विरासत की जंग: बिहार के इन पूर्व मुख्यमंत्रियों की साख भी दांव पर; कहीं बेटा, कहीं बहू तो कहीं दामाद मैदान में
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो चुका है। 18 जिलों की 121 सीटों पर 65.08 फीसदी वोटिंग हुई। इस दौरान लालू-राबड़ी के दोनों बेटों की सीट पर भी वोट डाले गए। बिहार के इस चुनाव में सिर्फ लालू-राबड़ी के के बेटे ही नहीं, कई और मुख्यमंत्रियों के परिवार भी किस्मत आजमा रहे हैं। आइये इन सबके बारे में भी जानते हैं...
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भारतीय राजनीति में कई चेहरे ऐसे हैं जो अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। चुनाव कहीं भी हो परिवार और परिवारवाद की जिक्र सब जगह आता है। बिहार का विधानसभा चुनाव भी इससे अछूता नहीं है। इस चुनाव में भी कई छोटे बड़े सियासी कुनबे परिवार की प्रतिष्ठा बचाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। इनमें छोटे से लेकर बड़े नेताओं के परिवार शामिल हैं। यहां तक की कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार के लोग भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी से लेकर जीतन राम मांझी, जगन्नाथ मिश्र और कर्पूरी ठाकुर तक के परिवार के लोग शामिल हैं।
तेजप्रताप यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव इस बार महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला राजद के मुकेश कुमार रौशन और लोजपा के संजय कुमार सिंह से है। तेजप्रताप यादव 2015 में भी इसी ही सीट से जीत दर्ज की थी। 2020 में तेज प्रताप हसनपुर सीट से जीते थे। हालांकि, उनकी दोनों जीतें पिता की पार्टी राजद से आई थीं। इस बार तेज प्रताप यादव अपनी खुद की पार्टी जनशक्ति जनता दल बना चुके हैं। तेज प्रताप अपनी पार्टी के मुखिया हैं। उनके सामने विरोधी दलों के साथ ही पिता और भाई की भी चुनौती है। जो राजद के उम्मीदवारों के समर्थन में है।

तेजस्वी यादव
लालू यादव और राबड़ी देवी के छोटे बेटे और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव परिवार की पारंपरिक सीट राघोपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से भाजपा ने सतीश कुमार और जनसुराज ने चंचल कुमार चुनाव में उतरा है। तेजस्वी यादव ने अपने चुनावी करियर की शुरुआत भी इसी सीट से चुनाव जीत कर की। 2015 में यहां से पहली बार जीतने के बाद राज्य में बनी सरकार में तेजस्वी डिप्टी सीएम भी बने थे। इसके बाद ही इस सीट से 2020 में वह दोबार विधायक चुने गए। इस चुनाव में तेजस्वी जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके सामने सतीश कुमार की चुनौती है जो कभी उनकी मां राबड़ी देवी को हरा चुके हैं। हालांकि, सतीश प्रसाद 2015 और 2020 में भी तेजस्वी से हार का सामना भी कर चुके हैं।
दीपा मांझी
इस बार के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार से तीन चेहरे मैदान में हैं। उनकी बहू दीपा मांझी भी गया जिले की इमामगंज सीट से हम के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। दीपा मांझी 2024 उपचुनाव में यहां से ही जीत हासिल कर चुकी हैं। दीपा के पति संतोष कुमार सुमन पिता की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश सरकार में मंत्री हैं। एनडीए के सीट बंटवारे में जीतनराम मांझी की पार्टी को कुल छह सीटें मिली थीं। इनमें से तीन सीटें मांझी ने अपने परिवार के सदस्यों को दे दी। बाकी तीन सीटों में दो सीटे मांझी ने अपने करीबी अरुण कुमार परिवार को दी हैं। जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार के भाई अनिल कुमार को हम ने गया जिले की टिकारी सीट से मैदान में उतारा है। वहीं, उनके भतीजे रोमित कुमार को अतरी सीट से टिकट दिया गया है। इतना ही नहीं अरुण कुमार के बेटे ऋतुराज कुमार को भी जदयू ने टिकट दिया है। ऋतुराज जहानाबाद के घोसी सीट से उम्मीदवार हैं। घोसी, टिकारी और अतरी तीनों सीटें जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं, जहां से डॉ अरुण कुमार दो बार सांसद रहे हैं।
ज्योति देवी: बाराचट्टी विधानसभा सीट से हम पार्टी की ज्योति देवी चुनाव लड़ रही हैं। ज्योति पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधन हैं। इसके साथ ही वह बाराचट्टी सीट से 2010 और 2020 में जीत हासिल कर चुकी हैं।
प्रफुल्ल कुमार मांझी: जीतन राम मांझी की पार्टी ने सिकंदरा सीट से जीतन राम मांझी के दामाद प्रफुल्ल कुमार मांझी को टिकट दिया है। प्रफुल्ल कुमार मांझी 2020 में भी यहां से विधायक चुने गए थे।

नीतीश मिश्र
तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र के परिवार से भी दो लोग चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र के बेटे नीतीश मिश्र मधुबनी जिले की झंझारपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। झंझारपुर सीट से जगन्नाथ मिश्र पांच बार तो नीतीश चार बार विधायक रह चुके हैं।
ऋषि मिश्र
जगन्नाथ मिश्र के पोते ऋषि मिश्र कांग्रेस से जाले सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से ऋषि मिश्र 2014 उपचुनाव में यहां से विधायक चुने गए थे। जाले सीट से भाजपा के जीबेश कुमार और जनसुराज के रंजीत शर्मा को टिकट दिया। ऋषि मिश्र जगन्नाथ मिश्र के बड़े भाई ललित नारायाण मिश्र के बेटे के बेटे हैं। ललित नारायण मिश्र भारत सरकार में रेल मंत्री रहे थे।

जागृति ठाकुर
समस्तीपुर जिले के मोरवा सीट से जनसुराज की जागृति ठाकुर चुनाव लड़ रही है। वह पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं। उनके खिलाफ राजद के रणविजय साहू और जदयू के विद्या सागर सिंह निषाद चुनावी मैदान में हैं।
