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नेपाल में बनी अंतरिम सरकार: सुशीला कार्की 2013 में भी साबित कर चुकी हैं अपनी क्षमता, भारत में फैसले का स्वागत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sat, 13 Sep 2025 02:24 AM IST
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सार

भारत ने नेपाल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार का स्वागत किया है और शांति व स्थिरता की उम्मीद जताई है। कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं। वे ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी छवि के लिए जानी जाती हैं। उनका लक्ष्य व्यवस्था बहाल करना और चुनाव कराना है।
 

Interim govt in Nepal India welcomes decision Sushila Karki proved capability in 2013 as well Jayant Prasad
पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद ने बताया- सुशीला कार्की साबित कर चुकी हैं प्रशासनिक क्षमता - फोटो : एएनआई / रॉयटर्स
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भारत ने नेपाल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि भारत और नेपाल करीबी पड़ोसी, लोकतांत्रिक साझेदार और लंबे समय से विकास के सहयोगी हैं। भारत को उम्मीद है कि यह कदम हिमालयी राष्ट्र में शांति और स्थिरता लाने में मदद करेगा। 

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नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद ने सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर कहा, 'नेपाल को एक स्थिर नेतृत्व की तलाश थी। यह अच्छी बात है कि सुशीला कार्की स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में जानी जाती हैं। मुझे विश्वास है कि वह चुनाव करवा पाएंगी, बांग्लादेश की तरह स्थिति नहीं होगी, जहां कार्यवाहक सरकार होने के बावजूद एक साल से ज्यादा समय से कोई चुनाव नहीं हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि सुशीला कार्की अगले चुनावों का प्रबंधन करने में सक्षम होंगी...2013 में भी, उस समय के मुख्य न्यायाधीश ने सर्वदलीय सहमति के बाद सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली थी और चुनाव कराए थे। अभी भी हालात बहुत गंभीर हैं और ऐसे समय में सुशीला कार्की का नेतृत्व स्थिति को स्थिर करेगा।'
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नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा भारत
वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 'दोनों देशों और लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।' MEA ने बयान में कहा, 'हम नेपाल में सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनी नई अंतरिम सरकार का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक नजदीकी पड़ोसी, लोकतंत्र और विकास साझेदार के रूप में भारत नेपाल के साथ मिलकर दोनों देशों और लोगों की भलाई व समृद्धि के लिए काम करना जारी रखेगा।'

नेपाल की पहली अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं कार्की
सुशीला कार्की को शुक्रवार को काठमांडू में एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शपथ दिलाई। वह नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। उनकी नियुक्ति इस सप्ताह के शुरू में केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हुई है। ओली ने युवाओं के नेतृत्व वाले आंदोलन के दबाव में पद छोड़ा था, जिसमें गैर-राजनीतिक और विश्वसनीय चेहरे की मांग की गई थी।

कार्की का लक्ष्य नेपाल में व्यवस्था बहाल कराना
सुशीला कार्की का चयन नेपाल की राजनीति में आम सहमति के एक दुर्लभ क्षण का प्रतीक है। उन्हें जेन-जी नेताओं द्वारा आयोजित ऑनलाइन फ्लेटफॉर्म डिस्कॉर्ड पर वोटिंग के माध्यम से चुना गया, जहां वे युवाओं और पारंपरिक राजनीतिक दलों दोनों के लिए सबसे स्वीकार्य चेहरा बनकर उभरीं। कार्की का लक्ष्य नेपाल में व्यवस्था बहाल कराना, चुनाव कराना और विकास सुनिश्चित करना है। उन्हें न्यायपालिका की स्वतंत्रता और ईमानदारी के लिए सराहा जाता है। 

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भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर के शंकरपुर में हुआ था। उन्होंने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1979 में कानून का अभ्यास शुरू किया। 2009 में वे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं और जुलाई 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों में कड़े फैसले दिए। हालांकि, राजनीतिक दबाव से स्वतंत्र रहने की वजह से 2017 में उनके खिलाफ तत्कालीन शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा विवादित महाभियोग प्रस्ताव लाया गया, जिसे राजनीतिक हस्तक्षेप माना गया।

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