{"_id":"68b2fdaeaa060090a303e207","slug":"india-fired-less-than-50-weapons-and-pakistan-came-to-its-knees-said-iaf-deputy-chief-on-op-sindoor-2025-08-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"Op Sindoor: 'भारत ने 50 से कम हथियार दागे और पाकिस्तान घुटनों पर आ गया', 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोले IAF उप प्रमुख","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Op Sindoor: 'भारत ने 50 से कम हथियार दागे और पाकिस्तान घुटनों पर आ गया', 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोले IAF उप प्रमुख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 30 Aug 2025 07:03 PM IST
सार
वायुसेना उप प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि सात मई की सुबह पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद भारत स्थिति को और नहीं बिगाड़ना चाहता था। मगर हमें जवाब की उम्मीद थी। जब नौ और 10 मई की रात को पाकिस्तान ने मुख्य हमला किया था तो हमने तय किया कि हमें सही संदेश देना होगा। हमने उन्हें पूरी तरह से निशाना बनाया।
विज्ञापन
ऑपरेशन सिंदूर
- फोटो : रक्षा मंत्रालय
विज्ञापन
विस्तार
भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बात की। एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में वायुसेना उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर 50 से भी कम हथियार दागे। इसका ऐसा असर हुआ कि पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। पाकिस्तान ने 10 मई की दोपहर तक सैन्य संघर्ष समाप्त करने की अपील कर दी।
एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि नौ और 10 मई की रात को पाकिस्तान के हमलों का भारत ने करारा जवाब दिया और भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना पर प्रभुत्व हासिल कर लिया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी कि भारत ने 50 से भी कम हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान पर पूर्ण प्रभुत्व हासिल कर लिया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस मिशन के दौरान नष्ट किए गए कुछ पाकिस्तानी ठिकानों पर 1971 के युद्ध के दौरान भी हमला नहीं हुआ था। हमने हर हथियार का इस्तेमाल किया। यह हमारे योजनाकारों और मिशन को अंजाम देने वालों की क्षमता की मौन स्वीकृति है।
वायुसेना उप प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि सात मई की सुबह पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद भारत स्थिति को और नहीं बिगाड़ना चाहता था। मगर हमें जवाब की उम्मीद थी। जब नौ और 10 मई की रात को पाकिस्तान ने मुख्य हमला किया था तो हमने तय किया कि हमें सही संदेश देना होगा। हमने उन्हें पूरी तरह से निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि ऐसे भी लक्ष्य थे जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया, जिन्हें 1971 के युद्ध के दौरान भी ध्वस्त नहीं किया गया था। हमने उन्हें इस हद तक और उनकी क्षमता को इतना नुकसान पहुंचाया था। भारतीय सेना ने अपने हमलों को सिर्फ सैन्य ठिकानों तक ही सीमित रखा।
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की क्षमताओं को खत्म करना और सही संदेश पहुंचाना था। यूं तो दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करना जोखिम भरा है, लेकिन वायुसेना ने अपने मिशन को बखूबी अंजाम दिया। हमारे योजनाकारों और मिशन को अंजाम देने वालों लोगों की बदौलत हम हर लक्ष्य को सटीकता से निशाना बना पाए। हम यह तय करने में कामयाब रहे कि कोई अतिरिक्त नुकसान न हो। यह करना आसान नहीं था।
वायुसेना उप प्रमुख ने कहा कि आपके पास लंबी दूरी का हथियार हो सकता है। लेकिन उसे सटीक रूप से भेदने के लिए जो काम किया जाता है, वह वास्तव में पूरी टीम का प्रयास होता है, न कि केवल उन पायलटों का जिन्होंने उसे दागा है। जमीन पर बहुत से लोग हैं, जो इसे संभव बनाते हैं। आतंकी ढांचों पर हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को बताया था कि हम स्थिति को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। इसके बाद जैसे ही पाकिस्तान ने सैन्य जवाबी कार्रवाई शुरू की तो भारत ने करारा जवाब दिया।
Trending Videos
एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि नौ और 10 मई की रात को पाकिस्तान के हमलों का भारत ने करारा जवाब दिया और भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना पर प्रभुत्व हासिल कर लिया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी कि भारत ने 50 से भी कम हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान पर पूर्ण प्रभुत्व हासिल कर लिया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस मिशन के दौरान नष्ट किए गए कुछ पाकिस्तानी ठिकानों पर 1971 के युद्ध के दौरान भी हमला नहीं हुआ था। हमने हर हथियार का इस्तेमाल किया। यह हमारे योजनाकारों और मिशन को अंजाम देने वालों की क्षमता की मौन स्वीकृति है।
विज्ञापन
विज्ञापन
वायुसेना उप प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि सात मई की सुबह पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद भारत स्थिति को और नहीं बिगाड़ना चाहता था। मगर हमें जवाब की उम्मीद थी। जब नौ और 10 मई की रात को पाकिस्तान ने मुख्य हमला किया था तो हमने तय किया कि हमें सही संदेश देना होगा। हमने उन्हें पूरी तरह से निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि ऐसे भी लक्ष्य थे जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया, जिन्हें 1971 के युद्ध के दौरान भी ध्वस्त नहीं किया गया था। हमने उन्हें इस हद तक और उनकी क्षमता को इतना नुकसान पहुंचाया था। भारतीय सेना ने अपने हमलों को सिर्फ सैन्य ठिकानों तक ही सीमित रखा।
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की क्षमताओं को खत्म करना और सही संदेश पहुंचाना था। यूं तो दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करना जोखिम भरा है, लेकिन वायुसेना ने अपने मिशन को बखूबी अंजाम दिया। हमारे योजनाकारों और मिशन को अंजाम देने वालों लोगों की बदौलत हम हर लक्ष्य को सटीकता से निशाना बना पाए। हम यह तय करने में कामयाब रहे कि कोई अतिरिक्त नुकसान न हो। यह करना आसान नहीं था।
वायुसेना उप प्रमुख ने कहा कि आपके पास लंबी दूरी का हथियार हो सकता है। लेकिन उसे सटीक रूप से भेदने के लिए जो काम किया जाता है, वह वास्तव में पूरी टीम का प्रयास होता है, न कि केवल उन पायलटों का जिन्होंने उसे दागा है। जमीन पर बहुत से लोग हैं, जो इसे संभव बनाते हैं। आतंकी ढांचों पर हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को बताया था कि हम स्थिति को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। इसके बाद जैसे ही पाकिस्तान ने सैन्य जवाबी कार्रवाई शुरू की तो भारत ने करारा जवाब दिया।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन