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Chief Justice Of India: भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए जस्टिस बीआर गवई, 14 मई को संभालेंगे पद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Tue, 29 Apr 2025 08:24 PM IST
सार

Next CJI Of India: कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनका नाम 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना की तरफ से केंद्र सरकार को सिफारिश के रूप में भेजा गया था।

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Justice Bhushan Ramkrishna Gavai appointed the next Chief Justice of India
Justice B R Gavai - फोटो : ANI
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न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को मंगलवार को भारत का अगला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति गवई 14 मई को सीजेआई का पदभार संभालेंगे। मौजूदा सीजेआई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का 13 मई को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जस्टिस गवई उनकी जगह लेंगे। जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं। कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनका नाम 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना द्वारा केंद्र सरकार को सिफारिश के रूप में भेजा गया था। जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 23 दिसंबर को 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे।


भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन भारत के मुख्य न्यायाधीश बने थे। जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे। 

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जस्टिस बीआर गवई के बड़े फैसले

  • राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई - 2022

जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद दोषियों की रिहाई को मंजूरी दी, यह मानते हुए कि तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

  • वणियार आरक्षण को असंवैधानिक घोषित करना - 2022

तमिलनाडु सरकार को वणियार समुदाय को विशेष आरक्षण देने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया, क्योंकि यह अन्य पिछड़ा वर्गों के साथ भेदभावपूर्ण था।

  • नोटबंदी को वैध ठहराना - 2023

जस्टिस गवई ने 2016 की नोटबंदी योजना को 4:1 बहुमत से वैध ठहराते हुए कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच परामर्श के बाद लिया गया था और यह "अनुपातिकता की कसौटी" पर खरा उतरता है।

  •  ईडी निदेशक के कार्यकाल का अवैध विस्तार - 2023

जुलाई 2023 में जस्टिस गवई की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया और उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद छोड़ने का निर्देश दिया था।

  •  बुलडोजर कार्रवाई पर रोक  2024

2024 में, जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि केवल आरोपी या दोषी होने के आधार पर किसी की संपत्ति को ध्वस्त करना असंवैधानिक है। कार्रवाई बिना कानूनी प्रक्रिया के नहीं कर सकते, अगर होती है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा।
 
अन्य अहम फैसले

  • मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी थी। उन्हें इस केस में दो साल की सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य करार दिया गया था।
  • सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ को जमानत दी।
  • दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दी।
  • दिल्ली शराब घोटाले में बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत दी।


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पिता रहे हैं बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। जस्टिस गवई के पिता दिवंगत आरएस गवई भी एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल रहे। जस्टिस गवई ने अपने वकालत करियर की शुरुआत साल 2003 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में बतौर एडिश्नल जज की थी। इसके बाद साल 2005 में वे स्थायी जज नियुक्त हुए। जस्टिस गवई ने 15 वर्षों तक मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और पणजी की पीठ में अपनी सेवाएं दीं।

बता दें कि, जस्टिस गवई देश के दूसरे अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन साल 2010 में यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। जस्टिस बीआर गवई साल 2016 में नोटबंदी को लेकर दिए गए फैसले का हिस्सा रहे। जिसमें कहा गया था कि सरकार को करेंसी को अवैध घोषित करने का अधिकार है। इसके अलावा जस्टिस गवई बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दिए आदेश का भी हिस्सा रहे और इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर फैसला देने वाली पीठ का भी हिस्सा रहे।


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