04:16 AM IST
सार
देश के सभी 800 जिलों में गर्ल्स हॉस्टल बनाए जाएंगे, ताकि घर से कॉलेज दूर होने के कारण लड़कियों की पढ़ाई न छूटे। शिक्षा मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और उम्मीद है कि आगामी बजट 2026 में इसकी घोषणा हो सकती है।
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फाइल फोटो
- फोटो : संवाद
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विस्तार
केंद्र सरकार ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की बेटियों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत देश के सभी 800 जिलों में गर्ल्स हॉस्टल बनाए जाएंगे, ताकि घर से कॉलेज दूर होने के कारण लड़कियों की पढ़ाई न छूटे।
शिक्षा मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और उम्मीद है कि आगामी बजट 2026 में इसकी घोषणा हो सकती है। दरअसल, दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है।
इस बैठक में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50 फीसदी तक पहुंचाने और ड्रॉपआउट को रोकने पर विस्तृत चर्चा होगी। सरकार का विशेष ध्यान बेटियों की शिक्षा पर है, इसलिए सभी जिलों को हॉस्टल मिल सकते हैं।
कई मुद्दों पर होगी बातचीत
जीईआर बढ़ाने के लिए राज्यों से अपना प्लान पेश करने को कहा गया है। इसमें कॉलेजों में दो शिफ्टों में कक्षाएं चलाने की संभावनाओं पर भी बात होगी। इसके अलावा, नए कॉलेज खोलने, ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और बोर्ड परीक्षाओं के पाठ्यक्रम व पैटर्न को पूरे देश में एकसमान करने जैसे मुद्दों पर सहमति बनाई जाएगी।
ये भी पढ़ें: Report: भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के पसंदीदा गंतव्य बने कनाडा, अमेरिका और यूके: नीति आयोग की रिपोर्ट
इस बैठक के दौरान कौशल शिक्षा और नए विषयों को शामिल करने पर भी राज्यों के सुझाव लिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि बुनियादी ढांचे और आधुनिक सुविधाओं के जरिये शिक्षा के स्तर को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाए।
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शिक्षा मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और उम्मीद है कि आगामी बजट 2026 में इसकी घोषणा हो सकती है। दरअसल, दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है।
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इस बैठक में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50 फीसदी तक पहुंचाने और ड्रॉपआउट को रोकने पर विस्तृत चर्चा होगी। सरकार का विशेष ध्यान बेटियों की शिक्षा पर है, इसलिए सभी जिलों को हॉस्टल मिल सकते हैं।
कई मुद्दों पर होगी बातचीत
जीईआर बढ़ाने के लिए राज्यों से अपना प्लान पेश करने को कहा गया है। इसमें कॉलेजों में दो शिफ्टों में कक्षाएं चलाने की संभावनाओं पर भी बात होगी। इसके अलावा, नए कॉलेज खोलने, ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और बोर्ड परीक्षाओं के पाठ्यक्रम व पैटर्न को पूरे देश में एकसमान करने जैसे मुद्दों पर सहमति बनाई जाएगी।
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इस बैठक के दौरान कौशल शिक्षा और नए विषयों को शामिल करने पर भी राज्यों के सुझाव लिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि बुनियादी ढांचे और आधुनिक सुविधाओं के जरिये शिक्षा के स्तर को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाए।