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पहल: वैश्विक तकनीकी हब बनने को भारत तैयार, कई प्रस्ताव मंजूर; सेमीकंडक्टर क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने का प्रयास

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sat, 28 Dec 2024 04:50 AM IST
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सार

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत, भारत ने सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। सरकार का यह कदम देश के वैश्विक सेमीकंडक्टर केंद्र बनने की भारत की प्रतिबद्धता की तरफ इशारा करता है। 

Information Technology Ministry launches several key initiatives to strengthen India's digital infrastructure
सेमीकंडक्टर (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : For Reference Only
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विस्तार
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2024 में भारत के डिजिटल ढांचे को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख पहल शुरू की हैं। इनका फोकस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), सेमीकंडक्टर निर्माण, और कौशल विकास पर रहा। इन पहलों का उद्देश्य भारत को दुनिया का तकनीकी हब बनाना और अत्याधुनिक नवाचारों को आम लोगों के लिए अधिक सुलभ और सरल बनाना है।

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मंत्रालय के मुताबिक, सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत, भारत ने सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। सरकार का यह कदम देश के वैश्विक सेमीकंडक्टर केंद्र बनने की भारत की प्रतिबद्धता की तरफ इशारा करता है। सेमीकंडक्टर ऐसा पदार्थ है जो कुछ परिस्थितियों (जैसे तापमान या अन्य तत्वों के मिश्रण) के आधार पर बिजली को प्रवाहित भी कर सकता है और रोक भी सकता है। सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का दिमाग होते हैं, जो उन्हें जानकारी प्रोसेस करने और काम करने में मदद करते हैं।  
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हर महीने 50,000  सिलिकॉन वेफर्स का होगा उत्पादन
इसके तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड  (टीईपीएल) ने ताइवान की पीएसएमसी के साथ साझेदारी में 91,526 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (फैब) सुविधा के लिए मंजूरी ली। यह सुविधा हर महीने 50,000 वेफर स्टार्ट्स यानी सिलिकॉन वेफर्स का उत्पादन करेगी। वेफर एक पतली सिलिकॉन की शीट होती है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर चिप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने में किया जाता है।

सेमीकंडक्टर चिप के लिए तीन ओएसएटी सुविधा को मंजूरी
टीईपीएल को 27,120 करोड़ रुपये के निवेश से एक आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा के लिए मंजूरी दी गई। यह रोजाना 4.8 करोड़ सेमीकंडक्टर यूनिट का उत्पादन करेगी। वैश्विक भागीदारों के साथ सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लि. को 7,584 करोड़ के संयुक्त उद्यम के तहत ओएसएटी सुविधा के लिए मंजूरी दी गई। यह रोजाना 1.57 करोड़ चिप का उत्पादन करेगा। केनेस टेक्नोलॉजी इंडिया लि. को गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ के निवेश से एक ओएसएटी सुविधा स्थापित करने की मंजूरी मिली, जो रोजाना 60.30 लाख चिप्स बनाएगी।

ईएमसी 2.0 योजना के तहत मिलेंगी हजारों नौकरियां
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (ईएमसी 2.0) योजना के तहत कई राज्यों में परियोजनाएं शुरू की गईं। उदाहरण के लिए, तेलंगाना के दिवतिपल्ली क्लस्टर में 10,574 करोड़ के निवेश की उम्मीद है, जिससे 19,164 नौकरियां सृजित होंगी। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर क्लस्टर में 8,737 करोड़ का निवेश होगा और 36,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। कर्नाटक के मैसूर में 1,560 करोड़ के निवेश से एक क्लस्टर स्थापित होगा, जिससे 19,500 नई नौकरियां मिलेंगी। इसके अतिरिक्त 7,960 करोड़ रुपये की लागत वाली नौ अतिरिक्त परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई हैं।

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