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बड़ी साझेदारी: भारत-जर्मनी मिलकर बनाएंगे हेलिकॉप्टर अवरोध बचाव प्रणाली, कम दृश्यता में भी रहेंगे सुरक्षित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 20 Nov 2025 06:54 AM IST
सार

भारत और जर्मनी हेलिकॉप्टर अवरोध बचाव प्रणाली विकसित करेंगे। एचएएल और जर्मन कंपनी हेंसोल्ट ने दुबई एयर शो में समझौता किया, जिसमें डिजाइन, तकनीक हस्तांतरण, निर्माण और मरम्मत शामिल हैं। यह प्रणाली कम दृश्यता और कम ऊंचाई पर उड़ान के दौरान हादसों का खतरा कम करेगी।

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India and Germany jointly develop helicopter obstacle avoidance system ensuring safety even in low visibility
समझौते पर हस्ताक्षर करते एचएएल के कार्यकारी निदेशक रवि प्रकाश व हेंसोल्ट के बिक्री प्रमुख यूजेन मायर - फोटो : एक्स@HALHQBLR
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विस्तार
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भारत-जर्मनी मिलकर हेलिकॉप्टर अवरोध बचाव प्रणाली का निर्माण करेंगे। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) और जर्मनी की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी हेंसोल्ट सेंसर्स ने दुबई एयर शो में समझौता किया है। यह प्रणाली कम दृश्यता और कम ऊंचाई पर उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटना के जोखिम को कम कर देगी। ऐसे ही एक हादसे में भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था।  

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एचएएल ने बताया कि दोनों कंपनियों में हुए समझौते में प्रणाली की डिजाइन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, बौद्धिक संपदा अधिकार, निर्माण व मरम्मत शामिल हैं। समझौते पर एचएएल के कार्यकारी निदेशक रवि प्रकाश और हेंसोल्ट के बिक्री प्रमुख यूजेन मायर ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर एचएएल के प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा कि यह साझेदारी भारत में हेलिकॉप्टर अवरोध बचाव प्रणाली के तकनीकी विकास के लिए स्वदेशी पारितंत्र को मजबूत बनाएगी। यह ऐसी क्षमता है जो दुनिया के कुछ ही देशों ने हासिल की है।
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भारत के लिए इसलिए जरूरी

भारत में हेलिकॉप्टर संचालन हिमालय, पूर्वोत्तर, घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र, रेगिस्तान और तटीय इलाकों के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में किया जाता है। यहां पायलटों को तेजी से मौसमी बदलाव और खराब दृश्यता से सामना करना पड़ता है। साथ ही केबल, टॉवर जैसे दूसरे खतरे भी होते हैं। यह प्रणाली 1 किमी दूरी पर तार, रिजलाइन और अन्य अवरोध पता लगा लेती है और फौरन पायलट को सूचना देती है।

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