मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या आज से एक और भव्य, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक उत्सव की साक्षी बनने जा रही है। बृहस्पतिवार से कलश यात्रा के साथ ध्वजारोहण महोत्सव का विधिवत शुभारंभ होगा। यह पावन अनुष्ठान 21 नवंबर से शुरू होकर 25 नवंबर को अपने चरम पर पहुंचेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे भव्य शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अयोध्या इस ऐतिहासिक क्षण के लिए पूरी तरह सजधज कर तैयार है।
मार्गशीर्ष अमावस्या के शुभ अवसर पर 20 नवंबर को प्रारंभ हुई कलश यात्रा ने पूरे शहर को उत्सवमय और आध्यात्मिक वातावरण से भर दिया है। इसका समापन 25 नवंबर को विवाह पंचमी के पावन मुहूर्त में होगा। इस दौरान अयोध्या को आकर्षक रोशनी, रंग-बिरंगी फूल सजावट और पारंपरिक रंगोलियों से विशेष रूप से सजाया जा रहा है। शहर की गलियों में सुबह-शाम राम धुन, मंत्रोच्चार और जयकारों की गूंज वातावरण को और अधिक पवित्र बना रही है।राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह महोत्सव भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता का अद्भुत प्रतीक बनने जा रहा है। पूरे देश के प्रमुख संतों, विद्वानों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और लाखों श्रद्धालुओं को इस आयोजन का हिस्सा बनने हेतु आमंत्रित किया गया है।
23 से 25 नवंबर तक अयोध्या में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला चलेगी, जिसमें लोक नृत्य, संगीतमय प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक झांकियां और सप्त मंदिरों एवं छह छोटे मंदिरों की विशेष पूजा शामिल हैं। कलश यात्रा में 551 से अधिक महिलाएं शामिल होंगी, जबकि 151 वैदिक छात्र ध्वज लेकर शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगे जिलाधिकारी निखिल टीकाराम के अनुसार, सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन सर्विलांस, ट्रैफिक प्रबंधन और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को तैनात किया गया है, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।