उन्नाव मामलें ने तूल पकड़ लिया है। साल 2017 के उन्नाव कांड में सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. अदालत ने सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक भी लगा दी है इतना ही नहीं दिल्ली में रहने समेत कई सख्त शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। जिसपर बवाल मचा है। हालांकि सेंगर अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा पर उसकी याचिका लंबित है इतना ही नहीं खबरों की मानें तो अब जिसकी सुनवाई आगामी जनवरी में होनी है। अब मामला इस लिए बड़ा हुआ की जमानत मिली जिसको लेकर परिजन गुस्से में दिखे है।
खबरों की मानें तो नाबालिग से दुष्कर्म में उम्रकैद की सजा निलंबित होने की सूचना पर जहां पूर्व विधायक का खेमा खुश है, वहीं मामले की जानकारी होते ही पीड़िता अपनी मां के साथ दिल्ली के इंडिया गेट पर धरना देने के लिए बैठ गई। इसकी जानकारी पुलिस पहुंची और दोनों को जबरन वहां से उठा दिया। दुष्कर्म पीड़िता का कहना है कि सेंगर बाहर आया दोबारा इसी जगह पर धरना देगी। बता दे की गांव में रहने वाली नाबालिग ने वर्ष 2017 में तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म की शिकायत की थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पीड़िता और परिवार की सुनवाई हुई थी। अप्रैल 2018 को प्रदेश सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मंजूरी दी गई। इस पूरे मामलें पर CBI ने रिपोर्ट दर्ज कर 13 अप्रैल 2018 की उसे लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया था।
अब जांच और दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के बाद आगामी 16 दिसंबर 2019 को कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई और न्यायालय ने कुलदीप को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया। 20 दिसंबर 2019 को न्यायालय ने कुलदीप को उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा से सदस्यता खत्म हो गई थी। बाद में कुलदीप व छोटे भाई अतुल को पीड़ित किशोरी के पिता की हत्या के मुकदमे में तीन मार्च 2020 को दस साल की सजा हुई थी। छह साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे रह रहे कुलदीप को न्यायालय ने 15 लाख के निजी मुचलके कई शर्तों के साथ सजा को निलंबित किया है। हालांकि कुलदीप ने सजा के खिलाफ अपील की है। इसकी सूचना मिलते ही परिवार और कुछ समर्थक मंगलवार की दोपहर ही दिल्ली पहुंच गए।
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