{"_id":"694c0e933cef1dbdfe009bdd","slug":"rahul-gandhi-furious-over-kuldeep-sengar-s-bail-2025-12-24","type":"video","status":"publish","title_hn":"Kuldeep Sengar Bail Suspension: कुलदीप सेंगर को मिली जमानत से भड़के राहुल गांधी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Kuldeep Sengar Bail Suspension: कुलदीप सेंगर को मिली जमानत से भड़के राहुल गांधी
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Wed, 24 Dec 2025 09:32 PM IST
Link Copied
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2017 के उन्नाव नाबालिग दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दिया। कोर्ट ने सख्त शर्तों के साथ सेंगर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है, जिसमें दिल्ली में ही रहने और 15 लाख रुपये के निजी मुचलके जैसी शर्तें शामिल हैं। हालांकि, सेंगर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेगा, क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में मिली 10 साल की सजा पर उसकी याचिका अभी लंबित है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को निर्धारित है।
हाईकोर्ट के इस फैसले की सूचना मिलते ही एक ओर जहां सेंगर का खेमा राहत और खुशी जता रहा है, वहीं दूसरी ओर पीड़िता और उसका परिवार गहरे सदमे में है। फैसले के विरोध में पीड़िता अपनी मां के साथ दिल्ली के इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गई। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को जबरन वहां से हटा दिया। पीड़िता का कहना है कि यदि कुलदीप सेंगर जेल से बाहर आता है तो वह दोबारा उसी जगह पर धरना देगी।
इस पूरे घटनाक्रम पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या उसकी “गलती” सिर्फ यही है कि वह न्याय के लिए अपनी आवाज उठाने की हिम्मत कर रही है? राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व भाजपा विधायक को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर तब जब पीड़िता बार-बार प्रताड़ित हो रही है और डर के साए में जी रही है। उन्होंने इसे न्याय और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरनाक बताया।
उन्नाव रेप केस की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी, जब गांव में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। शुरुआत में स्थानीय स्तर पर मामले को दबाने के आरोप लगे, लेकिन लंबी कानूनी लड़ाई और बढ़ते दबाव के बाद अप्रैल 2018 में प्रदेश सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी। सीबीआई ने मामला दर्ज कर 13 अप्रैल 2018 को सेंगर को लखनऊ स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया।
लंबी जांच के बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चली। 16 दिसंबर 2019 को सुनवाई पूरी हुई और कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी करार दिया। 20 दिसंबर 2019 को न्यायालय ने उसे उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये अर्थदंड सुनाया। इसके बाद उसकी विधानसभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई। बाद में, पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में कुलदीप और उसके छोटे भाई अतुल को 3 मार्च 2020 को 10-10 साल की सजा सुनाई गई।
बीते छह साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कुलदीप सेंगर को अब दुष्कर्म मामले में सजा निलंबन की राहत मिली है। हालांकि उसने इस सजा के खिलाफ अपील भी दाखिल कर रखी है। फैसले की खबर मिलते ही परिवार और कुछ समर्थक मंगलवार दोपहर ही दिल्ली पहुंच गए।
वहीं, पीड़िता ने सजा निलंबित होने को अपनी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। फोन पर बातचीत में उसने कहा कि अदालत ने सेंगर को राहत दे दी, लेकिन उनके चाचा अभी भी जेल में हैं। पीड़िता का कहना है कि ऐसे फैसले न्याय की उम्मीद को कमजोर करते हैं और पीड़ितों का भरोसा तोड़ते हैं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अमर उजाला प्रीमियम वीडियो सिर्फ सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध है
प्रीमियम वीडियो
सभी विशेष आलेख
फ्री इ-पेपर
सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।