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CG Naxal Encounter: Government services restored in the village after Hidma's death, what did the villagers sa
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CG Naxal Encounter: हिडमा की मौत के बाद गांव में सरकारी सेवाएं हुई बहाल, क्या बोले गांव के लोग!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Thu, 20 Nov 2025 01:34 AM IST
एक ग्रामीण कहते हैं, "आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिए यहाँ कैंप लगाए गए हैं। डॉक्टर भी मेडिकल चेकअप के लिए यहाँ आते हैं। पशु-पक्षी पालन के विशेषज्ञ भी यहाँ आते हैं.मैंने अपना राशन कार्ड बनवाया है... पहले यहाँ स्कूल नहीं थे। कैंप भी नहीं लगाए गए थे.छात्रों को पढ़ाई के लिए आस-पास के ज़िलों में जाना पड़ता था। अब नक्सली यहाँ नहीं आते। मैंने हिडमा के बारे में सुना है.उसने लोगों को मारा था..."
पहले यहाँ कोई स्कूल नहीं था और हमें पढ़ने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था...छात्रों को गाँव से बाहर पढ़ने जाना पड़ता था.अच्छा होगा कि अब छात्र यहीं स्कूलों में पढ़ पाएँगे। यहाँ सड़कें बन गई हैं। पानी की आपूर्ति पहुँच गई है। नक्सलियों के कारण यहाँ कोई सुविधा नहीं थी...मैंने पहली बार हिडमा का नाम 2022-23 में सुना था।
कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा की मौत के बाद, उसके पैतृक गांव पूवर्ती (जिला सुकमा, छत्तीसगढ़) और आसपास के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों ने अपनी गतिविधियों और मौजूदगी को और भी मजबूत कर दिया है। हिडमा की मौत से पहले ही, उसके गांव में पुलिस/सीआरपीएफ कैंप स्थापित करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत माना गया था। यह कैंप उन शीर्ष नक्सली नेताओं के गढ़ में स्थापित किया गया था जिन पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, जिससे नक्सलियों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति स्थापित करना एक बड़ी उपलब्धि थी।
कैंप खुलने के बाद, इस अति-संवेदनशील क्षेत्र के ग्रामीणों को पहली बार स्वास्थ्य सुविधा (सीआरपीएफ कैंप में फील्ड अस्पताल) जैसी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू हुआ, जो दशकों से नक्सलवाद के कारण वंचित थे। हिडमा की मौत के बाद, सुरक्षा बलों को उम्मीद है कि दक्षिणी बस्तर में नक्सलवाद का साम्राज्य सिमट जाएगा और क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाओं के विस्तार को और गति मिलेगी। इन कैंपों की स्थापना को नक्सल विरोधी ऑपरेशन की एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में देखा जा रहा है ताकि नक्सल हिंसा पर काबू पाया जा सके और क्षेत्र में शांति व विकास स्थापित किया जा सके।
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