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KP: भारत 2026 में बनेगा किम्बर्ली प्रोसेस का अध्यक्ष, जयशंकर बोले- अंतरराष्ट्रीय हीरे व्यापार में बढ़ेगा भरोसा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 25 Dec 2025 03:35 PM IST
सार

भारत 2026 में संयुक्त राष्ट्र समर्थित किम्बर्ली प्रोसेस का अध्यक्ष बनने जा रहा है। इस बात को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत का अध्यक्ष बनना देश की हीरे के वैश्विक व्यापार में नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। 

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Jaishankar lauds India Chairpersonship Kimberly Process says it reaffirms role global governance diamond trade
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो) - फोटो : ANI Photos
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विस्तार
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भारत के लिए साल 2026 कई मायनों में खास रहने वाला है। इसकी शुरुआत तब हो गई जब भारत 2026 से संयुक्त राष्ट्र समर्थित किम्बर्ली प्रोसेस (केपी) का अध्यक्ष चुना गया। ऐसे में अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत का 2026 से संयुक्त राष्ट्र समर्थित किम्बर्ली प्रोसेस (केपी) का अध्यक्ष चुना जाना देश की अंतरराष्ट्रीय हीरे के व्यापार में नेतृत्व क्षमता का संकेत है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि भारत का यूएन-समर्थित किम्बर्ली प्रोसेस का अध्यक्ष चुना जाना खुशी की बात है।

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उन्होंने आगे कहा कि यह हीरे के व्यापार में भारत की वैश्विक भूमिका और सुधारों के जरिए सहमति बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की आधिकारिक घोषणा के अनुसार, भारत 25 दिसंबर 2025 से उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा और 1 जनवरी 2026 से अध्यक्ष बनेगा। यह भारत के लिए किम्बर्ली प्रोसेस में तीसरी बार अध्यक्ष बनने का अवसर होगा।
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क्या है किम्बर्ली प्रोसेस?
बता दें कि किम्बर्ली प्रोसेस एक तीन-तरफा पहल है जिसमें सरकारें, अंतरराष्ट्रीय हीरे की इंडस्ट्री और सिविल सोसाइटी शामिल हैं। इसका उद्देश्य 'संघर्ष हीरे' के व्यापार को रोकना है। संघर्ष हीरे वे हीरे हैं जो विद्रोही समूहों या उनके सहयोगियों द्वारा युद्ध या अस्थिरता को वित्तीय मदद देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भारत का चयन मोदी सरकार की अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पारदर्शिता और ईमानदारी पर वैश्विक भरोसा दर्शाता है।

किम्बर्ली प्रोसेस में भारत की भूमिका
भारत 2026 में किम्बर्ली प्रोसेस (KP) का अध्यक्ष बनने के बाद कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें सबसे पहले शासन और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना शामिल है। इसके साथ ही भारत डिजिटल सर्टिफिकेशन और हीरों की ट्रेसबिलिटी को बढ़ावा देगा।

 

इसके अलावा, केपी के तहत डेटा आधारित निगरानी के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि हीरों के व्यापार में भरोसा मजबूत हो सके। भारत का लक्ष्य यह भी है कि संघर्ष-रहित हीरों में उपभोक्ताओं का विश्वास और बढ़ाया जाए। साथ ही, भारत KP को एक और अधिक समावेशी और प्रभावी बहुपक्षीय मंच बनाने की दिशा में काम करेगा, जिससे सभी प्रतिभागियों और पर्यवेक्षकों का भरोसा मजबूत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत की अंतरराष्ट्रीय हीरे के व्यापार में स्थिति और विश्वसनीयता दोनों बढ़ने की उम्मीद है।

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2003 से लागू है किम्बर्ली प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम
गौरतलब है कि किम्बर्ली प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम (केपीसीएस) 1 जनवरी 2003 से लागू है और यह वैश्विक कच्चे हीरे के व्यापार का 99 प्रतिशत से अधिक नियंत्रित करती है। इसे हीरे के व्यापार का सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय तंत्र माना जाता है। वर्तमान में किम्बर्ली प्रोसेस में 60 सदस्य देश शामिल हैं, जिसमें यूरोपीय संघ और इसके सभी सदस्य देश एक साथ गिने जाते हैं।

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