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Ceasefire: सेना का बयान- 19 दिनों में एलओसी पर पहली बार बीती शांतिपूर्ण रात, नहीं हुई गोलाबारी और फायरिंग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 12 May 2025 09:33 AM IST
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सार
India-Pakistan Ceasefire: भारतीय सेना ने कहा है कि- 19 दिनों बाद भारत-पाकिस्तान की सीमा पर पहली बार शांतिपूर्ण रात बीती है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद हर पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर रहा था। वहीं 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था।

सीजफायर के बाद समीक्षा करते सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
- फोटो : X @adgpi

विस्तार
भारत पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्ष विराम का असर एक दिन बाद 11 मई को देखने को मिला है। बता दें कि, सीमा पर पिछले 19 दिनों से तनाव अपने चरम पर था, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले और सात मई को भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से जारी था। इसे लेकर भारतीय सेना ने बयान भी जारी किया है, सेना ने कहा कि शनिवार शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद, रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में काफी हद तक शांति रही। इस दौरान गोलाबारी और फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई, जो 19 दिनों में पहली शांतिपूर्ण रात रही।
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11 मई की रात नहीं हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन
भारत-पाकिस्तान सीमा पर 11 मई की रात एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई, जिसने पहलगाम हमले के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन में पहली बार पूरी तरह से शांति स्थापित की। 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा से लगे कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं, जो 7 से 11 मई के बीच भारी गोलाबारी और हवाई हमलों तक बढ़ गईं थी। पुंछ के सुरनकोट में सामान्य स्थिति हो गई है, यह एक सीमावर्ती इलाका है जो हाल ही में भारी गोलाबारी और संघर्ष विराम के उल्लंघनों की मार झेलने के बाद काफी हद तक नुकसान पहुंचा था।
घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए थे स्थानीय
बता दें कि, सिर्फ दो दिन पहले, सुरनकोट में भारी गोलाबारी हुई, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई। हमले के बाद, निवासी शहर छोड़कर भाग गए, कुछ ने पास के पहाड़ी गांवों और बंकरों में शरण ली, जबकि अन्य जम्मू के सुरक्षित इलाकों में चले गए। अब स्थिति में सुधार होने के साथ, लोग जल्द ही पुंछ में अपने घरों को लौटने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं श्रीनगर, पठानकोट, राजौरी, अखनूर, जम्मू, कुलगाम, श्री गंगानगर और बडगाम से कई तस्वीरें सामने आई हैं जो बताते हैं कि स्थिति सामान्य है।
सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ अन्य जगहों पर शांति
न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में बल्कि चंडीगढ़ समेत अन्य शहरों में भी सामान्य स्थिति लौट आई है, जहां रविवार को आधिकारिक तौर पर सभी प्रतिबंध हटा लिए गए थे। चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर ने कहा, "परिणामस्वरूप, दैनिक जीवन फिर से शुरू हो गया है और स्थिति अब स्थिर है।" दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सामान्य समय के अनुसार खुले रहने की अनुमति है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी तरह की गलत जानकारी या गलत सूचना न फैलाएँ।
यह भी पढ़ें - अब नहीं चलेगा पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा: DGMO की प्रेस ब्रीफिंग में खुली पड़ोसी की पोल; 10 ग्राफिक्स में देखिए
इसी तरह, जैसलमेर के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि सब कुछ सामान्य है और बाजार खुला है। उन्होंने कहा, 'दिन के समय कोई समस्या नहीं है। शाम 7:30 बजे के आसपास दुकानें बंद हो जाती हैं...हमारी आजीविका प्रभावित नहीं होती है।'
पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू कर लिया। हालांकि सीजफायर लागू होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की तरफ से इसका उल्लंघन किया गया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
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11 मई की रात नहीं हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन
भारत-पाकिस्तान सीमा पर 11 मई की रात एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई, जिसने पहलगाम हमले के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन में पहली बार पूरी तरह से शांति स्थापित की। 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा से लगे कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं, जो 7 से 11 मई के बीच भारी गोलाबारी और हवाई हमलों तक बढ़ गईं थी। पुंछ के सुरनकोट में सामान्य स्थिति हो गई है, यह एक सीमावर्ती इलाका है जो हाल ही में भारी गोलाबारी और संघर्ष विराम के उल्लंघनों की मार झेलने के बाद काफी हद तक नुकसान पहुंचा था।
घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए थे स्थानीय
बता दें कि, सिर्फ दो दिन पहले, सुरनकोट में भारी गोलाबारी हुई, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई। हमले के बाद, निवासी शहर छोड़कर भाग गए, कुछ ने पास के पहाड़ी गांवों और बंकरों में शरण ली, जबकि अन्य जम्मू के सुरक्षित इलाकों में चले गए। अब स्थिति में सुधार होने के साथ, लोग जल्द ही पुंछ में अपने घरों को लौटने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं श्रीनगर, पठानकोट, राजौरी, अखनूर, जम्मू, कुलगाम, श्री गंगानगर और बडगाम से कई तस्वीरें सामने आई हैं जो बताते हैं कि स्थिति सामान्य है।
सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ अन्य जगहों पर शांति
न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में बल्कि चंडीगढ़ समेत अन्य शहरों में भी सामान्य स्थिति लौट आई है, जहां रविवार को आधिकारिक तौर पर सभी प्रतिबंध हटा लिए गए थे। चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर ने कहा, "परिणामस्वरूप, दैनिक जीवन फिर से शुरू हो गया है और स्थिति अब स्थिर है।" दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सामान्य समय के अनुसार खुले रहने की अनुमति है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी तरह की गलत जानकारी या गलत सूचना न फैलाएँ।
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इसी तरह, जैसलमेर के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि सब कुछ सामान्य है और बाजार खुला है। उन्होंने कहा, 'दिन के समय कोई समस्या नहीं है। शाम 7:30 बजे के आसपास दुकानें बंद हो जाती हैं...हमारी आजीविका प्रभावित नहीं होती है।'
पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू कर लिया। हालांकि सीजफायर लागू होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान की तरफ से इसका उल्लंघन किया गया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
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