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ICMR: कोरोना टीकाकरण से नहीं...इस वजह हो रहीं अचानक मौतें, आईसीएमआर के अध्ययन में बड़ा खुलासा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 15 Dec 2025 04:53 AM IST
सार
ICMR Study on Sudden Cardiac Death: आईसीएमआर के अंतिम अध्ययन में साफ हुआ है कि कोरोना टीकाकरण और अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। अध्ययन के अनुसार धूम्रपान, शराब सेवन, अत्यधिक तनाव, मोटापा और अनियमित जीवनशैली अचानक मौतों के प्रमुख कारण हैं।
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हार्ट अटैक
- फोटो : adobe stock photos
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विस्तार
कोरोना महामारी के बाद युवाओं में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अहम अध्ययन ने तस्वीर काफी हद तक साफ कर दी है। इस अध्ययन के मुताबिक, अचानक होने वाली मौतों के पीछे सबसे बड़े कारण धूम्रपान, शराब सेवन, अत्यधिक तनाव, मोटापा और अनियमित दिनचर्या हैं। कोरोना टीकाकरण और अचानक मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध इस अध्ययन में नहीं पाया गया। यह अध्ययन नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), चंडीगढ़ पीजीआई और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एक वर्ष के दौरान किए पोस्टमार्टम पर आधारित है।
इसे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया है। शोधकर्ताओं ने इसे युवाओं में अचानक मौत के कारणों को समझने की दिशा में अब तक का सबसे व्यापक अध्ययन बताया। मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच दिल्ली एम्स में कुल 2,214 पोस्टमार्टम किए गए। इनमें से 180 मामलों को अचानक मौत की श्रेणी में रखा गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से 57 प्रतिशत से अधिक मौतें 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की थीं। इन युवाओं की औसत आयु मात्र 33.6 वर्ष पाई गई जबकि पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक रही। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि युवाओं में गंभीर बीमारियां अब कम उम्र में ही उभरने लगी हैं। एजेंसी
दिल की बीमारी बनी सबसे बड़ी वजह
अध्ययन में यह भी सामने आया कि युवाओं में अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण हृदय संबंधी रोग, विशेष रूप से कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) है। लगभग 43 प्रतिशत मामलों में दिल की धमनियों में गंभीर रुकावट पाई गई। डॉक्टरों के मुताबिक, कई मामलों में मृतक पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे या उन्हें इसका पता ही नहीं था। गलत खान-पान, शारीरिक गतिविधि की कमी और लगातार तनाव दिल की सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचा रहा है।
ये भी पढ़ें- फार्मा से केमिकल तक... रूस के बाजार में भारत की बड़ी छलांग, बढ़ेगा 300 उत्पादों का निर्यात
हर पांचवीं मौत की वजह अब भी रहस्य
अध्ययन का एक अहम और चिंताजनक पहलू यह भी है कि लगभग 21 प्रतिशत मामलों में पोस्टमार्टम और अन्य जांच के बावजूद मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। इन मामलों को अचानक और अस्पष्ट मृत्यु की श्रेणी में रखा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मामलों के पीछे जेनेटिक कारण या दिल की इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी हो सकती है, जिसकी पहचान सामान्य पोस्टमार्टम से संभव नहीं होती। इसके लिए मॉलिक्यूलर ऑटोप्सी जैसी उन्नत जांच पद्धतियों को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई।
टीका और मौत में कोई संबंध नहीं...
दिल्ली एम्स के फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने अध्ययन में कहा है कि कोरोना टीकाकरण के बाद अचानक मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही आशंकाओं पर यह अध्ययन अहम जवाब है। यह स्पष्ट है कि कोरोना रोधी टीका और अचानक मौत के बीच कोई प्रत्यक्ष वैज्ञानिक संबंध नहीं मिला। यदि यह टीका कारण होता तो पोस्टमार्टम में दिल या अन्य अंगों में उससे जुड़े विशिष्ट बदलाव दिखते, जो इस अध्ययन में सामने नहीं आए।
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इसे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया है। शोधकर्ताओं ने इसे युवाओं में अचानक मौत के कारणों को समझने की दिशा में अब तक का सबसे व्यापक अध्ययन बताया। मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच दिल्ली एम्स में कुल 2,214 पोस्टमार्टम किए गए। इनमें से 180 मामलों को अचानक मौत की श्रेणी में रखा गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से 57 प्रतिशत से अधिक मौतें 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की थीं। इन युवाओं की औसत आयु मात्र 33.6 वर्ष पाई गई जबकि पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक रही। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि युवाओं में गंभीर बीमारियां अब कम उम्र में ही उभरने लगी हैं। एजेंसी
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दिल की बीमारी बनी सबसे बड़ी वजह
अध्ययन में यह भी सामने आया कि युवाओं में अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण हृदय संबंधी रोग, विशेष रूप से कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) है। लगभग 43 प्रतिशत मामलों में दिल की धमनियों में गंभीर रुकावट पाई गई। डॉक्टरों के मुताबिक, कई मामलों में मृतक पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे या उन्हें इसका पता ही नहीं था। गलत खान-पान, शारीरिक गतिविधि की कमी और लगातार तनाव दिल की सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचा रहा है।
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हर पांचवीं मौत की वजह अब भी रहस्य
अध्ययन का एक अहम और चिंताजनक पहलू यह भी है कि लगभग 21 प्रतिशत मामलों में पोस्टमार्टम और अन्य जांच के बावजूद मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। इन मामलों को अचानक और अस्पष्ट मृत्यु की श्रेणी में रखा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मामलों के पीछे जेनेटिक कारण या दिल की इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी हो सकती है, जिसकी पहचान सामान्य पोस्टमार्टम से संभव नहीं होती। इसके लिए मॉलिक्यूलर ऑटोप्सी जैसी उन्नत जांच पद्धतियों को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई।
टीका और मौत में कोई संबंध नहीं...
दिल्ली एम्स के फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने अध्ययन में कहा है कि कोरोना टीकाकरण के बाद अचानक मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही आशंकाओं पर यह अध्ययन अहम जवाब है। यह स्पष्ट है कि कोरोना रोधी टीका और अचानक मौत के बीच कोई प्रत्यक्ष वैज्ञानिक संबंध नहीं मिला। यदि यह टीका कारण होता तो पोस्टमार्टम में दिल या अन्य अंगों में उससे जुड़े विशिष्ट बदलाव दिखते, जो इस अध्ययन में सामने नहीं आए।
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