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Tamil Nadu: 'तीन भाषा नीति और NEET से तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश', उदयनिधि स्टालिन का केंद्र पर आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 20 Apr 2025 06:04 PM IST
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सार
Language Row: तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि, तीन भाषा नीति और नीट परीक्षा से राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और राज्य में हिंदी बनाम तमिल का मुद्दा एक बार फिर से गरमाता दिख रहा है।

उदयनिधि स्टालिन, डिप्टी सीएम, तमिलनाडु
- फोटो : ANI
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विस्तार
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने रविवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन भाषा नीति, नीट परीक्षा और नई शिक्षा नीति (एनईपी) का असली उद्देश्य राज्य में हिंदी थोपना है। उन्होंने इन सभी कदमों को केंद्र सरकार की एक षड्यंत्रपूर्ण योजना बताया। उदयनिधि स्टालिन ने यह बयान नंदनम आर्ट्स कॉलेज में एक नए ऑडिटोरियम के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान दिया। इस ऑडिटोरियम का नाम 'कलैगनार कला अरंगम' रखा गया है, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एम करुणानिधि को समर्पित है। यह ऑडिटोरियम करीब 4.80 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और इसमें एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
यह भी पढ़ें - Maratha Politics: क्या राज ठाकरे को जवाब से पहले उद्धव ने पत्नी रश्मि से अनुमति ली? BJP नेता नितेश राणे का तंज
केंद्र की नीतियों पर सीधा हमला
इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा, 'आप सभी को केंद्र सरकार की तरफ से शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे खतरों और षड्यंत्रों को समझना चाहिए। यदि आप अपने रुख पर अडिग रहें, तो हमारे विरोधी हमें कभी हरा नहीं सकते।' उन्होंने कहा कि तीन भाषा नीति और नीट जैसी परीक्षाएं तमिलनाडु के छात्रों के खिलाफ हैं और इनका मकसद शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना है।
हिंदी थोपने का इतिहास भी याद दिलाया
डिप्टी सीएम ने 1986 की उस ऐतिहासिक घटना को भी याद किया, जब नंदनम कॉलेज के छात्रों ने तमिलनाडु में हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज उसी वजह से आज भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि उस समय डीएमके नेता एम करुणानिधि ने हिंदी थोपने के खिलाफ आवाज उठाई थी और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
तमिल पहचान और शिक्षा की रक्षा
डीएमके लंबे समय से यह दावा करती रही है कि केंद्र सरकार की कुछ नीतियां तमिल संस्कृति, भाषा और शिक्षा प्रणाली के खिलाफ हैं। नीट परीक्षा को लेकर भी तमिलनाडु में विरोध जारी है क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि यह ग्रामीण पृष्ठभूमि और सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए अनुचित है।
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छात्रों से जागरूक रहने की अपील
उदयनिधि ने छात्रों से अपील की कि वे केंद्र सरकार की इन योजनाओं के पीछे छिपे मकसद को समझें और इनका विरोध करें। उन्होंने कहा कि अगर छात्र एकजुट रहेंगे और सजग रहेंगे तो कोई भी ताकत तमिलनाडु के अधिकारों को छीन नहीं सकती।

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केंद्र की नीतियों पर सीधा हमला
इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा, 'आप सभी को केंद्र सरकार की तरफ से शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे खतरों और षड्यंत्रों को समझना चाहिए। यदि आप अपने रुख पर अडिग रहें, तो हमारे विरोधी हमें कभी हरा नहीं सकते।' उन्होंने कहा कि तीन भाषा नीति और नीट जैसी परीक्षाएं तमिलनाडु के छात्रों के खिलाफ हैं और इनका मकसद शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना है।
हिंदी थोपने का इतिहास भी याद दिलाया
डिप्टी सीएम ने 1986 की उस ऐतिहासिक घटना को भी याद किया, जब नंदनम कॉलेज के छात्रों ने तमिलनाडु में हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज उसी वजह से आज भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि उस समय डीएमके नेता एम करुणानिधि ने हिंदी थोपने के खिलाफ आवाज उठाई थी और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
तमिल पहचान और शिक्षा की रक्षा
डीएमके लंबे समय से यह दावा करती रही है कि केंद्र सरकार की कुछ नीतियां तमिल संस्कृति, भाषा और शिक्षा प्रणाली के खिलाफ हैं। नीट परीक्षा को लेकर भी तमिलनाडु में विरोध जारी है क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि यह ग्रामीण पृष्ठभूमि और सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए अनुचित है।
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छात्रों से जागरूक रहने की अपील
उदयनिधि ने छात्रों से अपील की कि वे केंद्र सरकार की इन योजनाओं के पीछे छिपे मकसद को समझें और इनका विरोध करें। उन्होंने कहा कि अगर छात्र एकजुट रहेंगे और सजग रहेंगे तो कोई भी ताकत तमिलनाडु के अधिकारों को छीन नहीं सकती।
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