डिजिटल इंडिया (Digital India) के दौर में भारत दुनिया के लिए एक मिसाल बन रहा है, लेकिन यूरोप का एक छोटा सा देश 'एस्टोनिया' (Estonia) डिजिटल तकनीक में पूरी दुनिया को राह दिखा रहा है। बात चाहे AI आधारित शिक्षा की हो या फिर साइबर सिक्योरिटी का मामला एस्टोनिया में 99% सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन हैं, शादी से लेकर वोटिंग तक, सब कुछ एक डिजिटल आईडी कार्ड से होता है। अमर उजाला के इस विशेष बातचीत में, एस्टोनिया में भारत के राजदूत (Ambassador) Ashish Sinha ने बताया है कि कैसे भारत और एस्टोनिया मिलकर डिजिटल भविष्य, साइबर सुरक्षा (Cyber Security) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम कर रहे हैं।
आगे बढ़े उससे पहले इस इंटरव्यू में आप जानेंगे:
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डिजिटल आईडी कार्ड का कमाल: राजदूत सिन्हा ने स्वयं दिखाया आखिर एस्टोनिया का वह कार्ड जो स्मार्ट है, जिसके जरिए एस्टोनिया का हर नागरिक अपनी पूरी जानकारी यानि की शिक्षा, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और बैंक अपनी जेब में लेकर चलता है।
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साइबर सुरक्षा का अभेद्य किला: इस बीच डेटा प्राइवेसी के दौर में एस्टोनिया का मॉडल कैसे काम करता है? इसपर भी बात हुई है अगर कोई आपकी जानकारी बिना अनुमति देखता है, तो आपको तुरंत पता चल जाता है।
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AI Leap: बातचीत के बीच एस्टोनिया के एआई आधारीत शिक्षा की भी चर्चा हुई कैसे हाई स्कूल स्तर से ही AI शिक्षा अनिवार्य कर दी गई। क्या भारत का 'AI Step' और एस्टोनिया का अनुभव मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगे?
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रूस-यूक्रेन युद्ध और NATO: और आखिरी में रूस की सीमा और NATO के पूर्वी छोर पर स्थित होने के कारण एस्टोनिया की रणनीतिक पर भी बात हुई जब स्थिति बहुत संवेदनशील हो तो कैसे काम होता है। इस युद्ध पर भारत के रुख और प्रधानमंत्री मोदी की शांति की पहल पर एस्टोनिया क्या सोचता है?
बता दे की भारत का 'डिजिटल स्टैक' (UPI, DPI) और एस्टोनिया की ई-गवर्नेंस विशेषज्ञता मिलकर वैश्विक स्तर पर एक नया उदाहरण पेश कर रहे हैं। तकनीक, कूटनीति और भविष्य के इस अद्भुत संगम को समझने के लिए यह एस्टोनिया से अमर उजाला की विशेष रिपोर्ट जरूर देखें।