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Naxalites from Chhattisgarh surrendered: 22 Naxalites from Chhattisgarh surrender in Odisha
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Naxalites from Chhattisgarh surrendered: ओडिशा में छत्तीसगढ़ के 22 नक्सलियों का सरेंडर
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 23 Dec 2025 09:40 PM IST
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नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम के बीच एक बड़ी सफलता सामने आई है। छत्तीसगढ़ के 22 नक्सलियों ने ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। खास बात यह है कि ये सभी नक्सली एके-47, इंसास राइफल समेत कुल नौ अत्याधुनिक हथियारों के साथ सरेंडर करने पहुंचे। इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर एक करोड़ 84 लाख 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था, जिसे सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर करने वाले सभी नक्सली लंबे समय से सक्रिय थे और कई बड़ी हिंसक घटनाओं में उनकी संलिप्तता सामने आ चुकी है। बताया जा रहा है कि ये नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सक्रिय थे और उन्होंने सुरक्षा बलों पर हमले, लूटपाट, धमकी और अन्य गंभीर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। इन सभी के खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं के तहत कई मामले दर्ज हैं।
हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई, बेहतर खुफिया तंत्र और सरकार की पुनर्वास नीति का असर अब जमीन पर साफ दिखने लगा है। नक्सलियों पर एक ओर जहां लगातार दबाव बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरेंडर करने वालों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर भी दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा भी कई बार नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उनके पुनर्वास और भविष्य की जिम्मेदारी सरकार लेगी, लेकिन जो हथियार के रास्ते पर बने रहेंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार भी पूरी तरह आक्रामक रुख अपनाए हुए है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश को नक्सलमुक्त घोषित करने का संकल्प लिया है। इसी रणनीति के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, जिनमें कई बड़े नक्सली मारे गए हैं और बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हथियारों के साथ 22 नक्सलियों का एक साथ आत्मसमर्पण नक्सल संगठन की कमजोर होती पकड़ और सुरक्षा बलों की बढ़ती सफलता का संकेत है। आने वाले समय में ऐसे और सरेंडर नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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