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नवी मुंबई कोर्ट का फैसला: अवैध रूप से भारत में रह रहे दो बांग्लादेशी दोषी, जल्द निर्वासित कराने का दिया आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 24 Dec 2025 04:26 PM IST
सार

नवी मुंबई की अदालत ने बिना वैध पासपोर्ट भारत में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को दोषी ठहराया है। फर्जी दस्तावेजों का आरोप खारिज करते हुए कोर्ट ने दोनों को 11 महीने की सजा दी। जेल में बिताए समय को सजा में जोड़ते हुए अदालत ने उन्हें बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।

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Navi Mumbai court verdict Two Bangladeshi nationals illegally residing in India found guilty
कोर्ट का फैसला
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विस्तार
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महाराष्ट्र के नवी मुंबई की एक अदालत ने बिना वैध पासपोर्ट और दस्तावेजों के भारत में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को दोषी ठहराया है। हालांकि फर्जी पहचान पत्र बनाने के आरोप को अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने दोनों को 11 महीने की सजा सुनाई और जेल में काटे गए समय को सजा में समायोजित करते हुए उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट करने के निर्देश भी दिए। बता दें कि यह फैसला 11 दिसंबर को बेलापुर की अतिरिक्त सत्र अदालत के जज सीवी मराठे ने सुनाया। इस आदेश की प्रति मंगलवार को सामने आई।

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सरकारी वकील संध्या म्हात्रे ने अदालत को बताया कि हैदर अली अशरफ अली और फातिमा गोफर शेख को इस साल जनवरी में नवी मुंबई के कोप्रिगांव, सेक्टर 26 से गिरफ्तार किया गया था। दोनों के पास भारत में रहने के लिए कोई वैध पासपोर्ट या कानूनी अनुमति नहीं थी। जांच के दौरान हैदर अली पर फर्जी आधार कार्ड दिखाने का भी आरोप लगाया गया था, लेकिन अदालत ने इस आरोप को साबित नहीं माना।
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किस कानून का उल्लंघन हुआ?

मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि दोनों ने पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम, 1950 के नियम 5 का उल्लंघन किया है, क्योंकि वे बिना सही दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। जहां सरकारी पक्ष ने कहा कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं, वहीं बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी गरीब और अशिक्षित हैं और वे केवल रोजी-रोटी के लिए भारत आए थे, उनका कोई गलत इरादा नहीं था। ऐसे में अदालत ने भी माना कि यह साबित नहीं हुआ है कि आरोपी किसी असामाजिक गतिविधि में शामिल थे। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

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आरोपियों को क्या मिलेगी सजा और आगे की कार्रवाई
गौरतलब है कि अदालत ने दोनों को 11 महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। चूंकि दोनों 14 जनवरी 2025 से जेल में थे और लगभग पूरी सजा काट चुके हैं, इसलिए उन्हें जेल में बिताए समय का लाभ (सेट ऑफ) दे दिया गया। इसके साथ ही अदालत ने नवी मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया कि दोनों को बांग्लादेश दूतावास के जरिए उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

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