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Ukraine: 'रूस के साथ शांति वार्ता में अहम भूमिका निभाए भारत', यूक्रेनी राजदूत ने पीएम मोदी से की अपील
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Sun, 24 Aug 2025 01:00 PM IST
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सार
भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में भारत को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। यूक्रेन भारत को रूस के साथ शांति वार्ता कराने के लिए प्रमुख देश मानता है।

भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक।
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के रूस-यूक्रेन संघर्ष विराम को लेकर बैठक के बाद यूक्रेनी राजदूत ने पीएम मोदी से अहम अपील की है। भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में भारत को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। यूक्रेन भारत को रूस के साथ शांति वार्ता कराने के लिए प्रमुख देश मानता है।
राजदूत पोलिशचुक ने 2023 से यूक्रेन और भारत के बीच बढ़ते संवाद का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ नहीं है, लेकिन शांति, कूटनीति और राजनीतिक संवाद का दृढ़ता से समर्थन करता है। यूक्रेन सितंबर में आगामी यूएनजीए सत्र में इस बातचीत को जारी रखने की उम्मीद करता है।
उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में शांति स्थापना प्रक्रिया में भारत की और अधिक भागीदारी की उम्मीद करते हैं। मुझे संदेह था कि हमारी सभी बैठकें और जिनकी हमें भविष्य में होने की उम्मीद थी, इस बात पर चर्चा का हिस्सा होंगी कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कैसे वार्ता में शामिल हो सकता है।
पोलिशचुक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा में विभिन्न सम्मेलनों के दौरान कई बार मिले हैं। मुझे पता है कि हम दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत को जारी रखने की योजना बना रहे हैं। हम बहुत आभारी हैं कि रूसी आक्रमण के पहले दिन से ही भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शा दी थी। हाल ही में प्रधानमंत्री ने खुलकर कहा था कि भारत तटस्थ नहीं है। भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से अपने सभी सहयोगियों और रूसी संघ के साथ शांति, संवाद, चर्चा और राजनीतिक बातचीत का समर्थन करता है।
अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई हालिया बैठक को लेकर पोलिशचुक ने कहा कि यूक्रेन बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन केवल अपने पश्चिमी सहयोगियों के समर्थन और रूस की इच्छा पर निर्भर है। अमेरिका हमारे सबसे बड़े समर्थकों में से एक है और हमें उम्मीद है कि अपने अमेरिकी सहयोगियों की मदद से हम रूस के साथ बातचीत के इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। यह रूस की इच्छाशक्ति पर निर्भर करेगा। मेरे राष्ट्रपति ने अलास्का बैठक के बाद सभी को स्पष्ट रूप से संदेश दिया था कि हम इसके लिए तैयार हैं।
भारत का रुख शांति के पक्ष में: पीएम मोदी
इससे पहले फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत का रुख तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। कई लोगों को यह गलतफहमी है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं है। हम एक पक्ष में हैं और वह है शांति।

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राजदूत पोलिशचुक ने 2023 से यूक्रेन और भारत के बीच बढ़ते संवाद का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ नहीं है, लेकिन शांति, कूटनीति और राजनीतिक संवाद का दृढ़ता से समर्थन करता है। यूक्रेन सितंबर में आगामी यूएनजीए सत्र में इस बातचीत को जारी रखने की उम्मीद करता है।
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उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में शांति स्थापना प्रक्रिया में भारत की और अधिक भागीदारी की उम्मीद करते हैं। मुझे संदेह था कि हमारी सभी बैठकें और जिनकी हमें भविष्य में होने की उम्मीद थी, इस बात पर चर्चा का हिस्सा होंगी कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कैसे वार्ता में शामिल हो सकता है।
पोलिशचुक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा में विभिन्न सम्मेलनों के दौरान कई बार मिले हैं। मुझे पता है कि हम दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत को जारी रखने की योजना बना रहे हैं। हम बहुत आभारी हैं कि रूसी आक्रमण के पहले दिन से ही भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शा दी थी। हाल ही में प्रधानमंत्री ने खुलकर कहा था कि भारत तटस्थ नहीं है। भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से अपने सभी सहयोगियों और रूसी संघ के साथ शांति, संवाद, चर्चा और राजनीतिक बातचीत का समर्थन करता है।
अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई हालिया बैठक को लेकर पोलिशचुक ने कहा कि यूक्रेन बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन केवल अपने पश्चिमी सहयोगियों के समर्थन और रूस की इच्छा पर निर्भर है। अमेरिका हमारे सबसे बड़े समर्थकों में से एक है और हमें उम्मीद है कि अपने अमेरिकी सहयोगियों की मदद से हम रूस के साथ बातचीत के इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। यह रूस की इच्छाशक्ति पर निर्भर करेगा। मेरे राष्ट्रपति ने अलास्का बैठक के बाद सभी को स्पष्ट रूप से संदेश दिया था कि हम इसके लिए तैयार हैं।
भारत का रुख शांति के पक्ष में: पीएम मोदी
इससे पहले फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत का रुख तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के पक्ष में है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। कई लोगों को यह गलतफहमी है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं है। हम एक पक्ष में हैं और वह है शांति।